Tunisha Sharma Death: टीवी एक्ट्रेस तुनिषा शर्मा (Tunisha Sharma) खुदकुशी मामले में हिरासत में लिए गए एक्टर शीज़ान ख़ान (Sheezan Khan) ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि जेल में उनके बाल न काटे (Haircut) जाएं. वसई सेशन कोर्ट ने उनकी इस मांग को मान लिया है.
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दरअसल, शीज़ान न्यायिक हिरासत में ठाणे केंद्रीय जेल में बंद हैं. उनके वकील वसई की सत्र अदालत से आग्रह किया था कि अभिनेता के जेल में बाल न कटवाएं जाएं, ताकि वो आगे धारावाहिक की शूटिंग कर सकें. इसके बाद ठाणे केंद्रीय जेल के अधिकारियों ने अदालत में कहा कि विचाराधीन कैदियों से संबंधित जेल नियमावली (Jail Manual) का पालन किया जाएगा. हालांकि, अदालत ने एक महीने तक शीज़न ख़ान के बाल काटने पर रोक लगाई है. (Tunisha Sharma Death)
ऐसे में आइए जानते हैं कि विचाराधीन कैदियों से संबंधित जेल नियमावली इस बारे में क्या कहती है-
क्या हर कैदी को काटने पड़ते हैं बाल?
गृह मंत्रालय के पुलिस रिसर्च ब्यूरो ने साल 2003 में मॉडल प्रिज़न मैन्युअल जारी किया था, जिसमें जेल में कैदियों संबंधी तमाम नियम और कायदों का ज़िक्र किया है. ये नियम जेल में बंद विचाराधीन कैदियों से लेकर कठोर सजा पाए प्रिज़नर्स पर लागू होते हैं.
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जेल के सुपरिटेंडेंट इसी के तहत जेल मैनेजमेंट करते हैं और कैदियों को रखा जाता है. उन्हें तमाम सुविधाएं दी जाती हैं. इसी के तहत जेल में बंद कैदियों के बाल काटना ज़रूरी होता है. इसके पीछे वजह कैदियों की स्वच्छता और हाइजीन.
जेल में रहने वाले हर कैदी के बाल काटे जाते हैं. जेल में हेयर कटिंग्स के लिए लोग रहते हैं. वो कैदियों के बालों को काट कर छोटा कर देते हैं. हालांकि, सिख कैदियों पर ये नियम लागू नहीं होता है. उन्हें लंबे बाल रखने की अनुमति होती है.
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दाढ़ी भी नहीं रख सकते क़ैदी
स्वच्छता और हाइजीन को ध्यान में रखते हुए कैदियों की दाढ़ी भी काटी जाती है. कैदियों को दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं है. उन्हें नियमित तौर पर शेविंग करनी या करानी होती है. हालांकि, इसमें भी धार्मिक आधार पर मुस्लिम कैदियों को छूट है. वो दाढ़ी रख सकते हैं.
इसी तरह हिंदू कैदी अगर चाहें तो चोटी रख सकते हैं. जेल मैन्युअल में उन्हें इस बात की छूट मिली है. इसके अलावा बाकी सभी कैदियों को बाल और दाढ़ी कटवाने पड़ते हैं.
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