भारत में फ़िल्में तो बहुत बनती हैं. कॉमेडी, लव स्टोरी, एक्शन, हॉरर किसी भी जॉनर की कमी नहीं है. बस एनिमेशन के मामले में मामला थोड़ा ढीला पड़ जाता है. 

आखिर फ़िल्म जिसमें अच्छा 3D एनिमेशन देखने को मिला था, वो साल 2008 में रिलीज़ हुई थी. रोड साइड रोमियो एक ऐसी एनिमेशन मूवी थी जिसे आप बड़े पर्दे पर देखने का जोख़िम उठा सकते थे. उसके बाद से एनिमेशन के क्षेत्र में कोई बड़ा एक्स्पेरिमेंट नहीं हुआ. 

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कल एक एनिमेशन फ़िल्म रिलीज़ होने वाली है, ‘गोपी गवइया बाघा बजइया’, में अलग किस्म का एनिमेशन देखने को मिलेगा. 

ये कहानी साल 1915 में उपेंद्र किशोर रायचौधरी द्वारा लिखी कहानी पर आधारित है.गोपी गवइया और बाघा बजइया की कहानी के ऊपर कई लेखकों ने अपना वर्ज़न लिखा है. फ़िल्म गुलज़ार द्वारा लिखे गए वर्ज़न पर बनी है. 

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गोपी और बाघा दो बेसुरे संगीतकार दोस्त होते हैं, अपने-अपने गांव से निकाले जाने के बाद जंगल में उनकी मुलाक़ात एक भूत से होती है, जिससे वरदान पा कर उनकी ज़िंदगी बदल जाती है. 

फ़िल्म की निर्देशक, शिल्पा रानाडे अपने फ़िल्म के बारे में कहती हैं कि भारतीय कार्टून माइथोलॉजी से आगे नहीं बढ़ पाए हैं. हमारे पास ढेर सारी कहानिया हैं, ये दुखद है कि बहुतसी सामग्रियों का इस्तेमाल नहीं हो पाया है. इसलिए भारतीय दर्शक हॉलीवुड की ओर देखते हैं. ये फ़िल्म एनिमेशन और आर्ट के मामले में भारत के लिए बड़े बदलाव का काम करेगी. 

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इस फ़िल्म का एनिमेशन Paperboat Animation Studios ने किया है और स्क्रीनप्ले Soumitra Ranade ने लिखा है. थियेटर में लगने से पहले ही ‘गप्पु गवइया और बाघा बजइया’ को कई अवॉर्डस मिल चुके हैं. इसे बेस्ट एनिमेटेड फ़ीचर फ़िल्म के तौर पर AASIFA अवॉर्ड मिला है. 

इसका ट्रेलर यहां देख सकते हैं. 

https://www.youtube.com/watch?v=7kvwqIUNedA