क्राइम मर्डर मिस्ट्री. ये एक ऐसा टॉपिक है, जो अपने आप में ही रोमांच पैदा करने के लिए काफ़ी है. वहीं, अगर इसमें बॉलीवुड के ट्विस्ट और टर्न जुड़ जाएं तो मामला ग़ज़ब ही हो जाता है. ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्मों के ज़माने से लेकर आज तक बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक बेहतरीन हत्याओं के रहस्य से जुड़ी थीम पर फ़िल्में बनी हैं.   

ऐसी फ़िल्में जो न सिर्फ़ आपको सीट पर बांधे रखेंगी बल्कि पलक तक झपकाने नहीं देंगी. आज हम आपके लिए ऐसी ही सबसे ज़बरदस्त क्राइम मिस्ट्री फ़िल्में लेकर आए हैं, जिन्हें अगर आपने अबतक न देखा हो, तो फ़ौरन देखने का जुगाड़ कर लें.  

1-सीआईडी (1956)  

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सीआईडी 50 के दशक की एक सुपरहिट क्लासिक फ़िल्म है. इसमें देव आनंद एक ऐसे C.I.D. इंस्पेक्टर का रोल अदा कर रहे हैं, जो ख़ुद को झूठ और धोखे के जाल में फ़ंसा पाता है.   

2-बीस साल बाद (1962)  

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बीस साल बाद ब्लैक एंड व्हाइट ज़माने की एक सस्पेंस थ्रिलर क्लासिक है. ये फ़िल्म Sir Arthur Conan Doyle‘s की फ़ेमस स्टोरी ‘The Hound of the Baskervilles’ का रूपांतरण है. बॉलीवुड ड्रामा के तड़के के साथ पेश की गई इस फ़िल्म की कहानी बेहद दिलचस्प है.   

3-ग़ुमनाम (1965)  

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Agatha Christie के प्रसिद्ध उपन्यास ‘And Then There Were None’पर आधारित ये फ़िल्म अपने ज़माने की बॉक्स ऑफ़िस हिट रही है. सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर ये फ़िल्म यक़ीनन देखने लायक है.   

4-ख़ामोश (1985)  

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इस कहानी का प्लॉट एक फ़िल्म सेट पर हत्या से जुड़ा है. सवाल ये है कि हत्यारा कौन है? क्या क्रू का कोई मेंबर? विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में ज़बरदस्त सेस्पेंस और थ्रिलर है, जो आपको नाख़ुन चबाने पर मजबूर कर देगा. इस फ़िल्म की कहानी उस समय के हिसाब से काफ़ी अलग थी, इसिलए इसे तब रिजेक्ट कर दिया गया था. लेकिन बाद ये बॉक्स ऑफ़िस पर लंबे समय तक चली थी.   

5-गुप्त: द हिडन ट्रुथ (1997)  

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ये फ़िल्म प्यार, जुनून और बदले की कहानी है. ये फ़िल्म एक ऐसे युवक की कहानी बताती है जिस पर गलत तरीके से हत्या का आरोप है. लेकिन सवाल ये है कि अगर हत्या उस युवक ने नहीं की है, तो फिर असली क़ातिल कौन है? गुप्त 90 के दशक के सबसे सफ़ल थ्रिलर्स में से एक थी.  

6-मनोरमा सिक्स फ़ीट अंडर (2007)  

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Roman Polanski के ‘Chinatown’ (1974) से प्रेरित, मनोरमा सिक्स फ़ीट अंडर झूठ, धोखे और हत्या की एक दिलचस्प कहानी है. अभय देओल स्टारर इस फ़िल्म की कहानी एक ऐसे गैरपेशेवर जासूस है की है, जो सरकारी इंजीनियर है लेकिन उसका ध्यान इंजीनियरिंग में कम और जासूसी उपन्यास लिखने में ज़्यादा है. एक दिन उसे एक महिला जासूसी का काम सौंपती है, लेकिन आगे जाकर उस महिला की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हो जाती है.  

7-तलाश: द आंसर लाइज़ विद इन (2012)  

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इस फ़िल्म में आमिर ख़ान ने एक पुलिसवाले का क़िरदार निभाया है, जो एक हाईप्रोफ़ाइल केस की जांच कर रहा होता है. रीमा कागती के निर्देशन में बनी ये फ़िल्म सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर है. नवाजुद्दीन सिद्धीकी भी फ़िल्म में अहम रोल निभा रहे हैं. अब जब इस फ़िल्म की कास्ट इतनी अच्छी है, तो फ़िल्म कितनी बढ़िया होगी, इसे बताने की ज़रूरत नहीं है. बेहद दिलचस्प कहानी बयां करती इस फ़िल्म को अगर आपने नहीं देखा है, तो फिर देखने चाहिए.  

8-कहानी (2012)  

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बॉलीवुड में क्राइम मिस्ट्रीज़ पर बनी फ़िल्मों में ‘कहानी’ की एक बेहद अलग और दिलचस्प है. ये फ़िल्म एक ऐसी गर्भवती महिला की कहानी बताती है, जो अपने पति की तलाश में बाहर निकलती है. इस फ़िल्म ने न सिर्फ़ बॉक्स ऑफ़िस कमाई की थी, बल्कि इसमें मुख्य क़िरदार अदा करने वाली विद्या बालन को इंडस्ट्री में एक एक्ट्रेस के तौर पर एक अलग पहचान भी दिलवाई थी.   

9-अगली (2014)  

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ये वो फ़िल्म है, जिसे देखने के बाद कई दिन तक मन उलझन में रहेगा. जी हां, ये फ़िल्म बेहद डार्क और सस्पेंस से भरपूर हैं. कहानी का अंत बेहद चौंकाने वाला, जो सही मानो में डर पैदा कर देता है. बॉलीवुड में सस्पेंस और थ्रिलर थीम पर बेस्ड फ़िल्मों में से अगली वाकई एक उम्दा मूवी है.   

10-रहस्य (2015)  

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अरुशी तलवार मर्डर केस से प्रेरित ये फ़िल्म निश्चित तौर पर आपको अंत तक बांधे रहेगी. आरुशी का हत्यारा कौन? क्या सच में उसके माता-पिता ने ही उसकी हत्या की थी? ये सवाल आपको परेशान कर देंगे.  

11-द बॉडी (2019)  

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जेठू जोसेफ़ को इस फ़िल्म का निर्देशन जेठू जोसफ़ ने किया है. फ़िल्म में इमरान हाशमी, ऋषि कपूर, सोभिता धूलिपाला और वेदिका ने मुख्य क़िरदार निभाए हैं. फ़िल्म में एक बॉडी गायब है और ऋषि कपूर का क़िरदार इस केस की जांच करता है. लापता शरीर माया वर्मा का (सोभिता) है, जिसकी शादी पुरी (इमरान) से हुई है. जांच जल्द ही पुरी की ओर मुड़ती है, जिसका वेदिका के साथ विवाहेतर संबंध होने का खुलासा होता है. पुरी, माया से छुटकारा पाने की लाख कोशिश करता है, लेकिन वो सफ़ल नहीं होता है. शायद माया को उसके अफ़ेयर के बारे में पता चल गया था और क्या वाकई में माया मर चुकी है? इस फ़िल्म में लगातार सस्पेंस बना रहता है, जो इसकी कहानी की ख़ासियत है.  

12-मर्दानी 2 (2019)  

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मर्दानी 2 में रानी मुख़र्जी एक बार फिर पुलिस ऑफ़िसर शिवानी शिवाजी रॉय के क़िरदार में हैं. ये कहानी एक ऐसे साइको किलर के बारे में है, जो न सिर्फ़ लड़कियों को किडनैप कर उनका रेप करता है बल्क़ि बुरी तरह टॉर्चर करने के बाद हत्या कर देता है. गोपी पुथरान द्वारा निर्देशित ये फ़िल्म सस्पेंस और थ्रिलर का ज़बरदस्त तड़का है.