बॉलीवुड में ‘जग्गू दादा’ के नाम से मशहूर जैकी श्रॉफ़ आज 62 साल के हो गए हैं. उन्होंने साल 1982 में आई देव आनंद की फ़िल्म ‘स्वामी दादा’ के ज़रिये बॉलीवुड में कदम रखा था, लेकिन बड़ा ब्रेक उन्हें सुभाष घई की फ़िल्म ‘हीरो’ से मिला जो एक ब्लॉकबस्टर फ़िल्म थी. इसके बाद उन्होंने कर्मा, राम-लखन, त्रिदेव, परिंदा, सौदागर, खलनायक और रंगीला जैसी सुपरहिट फ़िल्मों में भी काम किया. जैकी अब तक 11 भाषाओं की 220 फ़िल्मों में काम कर चुके हैं.
आख़िर कैसे पड़ा ‘जग्गू दादा’ नाम?
बॉलीवुड में जैकी श्रॉफ़ को हर कोई ‘जग्गू दादा’ के नाम से जानता है. क्या आप जानते हैं उनका नाम ‘जग्गू दादा’ कैसे पड़ा? दरअसल, इस नाम के पीछे एक दर्दनाक कहानी छुपी हुई है. उनका एक बड़ा भाई था, जिसकी 17 साल की उम्र में पानी में डूबने से मौत गई थी. उस वक़्त जैकी मात्र 10 साल के थे.
कुछ साल पहले जैकी ने सिमी ग्रेवाल के चैट शो में एक दर्दनाक किस्सा शेयर करते हुए कहा था कि ‘मेरा भाई हमारी चॉल का असली ‘जग्गू दादा’ था. जब भी हमारी बस्ती के लोगों को किसी चीज की ज़रूरत होती थी, वो मदद के लिए तैयार रहता था. एक दिन भाई ने समुद्र में एक आदमी को डूबते देखा तो वो उसे बचाने के लिए पानी में कूद गया. उसे तैरना नहीं आता था, इसलिए वो डूबने लगा. उस वक़्त मैं भी वहीं था, भाई को डूबता देख मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या करूं क्योंकि मुझे भी तैरना नहीं आता था’.
इसके बाद मैंने मदद के लिए इधर-उधर हाथ पैर मारे, लेकिन वहां मदद के लिए कोई भी नहीं था. फिर मैंने भाई को बचाने के लिए एक केबल उसकी ओर फेंकी. उसने केबल पकड़ भी ली थी, लेकिन कुछ सेकंड बाद ही वो उसके हाथ से फिसल गई. उस वक़्त मैं 10 साल का था और बहुत डर गया था. मेरा भाई मेरी आंखों के सामने डूबकर मर गया और मैं देखता ही रह गया. उस दिन मैंने तय कर लिया था कि मैं भी अपने भाई की तरह ही बस्ती के लोगों की मदद करूंगा. बस उसी दिन से ये जैकी ‘जग्गू दादा’ बन गया.
बेहद ग़रीबी में बीता बचपन
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जैकी श्रॉफ़ का बचपन एक चॉल में बेहद ग़रीबी में बीता. उस ग़रीबी और तंगहाली से ऊपर उठकर बॉलीवुड का स्टार बनने की कहानी किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है.
दरअसल, जैकी श्रॉफ़ के पिता रईस पर्ल ट्रेडर परिवार से ताल्लुक रखते थे.उनको पार्टनरशिप बिज़नेस में काफ़ी घाटा हुआ, तो उनके बड़े भाई ने जैकी के पिता को घर से निकाल दिया. उसके बाद वो अपने परिवार के साथ मुंबई के मालाबार हिल के पास एक कमरे के मकान में रहने लगे. इसी एक कमरे के मकान में जैकी का जन्म हुआ था. 30 साल की उम्र तक जैकी उसी छोटे से कमरे में रहे.
नहाने के बाद मां की तस्वीर छूते हैं जैकी
जैकी अपनी मां के बेहद करीब थे. वो आज भी हर दिन नहाने के बाद अपनी मां की तस्वीर छूते हैं और उनकी तस्वीर को सूरज दिखाते हैं. क्योंकि उनकी मां हर सुबह सूर्य आराधना करती थीं.