नंदा 60 के दशक की बहुत बड़ी स्टार हुआ करती थीं. उन्होंने उस दौर के सभी बड़े स्टार्स जैसे देव आनंद, राज कपूर और राजेंद्र कुमार के साथ काम किया था. ‘जब जब फूल खिले’, ‘परिणीता’, ‘वो दिन याद करो’, ‘गुमनाम’, ‘प्रेमरोम’ जैसी फ़िल्मों में नंदा की परफ़ॉर्मेंस को लोग आज भी भुला नहीं पाए हैं.

नंदा ने अपने जीवन में कभी शादी नहीं की. उस ज़माने में कई शादी के प्रपोज़ल आने के बावजूद वो सबको न कहती गईं. इसकी सबसे बड़ी वजह थे मनमोहन देसाई. वही मनमोहन देसाई जिन्होंने ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘कुली’, ‘सुहाग’, ‘नसीब’, ‘मर्द’ जैसी सुपरहिट फ़िल्में बनाई थी.

नंदा ने जब फ़िल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तब उनके सिर पर अपने 6 भाई-बहनों की ज़िम्मेदारी थी. इसलिए वो हमेशा अपने काम से काम रखती थीं. उनका कभी किसी के साथ अफ़ेयर नहीं रहा. मनमोहन देसाई जी उनके बहुत बड़े फ़ैन थे. वो मन ही मन नंदा को प्यार करते थे. लेकिन कभी इसका इज़हार नंदा से नहीं किया.

इस बीच मनमोहन की कई फ़िल्में हिट होने के बाद उनकी शादी जीवनप्रभा गांधी से हो गई. दुर्भाग्य से उनकी पत्नी की कुछ सालों बाद 1979 में मृत्यु हो गई. इसके बाद फिर से मनमोहन देसाई तन्हा हो गए. उनके दिल में नंदा के लिए छिपा प्रेम एक बार फिर से जाग उठा. उन्होंने इस बार नंदा को प्रपोज़ कर दिया. 1992 में दोनों की सगाई भी हो गई थी. लेकिन शायद दोनों के नसीब में मिलना ही नहीं लिखा था.

1994 में मनमोहन देशाई का एक्सिडेंट हो गया. शूटिंग करते समय वो रेलिंग से गिर पड़े और उनका देहांत हो गया. कुछ लोगों का कहना था कि मनमोहन जी ने सुसाइड किया था. उनकी मौत आज भी एक रहस्य है. इस हादसे से नंदा टूट गईं. उन्होंने इसके बाद कभी किसी से शादी नहीं की. उन्होंने अपना पूरा जीवन अपने परिवार वालों के साथ बिता दिया.
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