आज भले ही हमें इंडियन टीवी शोज़ के नाम पर चिढ़ मचती हो, लेकिन एक वक़्त था, जब हमारे एंटरटेनमेंट का बड़ा हिस्सा यहीं से आता था. शौक़ कहें या ऑप्शन की कमी, हम परिवार के साथ बैठकर इन टीवी शोज़ को देखते ही थे. काफ़ी वक़्त तक ये शोज़ हमारे टीवी पर आते रहे और हम भी इनका लुत्फ़ उठाते रहे.
मग़र इस दौरान एक ऐसी चीज़ हुई, जिसका हमें रत्तीभर भी आभास नहीं था. वो था इन टीवी शोज़ के थीम सॉन्ग का हमारी ज़ुबान पर चढ़ जाना. मतलब म्यूज़िक तक हमारे ज़हन में चिपक चुकी थी. ऐसे में हमने सोचा क्यों न आज हम आपके साथ ऐसे ही पॉपुलर इंडियन शोज़ को शेयर करें, जिनके थीम सॉन्ग हमें 2 के पहाड़े से भी ज़्यादा आसानी ये याद हो चुके हैं.
1. कसौटी ज़िंदगी की
‘इंतिहां हर घड़ी की, कसौटी ज़िंदगी की…कसौटी ज़िंदगी की’. लोगों को जितना मज़ा इस शो को देखने में आता था, उतना ही लुत्फ़, पियानो की धुन के साथ शुरू हुए इस गाने को सुनकर भी मिलता था. साथ ही, ऐसा कोई दिन नहीं जाता था, जब लोग शो की मेन लीड श्वेता तिवारी की तुलना ऐश्वर्या राय से न करें.
2. कहीं तो होगा
‘कहीं न कहीं तो होगा…’ ये पांच बहनों की कहानी थी, जो बेस्ट फ़्रेंड्स की तरह एक साथ रहती थीं. बड़ी बहन कशिश की मोहब्बत सूजल (राजीव खंडेलवाल) को तो दर्शक आज तक भूल नहीं पाए हैं.
3. जस्सी जैसी कोई नहीं
सोशल मीडिया पर भले ही आज बॉडी शेमिंग पर ख़ूब चर्चा होती हो, लेकिन इस शो में ये मुद्दा बहुत पहले ही शामिल हो चुका था. इसका थीम सॉन्ग भी इतना रिफ़्रेशिंग था कि ख़राब से ख़राब मूड भी एक पल में ठीक हो जाता था.
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4. कहानी घर घर की
रिश्तों की पूजा करनी चाहिए और बड़ों का आदर, ये विचार यूं तो हर घर में सुनने को मिलता है, लेकिन इन शब्दों को मधुर धुन में पिरोने का काम इस शो ने ही किया था. वो भी ऐसे कि आज तक हम इस गाने को भूल नहीं पाए हैं.
5. क्योंकि सास भी कभी बहू थी
टिंग टिडिंग डिंग. हर रोज़ इस म्यूज़िक के साथ (स्मृति ईरानी) हमें अपने परिवार से मिलाती थीं, और हम हंसी-ख़ुशी मिल भी लिया करते थे. इस शो में मिहिर का रोल करने वाला इतनी बार बदला कि हमें यक़ीन हो गया कि वाक़ई में ‘रिश्तों के भी रूप बदलते हैं.’
6. मिले जब हम तुम
ये थीम सॉन्ग वाक़ई में कूल था. इतना कि जब भी बजता था, हम ख़ुद-ब-ख़ुद थिरकने लगते थे.
7. कितनी मोहब्बत है
8. दिल मिल गए
डॉक्टर्स इतने कूल होते हैं ये हमारे साथ-साथ डॉक्टर्स को भी इस शो के बाद ही पता चला था. बाकी डॉ. अरमान मलिक जैसा डॉक्टर तो हमें आज तक असल ज़िंदगी में दिखाई नहीं दिया.
9. कुमकुम – एक प्यारा सा बंधन
आपको ये शो हर दोपहर देखना ही पड़ता था क्योंकि आपके घर में उस वक़्त यही चलता था.
10. कहीं किसी रोज़
एक परिवार में होने वाले छल,कपट और बदले की कहानी बयां करता ये शो, उस वक़्त लोग अपनी सांस थाम कर देखा करते थे.
11. कुटुंब
गौरी और प्रथम के बीच का मज़ेदार टकराव और बचकाने प्रैंक्स को यादकर आज भी हंसी आ जाती है.
12. साराभाई vs साराभाई
ये शो वाक़ई में बेहद मज़ेदार था. एक अमीर और एक मिडिल क्लास शख़्स की सोच में कितना गैप होता है, इस शो में इस तरह दिखाया गया कि लोग लोटपोट हो गए.
13. लेफ़्ट राइट लेफ़्ट
इस शो में हमें इंडियन मिलेटरी एकेडमी एक झलक तो नज़र आई ही थी. साथ ही, इसका थीम सॉन्ग इतना ज़बरदस्त था कि यक़ीन नहीं कि इस गाने को आए हुए 16 साल से ज़्यादा बीत चुके हैं.
14. खिचड़ी
‘ओ हैलो हैलो हैलो…’ ये शो और इसका थीम सॉन्ग दोनों ही मस्त थे. सच में ‘खिचड़ी तेरा क्या ही कहना.’
इनमें से आपका फ़ेवरेट थीम सॉन्ग कौन सा है? हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.