दिल्ली की शाइन सोनी ने ‘मिस ट्रांसक्वीन इंडिया 2020’ का ख़िताब अपने नाम किया है. बीते शनिवार को ‘मिस ट्रांसक्वीन इंडिया पेजेंट 2020’ की ओर से विजेता के रूप में शाइन सोनी को ताज पहनाया गया. पेशे से फ़ैशन डिज़ाइनर शाइन अब अगले साल थाईलैंड में होने वाली ‘मिस इंटरनेशनल क्वीन प्रतियोगिता’ में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.
‘Bullied Child’ से लेकर ‘मिस ट्रांसक्वीन इंडिया 2020’ बनने तक शाइन का ये सफ़र बेहद मुश्किलों भरा रहा. इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. ट्रांसजेंडर होने के चलते शाइन को लोगों के ताने सुनने पड़ते थे, लेकिन अपनी कामयाबी से उन्होंने समाज की इस सोच को बदलने का काम किया है.
CNN से बातचीत में शाइन सोनी ने कहा कि, हमारे समुदाय ने रूढ़िबद्ध धारणा को ग़लत साबित कर दिया है. आज बहुत सारी ट्रांसजेंडर महिलाएं अलग-अगल क्षेत्रों में काम कर रही हैं. हॉस्पिटैलिटी से लेकर सिविल सर्विसेज में ट्रांसजेंडर महिलाओं ने अपनी पहचान बनाई है. मैं ट्रांसवुमन के सशक्तीकरण और बेहतरी के लिए काम करना चाहती हूं.
शाइन सोनी ने आगे कहा, लोगों में पेजेंट के बारे में ग़लत धारणा है. मुझे लगता है कि पेजेंट सिर्फ़ सुंदरता या ग्लैमर के बारे में ही नहीं, बल्कि ये एक ऐसा मंच है जहां हम जैसे लोगों की आवाज़ सुनने को मिलती है. इस मंच तक पहुंचने के लिए शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है. मैं शिक्षा का उपयोग एक साधन के रूप में करूंगी और समाज में बदलाव लाने की कोशिश करूंगी.
कैसी थी शाइन की ये जर्नी?
शाइन जब पैदा हुईं तो वो एक लड़का थीं, लेकिन समय के साथ उनके शरीर में बदलाव आने लगे तो मां बेहद परेशान हो गयीं. स्कूल में दोस्त मज़ाक बनाते थे. बाल बढ़ाती तो दोस्त लड़की कहकर छेड़ते थे. जब बड़ी हुईं तो पहनावे को लेकर रिश्तेदार और आस पड़ोस के लोग ताने देने लगे. लड़कियों के कपड़े पहनकर घर से बाहर निकलो तो लोग घूरने लगते थे.
शाइन ने इन सब चीज़ों का बेहद बहादुरी के साथ सामना किया और अपनी पढ़ाई पर पूरी तरह से फ़ोकस करती रहीं. 17 साल की उम्र में अपने फ़ैशन डिज़ाइनर बनने के सपने को पूरा करने के लिए शाइन ने घर छोड़ दिया. इसके बाद उन्होने ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फ़ैशन टेक्नोलॉजी’ में एडमिशन लिया. इस दौरान शाइन ने अपने स्नातक अंतिम वर्ष में एक रियलिटी शो भी जीता.
‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फ़ैशन टेक्नोलॉजी’ से निकलने के बाद शाइन ने हांगकांग में ट्रेंड फ़ॉरकास्टिंग कंपनी WGSN के साथ इंटर्नशिप की. इसके बाद भारत वापस आकर उन्होंने अपना ख़ुद का लेबल ‘न्यूड’ शुरू किया, जो लिंगरी बनाता है.
कैसे शुरू ब्यूटी कॉन्टेस्ट का सफ़र?
साल 2017 में ‘मिस ट्रांसक्वीन इंडिया’ के पहले सीज़न के लिए ब्यूटी पेजेंट की संस्थापक और चेयरपर्सन रीना ने शाइन से इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए संपर्क किया था, लेकिन परिवार के दबाव के कारण वो उस समय घर से बाहर जाने में भी असमर्थ थीं. लेकिन वो रीना के साथ मिलकर LGBTQ समुदाय के लिए काम करने लगीं. इसके बाद शाइन ने ‘मिस ट्रांसक्वीन इंडिया 2020’ में भाग लिया और विजेता बनीं.
बता दें कि शाइन को आज फ़ैशन डिज़ाइनर के तौर पर ही नहीं, बल्कि इमेज कंसल्टेंट, क्रिएटिव डायरेक्टर और ट्रैवल ब्लॉगर के तौर पर भी जाना जाता है.
शाइन का पेजेंट का हिस्सा बनना उनके समर्पण और आत्मविश्वास को दर्शाता है. ये समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए देश के अन्य ट्रांसवुमेन के मनोबल को भी बढ़ाने का काम करता है.