वेब सीरीज़ द फ़ैमिली मैन (The Family Man) के जे.के. तलपड़े को कौन नहीं जानता? इस किरदार को अभिनेता शारिब हाशमी ने निभाया था. जे.के. के किरदार के लिए शारिब को Filmfare अवॉर्ड मिला था. शारिब ने छोटे-छोटे किरदारों को निभाकर बॉलीवुड हो या OTT दोनों ही जगह अपनी एक ख़ास पहचान बना ली है.

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शारिब ने ‘द फ़ैमिली मैन’ (Sharib Hashmi The Family Man) के अलावा, शारिब ‘फ़िल्मिस्तान’, ‘असुर’, ‘द ग्रेट मर्डरर’, ‘फ़र्ज़ी’ और हाल ही में आई ‘तरला’ जैसी फ़िल्में और वेब सीरीज़ की है. शारिब अपनी दमदार एक्टिंग से हर रोल में जान फूंक देते हैं.

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शारिब के उम्दा किरदारों ने ही इन्हें बेस्ट अभिनेताओं की लिस्ट में शामिल किया है. इस मुक़ाम को पाने के लिए शारिब ने इंतज़ार के साथ-साथ बहुत कड़ा संघर्ष भी किया है, जिसमें उनका साथ दिया है कि उनकी पत्नी नसरीन हाशमी ने.

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भले ही आज फ़िल्म मेकर्स शारिब हाशमी के टैलेंट का लोहा मानते हों मगर एक वक़्त वो भी था जब शारिब को फ़िल्मों के लिए कई बार ऑडिशन देने पड़ते थे. शारिब ने अपने करियर के शुरुआती दौर के बारे में दैनिक भास्कर बात करते हुए अपनी ज़िंदगी के कई पहलुओं को साझा किया.

उनकी पत्नी ने संघर्ष के दिनों में उन्हें बहुत सपोर्ट किया. यहां तक घर का खर्च चलाने के लिए अपने गहने तक बेच दिए. इतना ही नहीं उन्होंने ऐसे दिन भी देखे जब पैसों के लिए उन्हें घर भी बेचना पड़ा. शारिब की शादी 2003 में हुई और 2009 में उन्होंने फ़िल्मों में अपनी क़िस्मत आज़माने की सोची.

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दरअसल, फ़िल्मों में आने का फ़ैसला शारिब ने फ़िल्म ‘धोबी घाट’ में रिजेक्ट होने के बाद किया क्योंकि शारिब को इस फ़िल्म के लिए सेलेक्ट करने के बाद रिजेक्ट किया गया ता. इसलिए इन्होंने अपनी MTV की इन-हाउस राइटर की नौकरी छोड़ एक्टिंग में आने का फ़ैसला किया.

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शारिब ने बताया कि,

नौकरी छोड़ने के बाद मेरा काम सिर्फ़ ऑडिशन देना था क्योंकि मुझ पर मेरी पत्नी और बच्चों की ज़िम्मेदारियां थीं. मेरी सेविंग्स ख़त्म होने लगीं और मैंने अपने दोस्तों से पैसे लेने शुरू कर दिये थे. शायद ही कोई दोस्त होगा जिससे मैंने पैसे के लिए बात न की हो. संघर्ष के उन दिनों में मेरा सपोर्ट सिस्टम मेरी पत्नी बनीं जिन्होंने घर चलाने के लिए अपने ज़ेवर तक बेच दिये ताकि घर में खाने का इंत़जाम हो सके. यहां तक कि हमने गुज़ारा करने के लिए अपना घर भी बेच दिया. जैसे-जैसे समय गुज़र रहा था मेरी उम्मीद ख़त्म हो रही थी. मुझे तो ये लगने लगा था कि मैं अपने परिवार को अगले टाइम क्या खिलाऊंगा.

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ये 3 साल तक चला और फिर मैंने दोबारा नौकरी करने का फ़ैसला किया. मैंने Sony TV के साथ काम करना शुरू किया और उनके शो के एंकरों के लिए स्क्रिप्ट लिखी. इसी दौरान मैंने मेहरूनी (Mehrooni) नाम की एक शॉर्ट फ़िल्म में काम किया, जिसे देखने के बाद मुझे अपनी पहली फ़िल्म मिली जब तक है जान. शानू शर्मा ने मेरी शॉर्ट फ़िल्म देखी मुझे शाहरुख़ ख़ान, अनुष्का शर्मा, कैटरीना कैफ़ स्टारर फ़िल्म के लिए कास्ट किया.

शाहरुख़ ख़ान के साथ अपने डेब्यू के बाद शारिब ने कई उम्दा किरदार निभाए हैं और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई है. हाल ही में, उन्हें शेफ़ तरला दलाल की बायोपिक में तरला में देखा गया है. इसमें हुमा क़ुरैशी ने तरला दलाल का किरदार निभाया है और शारिब उनके पति के किरदार में है. इसके अलावा, शारिब ज़रा हटके ज़रा बचके में भी एक छोटे से रोल में नज़र आये थे.