पृथ्वी राज कपूर के सबसे छोटे बेटे और राज कपूर के भाई शशि कपूर अपने ज़माने के चार्मिंग हीरो माने जाते हैं. उन्होंने शान, दीवार व सत्यम शिवम सुंदरम जैसी कई शानदार फ़िल्मों इंडस्ट्री को दीं. वो अपनी शानदार एक्टिंग के साथ-साथ बात करने के ख़ास अंदाज़ के लिए भी जाने जाते थे. वहीं, आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने एक विदेशी महिला से प्रेम किया और उसी से शादी की. आइये, इस लेख के ज़रिए जानते हैं शशि कपूर की शानदार लव स्टोरी के बारे में.
जेनिफर केंडल
शशि कपूर की प्रेमिका और पत्नी का नाम जेनिफ़र केंडल था. जानकारी के अनुसार, इनका जन्म 28 फरवरी 1933 को यूके में हुआ था. इन्हें पृथ्वी थियेटर के संस्थापक के रूप में भी जाना जाता है. बीबीसी के अनुसार, पृथ्वी राज कपूर की मृत्यु के बाद शशि कपूर ने अपनी पत्नी जेनिफ़र केंडल के साथ मिलकर पृथ्वी थियेटर की नींव रखी थी.
पहली नज़र में प्यार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शशि कपूर और जेनिफ़र की मुलाक़ात 1956 में कोलकाता हुई थी. दरअसल, जेनिफ़र के पिता गोफरे केंडल का भी ‘शेक्सपियरन’ नाम से एक थियेटर ग्रुप था, जो उस दौरान कोलकाता आया हुआ था. इसी दौरान शशि कपूर ने पहली बार जेनिफ़र को देखा था और देखते ही पहली नज़र में उनसे प्यार कर बैठे. कहते हैं शशि कपूर ने गोफरे का शेक्सपियरन ग्रुप जॉइन कर लिया था. जेनिफ़र भी थियेटर आर्टिस्ट थीं और दोनों से साथ मिलकर कई प्ले में काम किया.
वहीं, द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, जेनिफ़र की बहन Felicity Kendal ने अपनी आत्मकथा ‘White Cargo’ में लिखा है कि शशि कपूर ने पहली बार उनकी बहन जेनिफ़र को मुंबई के Royal Opera House में देखा था. जहां उन्हें जेनिफ़र को देखते ही प्यार हो गया था.
छुपकर की शादी
कहते हैं कि क्सपियर के प्रमुख प्ले ‘The Tempest’ में मिरांडा का किरदार निभाने के दौरान दोनों का प्यार परवाह चढ़ा. वहीं, 1958 में दोनों ने छुपकर शादी कर ली. दरअसल, इस शादी के लेकर दोनों परिवारों की तरफ़ से हामी नहीं मिली थी. वहीं, जेनेफ़र के पिता इस रिश्ते के खिलाफ़ थे. इसलिए, मौका पाकर दोनों ने अपनी मर्जी से शादी कर ली. कहते हैं उस वक़्त शशि कपूर की उम्र 20 वर्ष और जेनिफ़र की उम्र 25 वर्ष की थी.
शशि कपूर को गे समझ बैठी थीं जेनिफ़र
कहते हैं कि शशि कपूर पर्दे में जितने शर्मीले दिखते थे, उतने ही वो असल ज़िंदगी में भी थे. वहीं, वो जेनिफ़र से बात करते हुए भी काफ़ी शर्माते व हिचकिचाते थे. एक समय बाद जेनिफ़र को लगा कि शशि कपूर को शायद लड़कियों में दिलचस्पी नहीं है और उन्होंने शशि को गे समझ लिया था. हालांकि, बाद में ये ग़लतफ़हमी दूर हो गई थी. इस बात का ज़िक्र शशि कपूर ने अपनी किताब ‘पृथ्वीवालाज़’ में भी किया है.
जेनिफ़र की मौत
7 सितंबर 1984 को जेनिफ़र की कैंसर से मौत हो गई थी. ये शशि कपूर के जीवन का एक बड़ा सदमा था. जेनिफ़र के निधन के बाद शशि काफ़ी टूट गए थे. उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना छोड़ दिया था. वहीं, जेनिफ़र के मौत ग़म में वो उनका स्वास्थ्य भी धीरे-धीरे बिगड़ रहा था. अपनी मृत्यु तक वो अपनी पत्नी के यादों के सहारे ज़िंदा रहे.