देशभर में इन दिनों बस द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files) फ़िल्म की ही चर्चा हो रही है. इसे लेकर राजनीति भी ख़ूब हो रही है. कश्मीरी पंडितों की ज़िंदगी पर बनी ये फ़िल्म सिनेमाघरों में धमाल मचा रही है. इस फ़िल्म ने कमाई के मामले में बाहुबली, दंगल और पुष्पा जैसी फ़िल्मों के रिकॉर्ड तक तोड़ दिये हैं. द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files) 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी. ये अब तक 150 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है. सोशल मीडिया पर इसके पक्ष और विपक्ष में भी काफ़ी चर्चाएं हो रही हैं.

ये भी पढ़ें: सिर्फ़ अनुपम खेर ही नहीं, इन 8 फ़ेमस बॉलीवुड एक्टर्स का नाम भी ‘कश्मीरी पंडितों’ की सूची में है

द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files)

theprint

इस बीच द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files) फ़िल्म को लेकर अपने ट्वीट्स के चलते मध्य प्रदेश के IAS ऑफ़िसर नियाज़ ख़ान (IAS Niyaz Khan) भी सुर्ख़ियों में हैं. इस दौरान नियाज़ ने इस फ़िल्म को लेकर कई सारे ट्वीट्स किये जिसमें उन्होंने सवाल उठाये कि, द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files) फ़िल्म ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है. उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए. निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी एक फ़िल्म बनानी चाहिए. मुसलमान कीड़े-मकौड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं और देश के नागरिक हैं.

मैं अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा हूं, ताकि फ़िल्म निर्माता इस पर द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files) जैसी फ़िल्म बना सकें और अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को देशवासियों के सामने लाया जा सकें’.

कौन हैं IAS ऑफ़िसर नियाज़ ख़ान

नियाज़ ख़ान (Niyaz Khan) मध्य प्रदेश कैडर के 2015 बैच के IAS ऑफ़िसर हैं. इससे पहले वो राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे. प्रमोशन के बाद वो IAS बने हैं. नियाज़ मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. वर्तमान में वो मध्य प्रदेश ‘लोक निर्माण विभाग’ में उप सचिव के पद पर तैनात हैं. IAS ऑफ़िसर होने के साथ-साथ वो एक बेहतरीन राइटर भी हैं. नियाज़ अब तक किताबें लिख चुके हैं.

ummid

नियाज़ ख़ान का विवादों से पुराना नाता है. इसकी वजह से उनका कई बार तबादला भी हो चुका है.

नौकरी के दौरान विवाद

नियाज़ ख़ान अक्सर अपने ट्वीट को लेकर राजनेताओं के निशाने पर रहते हैं. साल 2019 में जब उनकी तैनाती पीएचई विभाग में हुई थी, तब तत्कालीन प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल से उनकी बहस हो गई थी. बताया जाता है कि नियाज़ ख़ान उस दिन मीटिंग में बिना तैयारी के ही पहुंच गये थे. इस दौरान विवेक और नियाज़ के बीच बात इतनी बढ़ गई थी कि सचिव ने उन्हें बाहर जाने तक को कह दिया था. नियाज़ ख़ान इसकी शिकायत तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती से की थी. इसके बाद उन्होंने प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल के साथ काम करने में असमर्थता जताई थी.

navbharattimes

‘ख़ान सरनेम’ जीने नहीं दे रहा

नियाज़ ख़ान हर मुद्दे पर बेबाकी से अपना पक्ष रखते हैं. इससे पहले भी वो अपने सरनेम को लेकर ट्वीट कर चुके हैं. साल 2019 में नियाज़ ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, ‘मेरे नाम के साथ ‘ख़ान’ लगा होने के कारण मुझे सर्विस के दौरान बहुत कुछ भुगतना पड़ा है और ख़ान सरनेम भूत की तरह मेरा पीछा कर रहा है. इसलिए मैं अपनी पहचान छिपाना चाहता हूं ताकि ‘मॉब लिंचिंग’ जैसी घटनाओं से बच सकूं. मैं कुर्ता-टोपी नहीं पहनता और दाढ़ी भी नहीं रखता हूं तो मैं हिंसक भीड़ से नकली नाम के सहारे बचा सकता हूं’.

अबू सलेम के साथ जेल में रहने की इच्छा

आईएएस नियाज़ ख़ान (IAS Niyaz Khan) अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की लव स्टोरी पर भी एक किताब लिख चुके हैं, जिसका नाम ‘Love Demands Blood’ है. ये एक एक्शन पैक्ड थ्रिलर नॉवेल है, जिसमें कई रोचक किस्से हैं. नियाज़ ने साल 2017 में आपने इसी नॉवेल को लेकर अबू सलेम के साथ 1 महीना जेल में गुजारने के लिए सरकार को अर्जी दी थी, लेकिन सरकार से उनकी ये खारिज़ कर दी थी. नियाज़ उस वक़्त मध्य प्रदेश के गुना ज़िले में एडीएम थे.

navbharattimes

‘आश्रम’ वेब सीरीज़ क्रेडिट के ख़िलाफ़ केस

आईएएस नियाज़ ख़ान (IAS Niyaz Khan) ‘आश्रम’ वेब सीरीज़ की टीम पर अपनी कहानी चुराने का आरोप लगाकर सुर्खियां बंटोर चुके हैं. वो अब तक 7 से अधिक नॉवेल लिख चुकें हैं. नियाज़ का दावा है कि उनके एक उपन्यास पर ‘आश्रम’ वेब सीरीज़ बनी है, जिसका क्रेडिट न मिलने पर नियाज़ ने ‘आश्रम’ के निर्माता निर्देशक और कलाकार के ख़िलाफ़ न्यायालय में मामला दर्ज किया है.

navbharattimes

इस्लामिक चरमपंथियों के ख़िलाफ़ लिखी किताब 

आईएएस नियाज़ ख़ान (IAS Niyaz Khan) ने हाल ही में इराक में यजीदियों पर ‘Be Ready to Die’ नामक किताब लिखी है. इसमें उन्होंने बताया है कि नॉर्थ इराक के ‘यजीदी’ हिंदुओं का ही रूप हैं. वो भी हिंदुओं की तरह सूर्य और अग्नि के उपासक हैं. इसीलिए इस्लामिक चरमपंथियों ने उनका जमकर कत्लेआम किया था.

amarujala

इस्लाम की छवि सुधारने का काम

आईएएस नियाज़ ख़ान (IAS Niyaz Khan) दुनिया में इस्लाम की छवि सुधारने के लिए ‘कुरान’ पर शोध कर रहें हैं. वो मोहम्मद साहब के जीवन पर लिखी किताबों का अध्ययन कर अपनी रिसर्च बुक यूरोप से प्रकाशित करवाना चाहते हैं. नियाज़ का दावा है कि वो सभी धर्मों में आस्था रखते हैं और वो शाकाहारी हैं.

mediawala

कर चुके हैं हिजाब का समर्थन 

आईएएस नियाज़ ख़ान (IAS Niyaz Khan) ने ‘हिजाब विवाद’ को लेकर भी अपनी बात प्रमुखता से रखी थी. इस दौरान उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि, ‘हिजाब हमारे जीवन की सुरक्षा करता है, साथ ही ये हमें प्रदूषण से भी सुरक्षित रखता है. इसलिए हिजाब को प्रोत्साहित करें जिससे लोग कोरोना और वायु प्रदूषण से सुरक्षित रह सकें. हिजाब या नकाब पर इतनी कंट्रोवर्सी क्यों?’

आईएएस नियाज़ ख़ान (IAS Niyaz Khan) के ट्वीट के बाद द कश्मीर फ़ाइल्स (The Kashmir Files) के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने 25 मार्च को अपनी मध्य प्रदेश विजिट के दौरान उनसे मिलने की इच्छा जताई है.