The Kashmir Files Characters: डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने वैसे तो कई फ़िल्में बनाई हैं, लेकिन जितनी गहरी छाप उन्होंने अपनी हालिया फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ (The Kashmir Files) के ज़रिए लोगों के दिलों में छोड़ी, उसको शब्दों में बयां करना मुश्किल है. ये फ़िल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके राज्य से बेघर होने की सच्ची घटना पर आधारित है. ये फ़िल्म लोगों के दिलों को छू गई. जो भी सिनेमाघरों में फ़िल्म को देखने गया, वो बाहर आंखों में नमी लेकर निकला. इसके साथ ही फ़िल्म के किरदार भी अपनी क़माल की एक्टिंग से लोगों को झकझोर कर रख दिया. कुछ पल के लिए तो ऐसा लगने लगा कि मानों ये सभी उसी कैरेक्टर को निभाने के लिए बने हैं. 

यहां आपको फ़िल्म के उन 7 कैरेक्टर्स (The Kashmir Files Characters) के बारे में बताएंगे, जो सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं.

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The Kashmir Files Characters

1. शारदा पंडित (गिरजा टिक्कू)

फ़िल्म में दिखाया गया शारदा पंडित का क़िरदार भाषा सुम्बली ने निभाया है. ये गिरजा टिक्कू नामक लड़की की असल कहानी है, जिसको आतंकवादियों ने बुरी तरह से रेप करके मार दिया था. आतंकवादियों के द्वारा किए गए जिस घिनौने व्यवहार का उसने सामना किया, वो लोगों का दिल चीर देने वाला है. वो बंदीपोरा की रहने वाली थी और कश्मीर के सरकारी स्कूल में बतौर लैब एसिस्टेंट के रूप में काम करती थी.

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2. बीके गंजू

फ़िल्म में दिखाया गया बीके गंजू का किरदार भी असल था. बीके गंजू एक टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर थे. आतंकवादियों को उन पर भारतीय सेना को सूचना देने का शक था. उनके पड़ोसियों ने आतंकवादियों को उनके घर में होने की जानकारी दी थी. इस दौरान टिक्कू अपने घर में रखे चावल के ड्रम में छुप गये थे, लेकिन आतंकियों ने ड्रम के अंदर ही उन्हें गोलियों से भून डाला था और ख़ून से सने चावल उनकी पत्नी व बच्चों को खिलाये थे. (The Kashmir Files Characters)

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3. राधिका मेनन (निवेदिता मेनन) 

साल 2016 में स्पीच देने वाली जेएनयू की प्रोफ़ेसर निवेदिता मेनन से फ़िल्म में दिखाए गए राधिका मेनन का क़िरदार मिलता-जुलता है. इसे पल्लवी जोशी ने निभाया है. फ़िल्म वो एएनयू नामक कॉलेज की प्रोफ़ेसर बनी हैं. वो मूवी में कहते हुए सुनी जा सकती हैं कि कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं रहा है और ये इतिहास का एक फैक्ट है. कुछ ऐसी ही पंक्तियां निवेदिता मेनन ने भी रियल ज़िंदगी में बोली थीं. 

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4. फ़ारूक़ अहमद डार (फ़ारूक़ मलिक बिट्टा)

फ़िल्म में आतंकवादी फ़ारूक़ अहमद डार का कैरेक्टर रियल लाइफ़ आतंकवादी फ़ारूक़ मलिक बिट्टा से मिलता है. उसका जन्म जनवरी 1973 में कश्मीर में हुआ था और वो आतंकवादी ग्रुप JKLF का लीडर और चेयरमैन था. उसको साल 2019 में हिरासत में लिया गया था और मौजूदा समय में वो अपने इस गुनाह की सज़ा सलाखों के पीछे काट रहा है. इसको चिन्मय मांडलेकर ने निभाया है.

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5. कृष्णा पंडित (कन्हैया कुमार)

फ़िल्म में कृष्णा पंडित का क़िरदार जेएनयू के स्टूडेंट रह चुके कन्हैया कुमार से प्रेरित है. फ़िल्म में वो एएनयू नामक कॉलेज में पढ़ाई करते हुए दिखाए गए हैं. इसके साथ ही वो अपने कॉलेज में प्रेसिडेंट इलेक्शन के लिए भी खड़े होते दिखाई देते हैं. वहीं, देखा जाए तो कन्हैया कुमार भी जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के प्रेज़िडेंट थे. इसके अलावा कृष्णा और कन्हैया नाम भी लगभग एक जैसे ही लिए गए हैं. 

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6. यासीन मलिक

फ़िल्म में एक्टर चिन्मय मांडलेकर ने यासीन मलिक आतंकवादी की भूमिका भी निभाई है. यासीन को कश्मीरी पंडितों के कश्मीर में हुए नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया था. जनवरी 1990 में यासीन मलिक 4 एयरफ़ोर्स ऑफिसर्स के क़त्ल का ज़िम्मेदार भी था.

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7. विष्णु राम (बरखा दत्त)

फ़िल्म में अतुल श्रीवास्तव ने जर्नलिस्ट विष्णु राम की भूमिका निभाई है. उनकी तुलना बरखा दत्त से की जा रही है, जिन्होंने कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार की वहां मौजूद रहकर रिपोर्टिंग की थी. उन पर कश्मीरी पंडितों के खिलाफ़ पक्षपात का भी आरोप लगा था.

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दिल पसीज कर रख देती है फ़िल्म.