ये गाना सुनने के बाद मेरे रोंगटे खड़े हैं. मैं एक-एक शब्द को बहुत सोच समझ कर लिखने की कोशिश कर रहा हूं क्योंकि गुरदास मान जी का ये एल्बम, सिर्फ़ गाना नहीं, एक बड़ी ज़िम्मेदारी है.

जहां आज कमर्शियल म्यूज़िक के ज़माने में गानों के नाम पर शराब, लड़कियों और नशे की बात होती है, वहीं गुरदास मान जी नशे के​ विरोध में खड़े हैं. मान जी ने पहले भी नशे के खिलाफ़ आवाज़ उठाई है और इस गाने ‘PUNJAB’ में भी उनका दर्द और फ़िक्र साफ़ झलक रही है. गाने में मान जी ने भगत सिंह जी के बलिदान और आज़ादी की लड़ाई को नशे की गुलामी से जोड़ा है.

इस गाने की देश को ज़रूरत है!