टीवी तो आप देखते ही होंगे. टीवी पर कोई मैच आ रहा है, कोई न्यूज़ चल रहा हो, सीरियल ही क्यों न आ रहा हो. कभी ध्यान दीजिएगा, जब इन तमाम जगहों पर देशभक्ति, हीरो की हार कर जीतने वाली या सिर्फ़ जीत की ओर बढ़ने वाला सीन आता है, तब बैकग्राउंड में गाना बजता है. थोड़ा और गौर करेंगे, तो पाएंगे कि सामान्यत: उन गानों को सुखविंदर सिंह ने आवाज़ दी होती है.

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जिन्होंने स्टेडियम में मैच देखा है. चाहे वो हॉकी का मैच हो, या क्रिकेट का, ब्रेक में चक दे इंडिया का टाइटल ट्रैक ज़रूर बजता है, इस गाने को हमारे सुखी पाजी ने गाया है. मैच जीत जाने के बाद जो गाना बजता है- जय हो, इस अंतरराष्ट्रीय ख़्याती प्राप्त गाने को भी सुखविंदर सिंह ने ही गाया है.

कभी-कभी तो लगता है जब भी भारत में खेल के उत्थान की बात होगी, तब फुट नोट में- सुखविंदर सिंह के दमदार और रगों में उत्साह भर देने वाले गानों का ज़िक्र ज़रूर होगा.

ऐसा नहीं है कि सुखविंदर ने सिर्फ़ इन्हीं दो गानों की बदौलत अपनी धाक जमा ली है. जब सुखविंदर सिंह की आवाज़ कहती है, ‘ऊपर अल्लाह नीचे धरती बीच में तेरा जुनून’, तब आप भी ‘रे सुलतान’ चीख कर गाने की कोशिश करते हैं. तारीफ़ लिखने वाले की भी और उसको संगीत देने वाले की भी, लेकिन ऐसे गानों को सुखविंदर अपने कब्ज़े में ले लेते हैं. आप बेश्क बड़े संगीत प्रेमी होंगे, आपको गाने के बारे में पूरी जानकारी होगी. लेकिन जैसे ही ज़िक्र निकलेगा उन तमाम गानों का, पहली तारीफ़ आप सुखविंदर सिंह की ही करेंगे.

अब तो समझिए एक प्रथा बन चुकी है, चाहे फ़िल्म का ताल्लुक किसी स्पोर्टस से न भी हो, अगर उसमें कोई सीन ऐसा है जिसमें हीरो संघर्ष कर रहा है, परिस्थितियों से लड़ रहा है, अपने भीतर के लड़ाके को बाहर निकालने के प्रोसेस में है, तब बैकग्राउंड में गाना सुखविंदर का ही बजता है. ताज़ा उदाहरण ‘संजू’ का ले लीजिए.

ऐसा नहीं है सुखी पाजी के आवाज़ को आज ये पहचान मिली है, बहुत पहले एक फ़िल्म आई थी ‘इक़बाल’. इस फ़िल्म ने बॉलीवुड को श्रेयस तलपड़े दिया था. कहानी थी एक गूंगे-बहरे खिलाड़ी की, फ़िल्म रिलीज़ हुई थी 2005 में. उस वक़्त भी जब हीरो के भीतर जज़्बा भरने की ज़रूरत पड़ी थी, तब सुखविंदर सिंह की आवाज़ ही काम आई थी.

https://www.youtube.com/watch?v=fkZrj33yU2Q

अभी हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के जीवन पर बनी फ़िल्म ‘सूरमा’ अगले महीने रिलीज़ होने वाली है. संदीप सिंह के किरदार को दिलजीत दोसांझ ने निभाया. दिलजीत ख़ुद भी एक बहुत मंझे हुए गायक हैं. लेकिन जब हम ट्रेलर देखते हैं, तब एक दमादर आवाज़ सुनाई देती है. वो आवाज़ दिलजीत की नहीं है, वो आवाज़ है सुखविंदर सिंह की. उसके बोल क्या हैं वो तो गाना बाहर आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन अभी के लिए इतना अंदाज़े से कहा जा सकता है कि जब संदीप सिंह अपनी परस्थितियों से लड़ रहा होगा, तब उसे बैकग्राउंड म्यूज़िक से उसे हिम्मत देने की कोशिश की जाएगी और आवाज़ होगी सुखविंदर सिंह की.