बॉलीवुड में एक दौर था, जब डरावनी फ़िल्में ख़ूब बनाई जाती थीं. ये फ़िल्में जब ब्लैक एंड व्हाइट टीवी हुआ करता था, तब बहुत डरावनी लगती थीं, लेकिन अब उन्हें रंगीन टीवी पर देखकर हंसी आती है. ख़राब ग्राफ़िक्स, गंदे Monstrous Creatures और बेतुकी स्क्रिप्ट की वजह से, ये फ़िल्में अब कॉमेडी ज़्यादा लगती हैं.

‘रामू काका’, ‘पुरानी हवेली’, ‘डाक बंगला’ और ‘महाकाल’ जैसी फ़िल्मों ने बॉलीवुड की हॉरर फ़िल्मों की जो बेइज़्ज़ती कराई है, उसकी भरपाई बॉलीवुड की ये नई मूवीज़ करती हैं, जिन्हें आप अकेले में नहीं देख सकते.

1. रात (1992)

Fredanderson

अपनी ज़िन्दगी में राम गोपाल वर्मा ने दो चार फ़िल्में ही देखने लायक बनाई हैं. उनमें से ‘रात’ भी एक है. इस भुतहा फ़िल्म में एक Kitten मर जाता है, जिसे एक लड़की की आत्मा अपने वश में कर लेती है. फिर जो फ़िल्म में डरावने मोड़ आते हैं, उन्हें देखने के बाद आप कभी बिल्लियों को डराने की नज़र से नहीं देखेंगे. अगर रात में बिल्ली आपके सामने आ गई, तो आपकी सासें अटक जायेंगी.

2. 1920 (2008)

SantaBanta

एक सुनसान हवेली, एक रहस्यमय चौकीदार और एक नया शादी-शुदा जोड़ा. न ग्राफ़िक्स, न ही स्पेशल साउंड इफ़ेक्ट्स, लेकिन बेहद डरावनी फ़िल्म. इसे देखने के बाद आप अपने ही क़दमों की आहट सुनकर डर जायेंगे. विक्रम भट्ट की इस मूवी को देखने के बाद रात भर चैन की नींद तो शर्तिया नहीं आएगी.

3. राज़ (2002)

Facebook

इस फ़िल्म में कोई स्पेशल इफ़ेक्ट नहीं Use किया गया था. सिर्फ़ पटकथा और बिपाशा की शानदार एक्टिंग की वजह से पूरी मूवी डरावनी बन गई थी. ये फ़िल्म Michelle Pfeiffer की ‘What Lies Beneath’ से प्रभावित थी. इस फ़िल्म के बाद से ही बिपाशा को हॉरर गर्ल कहा जाने था.

4. रागिनी MMS (2011)

Cinema

रागिनी MMS अमेरिकन हॉरर फ़िल्म ‘Paranormal Activity’ से प्रेरित है. ये फ़िल्म एक वास्तविक घटना पर बनी है. पूरी नहीं, पर आंशिक रूप से. इसे देखने के बाद आपको बिस्तर पर कुछ देर डर तो ज़रूर लगेगा. इस मूवी को डायरेक्ट किया था पवन कृपालिनी ने.

5. 13 B (2009)

Gobollywood

शानदार स्क्रिप्ट और बेहतरीन अभिनय से सजी ये फ़िल्म, आपको डराने के लिए ही बनी है. इसमें न तो कैमरे का कमाल है, न ही स्पेशल साउंड इफ़ेक्ट है. कलाकारों ने अपनी एक्टिंग से इस फ़िल्म को बेहद डरावना बना दिया है.

6. महल (1949)

Hindilinks

भारत की पहली हॉरर फ़िल्म थी ‘महल’. पुनर्जन्म की कहानी पर बुनी गई ये फ़िल्म नब्बे के दशक तक सबको डराती रही. इसे तो घर में मम्मी, दादी सबने देखा होगा. वो भी डरी होंगी और आप भी डर जायेंगे क्योंकि फ़िल्म की पटकथा ही ऐसी बुनी गई है.

7. बीस साल बाद (1962)

Horrorpedia

आधी रात में भटकती एक रहस्यमयी महिला, जो ‘कहीं दीप जले कहीं दिल’ गुनगुनाते हुए महलों में भटकती रहती है. दर्शकों को डराने के लिए इतना बहुत है. 1962 में इस फ़िल्म से सबसे ज़्यादा कमाई की थी. ये फ़िल्म Arthur Conan Doyle की फ़िल्म ‘The Hound Of Baskerville’ से प्रेरित है. ये फ़िल्म पचास साल बाद भी उतनी ही डरावनी है.

8. हॉरर स्टोरी (2013)

Viralscape

कुछ दोस्तों का प्लान बनता है कि वो एक रात किसी भुतहा होटल में बिताएंगे. होटल में जाने के बाद उनकी ज़िन्दगी बदल जाती है. ये फ़िल्म इतनी डरावनी है कि आप अपनी ही परछाईं से डर जायेंगे.

9. शापित (2010)

Bestimage

विक्रम भट्ट का कोई जवाब नहीं है भुतहा फ़िल्में बनाने में. किरदार, लाइट, साउंड इफ़ेक्ट्स और अंधेरे के आस-पास बनी ये फ़िल्म, भट्ट कैम्प की बाक़ी फ़िल्मों की तरह डराने में कामयाब रही है. इस मूवी ने भी बताया है कि आत्माएं हमेशा बुरी ही होती हैं.

10. एक थी डायन (2013)

Rediff

कोंकणा सेन के बेहतरीन अभिनय ने इस फ़िल्म को बेहद डरावना बनाया है. इस फ़िल्म को देखने के बाद आपको एहसास हो जायेगा, डायन हमारे आस-पास ही रहती हैं. इसे देखने के बाद आप अपनी गर्लफ़्रैंड को भी शक़ की नज़रों से देख सकते हैं, कहीं आप डायन से प्यार तो नहीं कर बैठे.

11. भूत (2003)

Youtube

इस फ़िल्म को देखते वक़्त कई बार आप चीख़ सकते हैं. ये राम गोपाल वर्मा की  बेहतरीन मूवीज़ में से एक रही है. आग जैसी मूवी ने भले ही राम गोपाल को गुमनामी की ओर पहुंचा दिया हो, लेकिन कुछ अच्छी हॉरर फ़िल्में उनके भी खाते में हैं.

12. डरना मना है (2003)

Tkshare

रामगोपाल वर्मा ने अपनी इस मूवी में  पहले ही अपील कर दी है, ‘डरना मना है’. इस फ़िल्म में 6 Short Stories हैं, जो बेहद डरावनी हैं.

13. कोहरा (1964)

Memsab

Daphne du Maurier के उपन्यास ‘Rebecca’ से प्रभावित ये फ़िल्म, इसके हॉलीवुड संस्करण से बेहतर मानी जाती है. इस फ़िल्म का क्लाइमेक्स देखने लायक है, इसे ज़रूर देखें.

14. फूंक (2008)

Tfilm

राम गोपाल वर्मा भी भट्ट कैम्प की तरह हॉरर फ़िल्मों की Factory हैं. ये अलग बात है आजकल उनकी  किस्मत ख़राब चल रही है. ‘फूंक’ काले जादू की कहानी है. अकेले में इस फ़िल्म को देखकर चीख निकल सकती है.

ये ऐसी फ़िल्में हैं जिन्हें देखने के बाद आपको लाइट जला कर सोना पड़ेगा फिर भी आपको डर की वजह से नींद नहीं आएगी.