अपनी अदाओं से सबको दीवाना बना देने वाला बच्चा सनी पवार वापस भारत आ गया है. आपको हमने दिखाया था कि ऑस्कर समारोह के दौरान ये बच्चा सबका चहेता बन गया. जहां एक तरफ़ कई सेलिब्रिटीज़ ने इसके साथ फ़ोटो खिंचवायीं, वहीं कोई उसे गोद में उठाकर प्यार दिखा रहा था. जब सनी वापस अपने देश आया, तो यहां उसका मालाओं और फूलों से स्वागत हुआ और कई राजनेताओं ने उसको लंच पर भी आमंत्रित किया. आठ साल का ये बच्चा, जो ऑस्कर के दौरान अपना जलवा बिखेर कर आया है, अपने देश में भी भी स्टार बन चुका है.

उसका कहना है कि:-

“जब से मैं यहां आया हूं, पागल हो गया हूं. मुझे फ़ोन आने बंद ही नहीं हो रहे. मुझे एक मिनट का भी आराम नहीं मिला है.मुझे अपने परिवार को इतनी इज़्ज़त मिलते देख बहुत ख़ुशी हो रही है. उनके सपोर्ट के बिना मैं शायद कुछ नहीं कर पाता. जिस सफ़र से मैं अभी गुज़र रहा हूं, उसमें किसी ने गरीब समझ कर हमारा मज़ाक नहीं उड़ाया.”

Los Angeles में सनी को 89वें अकादमी अवार्ड्स के दौरान स्टार घोषित किया गया था. उस अनुभव के बारे में सनी कहता है कि मेरे लिए वहां सब अंजान ही थे, पर सब बहुत प्यार थे और सबने बहुत प्यार दिया. देव पटेल मेरे लिए सबसे बड़े स्टार हैं और वो मेरे बेस्ट-फ्रेंड हैं.

सनी को 2000 बच्चों में से चुना गया था और उसने Lion फ़िल्म में मुख्य किरदार रहे Saroo Brierley के बचपन का किरदार निभाया था. इसके लिए उसको ऑस्कर के Emotional Portrayal की सूची में नामांकित किया गया था. 

बच्चे को मुकाम तक पहुंचाने की भाग-दौड़ में सनी के पिता दिलीप की नौकरी चली गई, पर उन्हें इस बात का कोई मलाल नहीं है. उनके लिए उन्हें उनके बच्चे के कारण जो इज़्ज़त मिली है, वही बहुत है.

सनी के माता-पिता दिलीप और वासु पवार मुंबई के एक स्लम एरिया में रहते हैं. उनका घर बस एक कमरे का है, जिसमें कोई बाथरूम भी नहीं है. उसके लिए उन्हें सार्वजनिक बाथरूम यूज़ करना पड़ता है. दिलीप और वासु के सनी के अलावा दो और बच्चे हैं, जिनके नाम दिविषा और जिग्नेश हैं. वो कॉलोनी के ही एक सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं.

इसी स्कूल में कुछ लोग आये थे, जो बच्चों को ऑडिशन के बारे में बता रहे थे. सनी इस बात से काफी Excited था और उसने अपने पिता से वहां जाने की इच्छा जताई. फिर आगे क्या हुआ आप सबको पता ही है.

जब सनी के घरवालों को बताया गया कि उसको महीनों घर से दूर रहना होगा, तो उसकी मां बहुत डर गईं थीं. पर पूरी यूनिट ने जब उन्होंने भरोसा दिलाया, तब जाकर वो मानीं. सनी के लिए सब कुछ नया और अनोखा था. कुल तीन महीनों तक सनी घर से दूर रहा क्योंकि फ़िल्म की ज़्यादातर शूटिंग कोलकाता और ऑस्ट्रेलिया में हुई थी.

सनी की काबिलियत और टैलेंट ने उसे तो स्टार बनाया ही, साथ ही उसके परिवार को एक नई पहचान भी दिलायी. इस स्टार को उसके आगामी भविष्य के लिए बहुत सारी शुभकामनाएं.