‘मैं पोस्ट नहीं छोड़ूंगा साहब, मरूंगा यहीं मरूंगा पर ये पोस्ट नहीं छोड़ूंगा… ‘

‘मैं भी लड़ूंगी तुम्हारे साथ मिलके’

‘हमने हिम्मत नहीं हारी है साबब, हम आखरी सांस तक लड़ेंगे…’

ये ज़बरदस्त डायलॉग्स हैं 72 Hours: Martyr Who Never Died के.

भारत-चीन युद्ध, दुश्मन से अकेले ही 72 घंटों तक लड़ने वाले राइफ़ेलमैन, जसवंत सिंह की कहानी है 72 Hours: Martyr Who Never Died.

जसवंत को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

फ़िल्म की कहानी और इसका निर्देशन अविनाश ध्यानी ने किया है.

फ़िल्म 18 जनवरी को रिलीज़ होगी.

फ़िल्म का ट्रेलर: