मुंबई को सपनों की नगरी कहते हैं, ये सपने सबको दिखाती है, पूरे उन्हीं के करती है, जिनमें जज़्बा होता है, जो उस सपने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. सायद इसीलिए यहां रोज़ लाखों लोग आते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही टिक पाते हैं, जो इस मायानगरी के जादू को तोड़कर उस जादू को पूरी दुनिया पर चलाते हैं. इन्हीं में से कुछ ऐसे ही बॉलीवुड (Bollywood) दिग्गज स्टार्स हैं, जिन्होंने इस मायानगरी को अपनी ज़िंदगी हिस्सा बनाने के लिए अपनों को छोड़ दिया और पूरी मेहनत और लगन से अपने सपने को पूरा करने में लग गए और उसे पूरा करने में कामयाब भी हुए, जिस परिवार को सपने के लिए छोड़ा था उस परिवार को भी अपने ऊपर विश्वास करने पर विवश कर दिया है. कहते हैं न कि ‘कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है’ इन स्टार्स ने ऐसा ही किया और संघर्ष से जमकर लड़े उससे डरे नहीं.

चलिए जानते हैं, आख़िर कौन से हैं वो बॉलीवुड स्टार्स (Bollywood) जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने अपनों को पीछे छोड़ आए और कुछ बन गए.

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1. यश (Yash)

KGF से धमाल मचाने वाले साउथ स्टार यश फ़िल्मों में आना चाहते थे, लेकिन उनके पिता जो एक बस ड्राइवर थे और उनकी मां हाउसवाइफ़ हैं. वो चाहते थे कि यश एक सरकारी अधिकारी बनें. इसका ज़िक्र एक इंटरव्यू में यश ने किया था, कि वो 300 रुपये लेकर फ़िल्मों में अपना नाम कमाने आए थे. इनके पिता ने कहा था कि अगर वापस आ गए तो फिर कोई दूसरा ऑप्शन नहीं होगा, लेकिन यश को कोई दूसरा ऑप्शन नहीं लेना पड़े. KGF से यश धमाल पर धमाल मचा रहे हैं.

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2. नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah)

दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह जिन्होंने अपने अभिनय से पूरी दुनिया को लोहा मनवाया है. इन्होंने भी 16 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था, जिसका ज़िक्र नसीर साहब ने अपनी ऑटोबायोग्राफ़ी में किया था. आज नसीरुद्दीन को किसी पहचान की ज़रूरत नहीं है.

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3. सोनू सूद (Sonu Sood)

सोनू सूद जो आज हर ज़रूरमंद के मसीहा बन चुके हैं और लॉकडाउन में कई बेघरों को उनके घर पहुंचाया था. वही सोनू सूद एक समय ऐसा था जब अपना घर छोड़ आए थे एक्टर बनने के लिए. क्योंकि सोनू के पेरेंट्स नहीं चाहते थे कि वो एक्टिंग की दुनिया में आएं. सोनू ने एक ट्वीट में लिखा था, ‘मैं डीलक्स एक्सप्रेस में सवार हो बॉलीवुड में अपने सपनों को पूरा करने के लिए लुधियाना से मुंबई चल दिया था. लुधियाना स्टेशन पर फ़िल्मफ़ेयर मैगज़ीन ख़रीद ली थी.’ ये फ़ैसा भले ही ुस वक़्त ग़लत लगा हो, लेकिन आज उनके फ़ैसले पर सबको गर्व होगा.

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4. कंगना रनौत (Kangana Ranaut)

कंगना रनौत ने इंडस्ट्री में ख़ुद की पहचान बना ली है आज वो पंगा क्वीन बन चुकी हैं. जब 15 साल की थीं तब अपने पेरेंट्स ने पंगा लेकर घर से चली आई थीं, एक्ट्रेस बनने और कंगना ने घर छोड़ा तो कुछ करके दिखा दिया. हालांकि, कंगना के पिता उनके फ़ैसले से ख़ुश नहीं थे, लेकिन कंगना को सपना पूरा करना था इसलिए वो घर से चली आईं. कंगना ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था, उन्हें अंडरवर्ल्ड माफ़िया तक ने पकड़ लिया था. सभी मुश्किलों को पार करती हुई कंगना आज नम्बर 1 एक्ट्रेस बन चुकी हैं और राष्ट्रीय पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित भी हो चुकी हैं.

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5. मल्लिका शेरावत (Mallika Sherawat)

बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत, जिनका असली नाम रीमा लांबा है. इन्होंने अपने परिवार को ही नहीं अपनी शादीशुदा ज़िंदगी को भी अपने एक्टिंग करियर के लिए पीछे छोड़ दिया था. इसका खुलासा इन्होंने एक इंटरव्यू में किया था, कि जब उन्होंने अपने माता-पिता से एक्टिंग बनने की बात की तो उन्होंने विरोध किया जिसके बाद वो घर से भागकर मुंबई आ गईं.

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6. हर्षवर्धन राणे (Harshvardhan Rane)

फ़िल्म सनम तेरी कसम के हैंडसम इंदर यानि हर्षवर्धन राणे भी घर से भाग कर अपने सपने पूरे कर रहे हैं. हर्षवर्धन जब महज़ 16 साल के थे तो तभी बॉलीवुड का सपना लेकर मुंबई में दस्तक दे दी थी.

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7. इरफ़ान ख़ान (Irrfan Khan)

इरफ़ान ख़ान इस दुनिया से भले ही चले गए, लेकिन अपने काम से वो हमेशा सबके दिलों में रहेंगे. इरफ़ान जो मक़ाम बनाकर गए हैं उसे बनाना आसान नहीं था, उस मक़ाम को बनाने के लिए इरफ़ान अपना घर छोड़कर आए थे. वो बताते हैं कि, उनके परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि वो एक अभिनेता बनेंगे. इसका ज़िक्र उन्होंने इंटरव्यू में किया था, उन्होंने कहा कि, वो एक पारंपरिक सामंती परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं जहां अभिनय करने के बारे में सोचना भी सख़्त मना है.

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8. राधिका आप्टे (Radhika Apte)

राधिका आप्टे ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनके पिता को एक्टिंग करियर एक बेकार प्रोफ़ेशन लगता है, जिसमें दिमाग़ की ज़रूरत नहीं होती. उन्होंने कहा था कि, जब 30 साल की होगी तब तुम्हें अपने फ़ैसले पर पछतावा होगा, जो उन्हें परशान करता था.

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सपने सच्चे हों और उन्हें पूरा करने हिम्मत हो तभी ऐसा क़दम उठाना चाहिए क्योंकि सपनों को पूरा करने के लिए संघर्षों से करना पड़ता है.