सोनू सूद. अब नाम के आगे एक्टर लगाना ज़रूरी नहीं रह गया है. सोनू सूद ने देश-दुनिया में एक अलग और बड़ी पहचान हासिल कर ली है. वो किसी के लिए रियल लाइफ़ हीरो बन चुके हैं तो किसी के लिए मसीहा. लॉकडाउन के दौरान चाहे हज़ारों-लाखों की संख्या में प्रवासी मज़दूरों को उनके घर भेजने से लेकर खाने-पीने का इंतज़ाम करना हो या फिर सोशल मीडिया के ज़रिए उनसे मदद मांगने वालों को तुरंत सहायता करना हो, सोनू सूद हमेशा आगे रहे. 

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लेकिन सोनू सूद का जो सफ़र लॉकडाउन और कोरोना के मुश्किल दौर में शुरू हुआ, वो अब एक बिल्कुल ही अलग मुक़ाम पर पहुंचने जा रहा है. अब सोनू उन दो समस्याओं का हल निकालने जा रहे हैं, जो इस देश के ग़रीब लोगों की बदहाली का सबसे बड़ा कारण हैं. वो दो चीज़ें हैं, शिक्षा और स्वास्थ्य. 

प्रतिभाशाली छात्रों की मिलेगी स्कॉलरशिप 

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सबसे पहले बात शिक्षा की. सोनू सूद ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया है कि वो प्रतिभाशाली छात्रों को स्कॉलरशिप देने जा रहे हैं. ऐसे छात्र जो पढ़ने में तो बेहतर हैं, लेकिन पैसा न होने के चलते वो अच्छी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. ऐसे छात्रों की पढ़ाई से लेकर खाने-पीने तक का पूरा खर्चा उठाया जाएगा. अब तक उनके पास 1 लाख 72 हज़ार के क़रीब एप्लीकेशन्स भी आ चुकी हैं, जिनमें से क़रीब 2 से 3 हज़ार स्टूडेंट्स को शॉर्टलिस्ट भी कर लिया गया है. 

मरीज़ों की मुफ़्त में हो सकेगी सर्जरी 

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शिक्षा के साथ ही सोनू स्वास्थ्य को लेकर भी एक बड़ी पहल कर रहे हैं. सोनू सूद एक ‘इलाज इंडिया’ नाम का एप लॉन्च करने वाले हैं, जिसके ज़रिए लोगों की फ़्री में सर्जरी की जा सकेगी. जी हां. इस प्लेटफ़ॉर्म पर देशभर के डॉक्टर्स और आर्थिक रूप से कमज़ोर मरीज़ जुड़ेंगे. ये एक ऑटोमेटेड एप होगा, जिसके ज़रिए डॉक्टर और मरीज़ एक दूसरे से संपर्क कर पाएंगे और मरीज़ की रिपोर्ट्स देखने के बाद उसकी फ़्री में सर्जरी की जा सकेगी. इस प्लेटफ़ॉर्म पर जुड़ने वाले डॉक्टर्स हर महीने एक मरीज़ की मुफ़्त में सर्जरी करेंगे. 

सोनू ने बताया कि ये एप बहुत हाईटेक होगा. अभी इसकी टेस्टिंग चल रही है, लेकिन इसके पहले ही क़रीब 50 हज़ार डॉक्टर्स उनके संपर्क में हैं, जो हर महीने फ़्री में एक और एक से ज़्यादा सर्जरी करने के लिए तैयार हैं. इतना ही नहीं, सोनू ने बताया कि अभी एप लॉन्च नहीं हुई है लेकिन फिर भी हम 10 से 12 सर्जरी रोज़ करवाते हैं. जल्द ही एप भी लॉन्च हो जाएगी. 

सोनू को उम्मीद है कि इस पहल के साथ कॉरपोरेट्स भी जुड़ेंगे, जिससे फ़ंड रेज़ किया जा सके. क्योंकि सर्जरी के अलावा दवाईंयों का भी खर्चा होता है. ऐसे में इस प्लेटफ़ॉर्म पर इलाज करने और करवाने वालों के साथ ही इलाज में सहायता करने वाले भी जुड़ सकेंगे.