लता मंगेशकर को आज भले ही देश स्वर कोकिला के नाम से जानता हो, मगर उनसे पहले सुरों की मल्लिका कोई और थीं. उन्होंने अपनी सुरीली और मखमली आवाज़ से सैंकड़ों गानों को हमेशा के लिए यादगार बना दिया. ‘कजरा मोहब्बत वाला’, ‘सैंया दिल में आना रे’, ‘मेरे पिया गए रंगून’, ‘कभी आर कभी पार’ जैसे गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं और इनके रिमीक्स तक बन चुके हैं. 

बात हो रही हो हिंदी सिनेमा की मशहूर गायिका शमशाद बेगम जी की. उन्होंने अपने करियर में लगभग 6000 गाने गाए. इसमें से क़रीब आधे हिंदी भाषा में और दूसरे तमिल, गुजराती, पंजाबी और मराठी और बंगाली भाषा के थे. उन्होंने नौशाद, एसडी बर्मन और ओ पी नैयर जैसे फ़ेमस म्यूज़िक डायरेक्टर्स के साथ भी काम किया था.

findagrave

शमशाद जी को बहुत छोटी उम्र से ही गाने का शौक़ था. मगर फ़िल्मों में गाना उनके लिए सपने जैसा था. इसके लिए उन्हें अपने परिवार से काफ़ी संघर्ष करना पड़ा था. क्योंकि उनके पिता गायकी के ख़िलाफ थे. मगर उनके पिता जी ने एक शर्त पर उनको गाने की इजाज़त दी थी. 

thebetterindia

बात उन दिनों की है जब वो स्कूल में थीं. तब वो स्कूल की प्रार्थना सभा में लीड सिंगर थीं. शमशाद जी के पिता तो उनके गाने के ख़िलाफ थे मगर उनके मामा ने उनका साथ दिया. वो चाहते थे कि शमशाद अपने हुनर को आगे तक लेकर जाएं. इसलिए वो एक दिन चुपके से शमशाद जी को एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में ले गए. 

thetimes

उनकी आवाज़ का टेस्ट हुआ और वे सेलेक्ट हो गईं. प्रसिद्ध संगीतकार गुलाम हैदर ने उन्हें गाने का मौक़ा दिया था. तब उन्हें एक गाने के लिए 12 रुपये दिए गए थे. पर अभी समस्या टली नहीं थी. उनके पिता अभी तक राज़ी नहीं हुए थे. उन्होंने जब देखा की बेटी अच्छा गाना गाती है, तो एक शर्त पर उन्हें सिंगिंग जारी रखने की अनुमति दी थी.

thehindu

शर्त ये थी कि शमशाद पर्दे के पीछे से गाना गाएंगी और कभी भी अख़बार में या कहीं भी उनकी फ़ोटो नहीं छपेगी. इसे मानने के बाद ही शमशाद जी के करियर की असली शुरुआत हुई. उनकी गायकी का जादू कुछ ही दिनों में लोगों के सर चढ़ कर बोलने लगा. कहते हैं कि उस दौर में वो एक गाने के लिए सबसे अधिक फ़ीस लिया करती थीं. लोग तो यहां तक कहते हैं कि वो जो गाना गा देती थीं उसका सुपरहिट होना पक्का था.

Entertainment के और आर्टिकल पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.