मशहूर एक्टर और कॉमेडिनय राजपाल यादव (Rajpal Yadav) से हर कोई वाकिफ़ है. वो बॉलीवुड (Bollywood) सबसे बेहतरीन एक्टर्स में से एक हैं. उनकी कॉमिक टाइमिंग का कोई जवाब नहीं है. ‘ढोल’, ‘चुप चुप के’, ‘हंगामा’, ‘भूल भुलैया’ जैसी फ़िल्मों में तो उन्होंने लोगों को हंसा-हंसा कर लोट-पोट कर दिया था (Rajpal Yadav Movies). हालांकि, आज हम राजपाल की ज़िंदगी के ख़ुशनुमा नहीं, बल्क़ि भयानक पलों के बारे में आपको बताएंगे. ये उनकी ज़िंदगी के वो मौक़े थे, जब उन्होंने मौत को बेहद नज़दीक से देखा था. (Those incidents when Rajpal Yadav faced death)

दरअसल, राजपाल यादव ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनकी ज़िंदगी में 3 बार ऐसा हुआ है, जब उनका मौत से सीधा आमना-सामना हुआ. वो क्या मौक़े थे, आइए जानते हैं-

Those incidents when Rajpal Yadav faced death

जब बैलगाड़ी के पहिये के सामने गिर पड़े राजपाल

राजपाल यादव ने बताया कि एक बार वो अपने भाई के साथ साइकिल पर थे. राजपाल पीछे बैठे थे. उसी समय एक बैलगाड़ी भी गुज़र रही थी. अचानक ही उनकी साइकिल का बैलेंस बिगड़ा और बैलगाड़ी के सामने जा गिरे. एक तरफ़ बैलगाड़ी का अगला पहिया और दूसरी तरफ़ बैल का पैर. एक तरफ़ पहिये के चढ़ने का डर तो दूसरी ओर बैल के पैर से कुचले जाने का खौफ़. अगर कुछ सेकेंड्स की देरी भी होती तो बड़ी अनहोनी हो जाती. मगर पहिया चढ़ पाता है या बैल कुचलता, उसके पहले ही राजपाल तेज़ी से पहलटे हुए पहिये के सामने से हट गए.

ख़ूनी कुत्तों ने दौड़ाया

राजपाल शाहजहांपुर के कुंडरा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि बचपन में एक बार उनका बेर खाने का मन हुआ. तो वो थोड़ी ही दूर पर बसे कल्याणपुर गांव चले गए. ये गर्मियों की दोपहर का वक़्त था. उस समय वहां पर दो पागल और हिंसक कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना रहे थे. राजपाल जब पेड़ के पास पहुंचे. तब ही उन्होंने देखा कि वही कुत्ते धीरे-धीरे उनकी ओर आने लगे.

राजपाल इस कदर सहम गए कि वो पूरी रफ़्तार से भागे. खूनी कुत्ते भी उनके पीछे दौड़ने लगे. मगर राजपाल ने दौड़ने में पूरी जान लगा थी. ख़ुद राजपाल ने कहा कि वो पूरी ज़िंदगी में इससे तेज़ कभी नहीं भागे.

नदी में डूबते-डूबते बचे

राजपाल के साथ ये हादसा तब हुआ था, जब वो बरेली में अपनी बुआ के घर गए थे. दरअसल, बुआ के लड़कों ने प्लान बनाया कि सब मिल कर गंगा नदी नहाने चलते हैं. राजपाल भी सबसे साथ चल दिए. एक-एक कर सब नदी में फांद गए. सबकी देखा-देखी राजपाल भी कूद पड़े. मगर राजपाल पहली बार गंगा नदी में कूदे थे और उन्हें गहराई का अंदाज़ा भी नहीं था. बाकी लड़के तैरते हुए आगे निकल गए, मगर राजपाल ख़ुद को क़रीब 20 फ़िट गहरे पानी में फंसा पाते हैं.

राजपाल ने कितनी ही कोशिश की, मगर वो चाह कर भी निकल ना पाए. वो जैसे ही आवाज़ देने के लिए मुंह बाहर निकालते, बोलने से पहले वापस से पानी के अंदर चले जाते. वो तो शुक्र था कि नदी के आसपास लोगों ने उन्हें डूबता देखा और चिल्लाना शुरू कर दिया. फिर जल्दी से एक आदमी नदी में फांदा और उनकी जान बचाई. तब तक राजपाल बेहोश हो गए थे.

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