दुनिया में बॉलीवुड एक तरह से भारतीय सिनेमा का पर्याय माना जाता है. लोग फ़िल्मों को पसंद करते हैं, उसके पीछे सबसे बड़ी वजह फ़िल्मों में इस्तेमाल होने वाले गाने हैं. जी हां, बॉलिवुड गानों के लोग दीवाने हैं. लेकिन एक गाना, जो फ़िल्म में महज़ 2 से 3 मिनट का होता है, वो इतनी बड़ी छाप कैसे छोड़ जाता है. जवाब बहुत आसान है. एक गाने को यादगार बनाते हैं, उसके ‘बोल’. शायद यही वजह है कि सिर्फ़ पुरानी पीढ़ी ही नहीं बल्कि नई जेनरेशन भी ये कहते मिल जाती है कि यार गाने तो पुराने दौर के हुआ करते थे.
आज के वक़्त में ज़्यादातर गाने या तो कॉपी होते हैं, या फिर उनमें बेवजह के शब्द और कान फ़ाड़ू म्यूज़िक ठूंस दिया जाता है. ऐसे में हम सभी को लगता होगा कि शायद इसके पीछे वजह ये है कि बड़े गीतकार एक गाने लिखने के लिए बहुत ज़्यादा फ़ीस वसूल करते होंगे. इसी वजह से इंडस्ट्री कॉपी-पेस्ट करके काम चला रही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. अगर फ़िल्मों का बजट और गानों से होने वाली कमाई को देखा जाए तो मालूम पड़ेगा कि गीतकारों को उनकी प्रतिभा का वाज़िब दाम नहीं मिलता है.
…तो चलिए आज आपको बताते हैं कि सबसे बड़े गीतकार एक गाना लिखने के लिए कितने रुपये लेते हैं.
1-गुलज़ार
इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि गुलज़ार साहब भारतीय सिनेमा के लिए एक तरह से उपहार हैं. उन्होंने बेहद शानदार गीत लिखे हैं. एक से बढ़कर एक मार्मिक गीत, जिन्हें सुनकर हम बड़े हुए हैं. पूरी दुनिया गुलज़ार साहब की प्रतिभा से वाकिफ़ है. इतने बढ़े गीतकार एक गाना लिखने के लिए 15 से 20 लाख रुपये फ़ीस लेते हैं, जो एक ऑस्कर विजेता गीतकार के लिए बेहद कम फ़ीस है.
2-जावेद अख़्तर
जावेद साहब की शख़्सियत किसी परिचय की मोहताज नहीं है. हर कोई उनकी प्रतिभा से वाकिफ़ है. अपने गानों के लिए उन्हें कई फ़िल्मफ़ेयर और नेशनल अवॉर्ड मिल चुके हैं. अपने क्रॉफ़्ट पर उनकी ग़ज़ब की पकड़ है. बेहद शानदार गीत लिखने वाले जावेद साहब म्यूज़क ट्रैक के हिसाब से एक गाने के लिए 10 से 15 लाख रुपये के बीच फ़ीस लेते हैं.
3-प्रसून जोशी
केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष बनने के बाद अब प्रसून जोशी गीत नहीं लिखते हैं. लेकिन हर शख़्स जानता कि सबसे प्रतिभाशाली गीतकारों में से एक हैं, जिन्हें हम सुनते हुए बड़े हुए हैं. गीतों के साथ ही विज्ञापनों में लिखे उनके जिंगल भी धमाकेदार होते थे. ‘ठंडा मतलब कोका कोला’ तो आज भी सबकी ज़ुबान पर है. सीबीएफ़सी का अध्यक्ष बनने से पहले प्रसून जोशी एक गीत के लिए क़रीब 8-10 लाख रुपये लेते थे.
4-इरशाद क़ामिल
इरशाद कामिल बॉलीवुड के पहली पंक्ति के गीतकार हैं. उन्होंने गीतकार के तौर पर अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 2004 में फ़िल्म चमेली से की थी. इन सालों में उन्होंने ऐसे बेहतरीन गाने दिए हैं, जो उन फ़िल्मों का हिस्सा रहे हैं, जो अपने साउंडट्रैक की वजह से ही जानी जाती हैं. इरशाद क़ामिल अपने हर लिखे गाने के लिए क़रीब 8-9 लाख रुपये फ़ीस लेते हैं.
5-अमिताभ भट्टाचार्य
अमिताभ भट्टाचार्य एक सिंगर के रूप में पहचाने जाना चाहते थे, लेकिन क़िस्मत का लिखा कौन बदल सकता है. उन्हें आज हर कोई हर शख़्स एक ज़बरदस्त गीतकार के तौर पर ही जानता है. प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता ये गीतकार अब तक के सबसे फ़ेमस गीतकारों में से एक हैं. अमिताभ भट्टाचार्य एक गाना लिखने के लिए क़रीब 7-8 लाख रुपये चार्च करते हैं.
6-स्वानंद किरकिरे
स्वानंद किरकिरे एक भारतीय पार्श्व गायक,सहायक निर्देशक, संवाद लेखक और गीतकार हैं. सच्चे मानों में बहुमुखी प्रतिभा के धनी आदमी. अगर आप इन्हें नहीं पहचानते हैं तो कोई बात नहीं है, क्योंकि इनका काम अपने आप में पहचान है. थ्री इडियट्स के ‘बहती हवा सा था वो’ और आमिर की ही पीके मूवी के कई गानों को इन्होंने ही लिखा है. स्वांद किरकिरे एक गाना लिखने के लिए 6 से 7 लाख रुपये बतौर फ़ीस लेते हैं.
7-जयदीप साहनी
जयदीप साहनी का नाम सुनकर शायद आपको कोई गीत याद नहीं आ रहा हो, पर इनके नाम कई ज़बरदस्त गाने हैं. जयदीप अब तक कई फ़िल्मों में गाने लिख चुके हैं, जिसमें चक दे! इंडिया, रब ने बना दी जोड़ी और अंधाधुन जैसी बड़ी फ़िल्में शामिल हैं. जयदीप एक गाना लिखने के लिए 5 लाख रुपये चार्ज करते हैं.