अगर कहा जाए गानों की दुनिया में 90 के दशक का दौर उदित नारायण का था तो ग़लत नहीं होगा. इनकी दिल को छू जाने वाली आवाज़ ने कितने दिलों पर प्यार जगाया है. शाहरुख़ ख़ान अगर रोमांस के बादशाह हैं तो उदित नारायण रोमांटिक गानों के बादशाह हैं. लेकिन हमेशा से उदित नारायण की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी. भले ही आज लोग उदित नारायण की आवाज़ के दीवाने हों, लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब उदित नारायण छोटे से होटल में गाते थे. ये उनके स्ट्रगल का दौर था, जब वो अपनी आवाज़ को पहचान दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे.  

cinestaan

ये भी पढ़ें: बॉलीवुड के वो 8 दिग्गज कलाकार जिन्होंने अपनी पहचान बनाने के लिए कई सालों तक संघर्ष किया

इसके बारे में पद्मश्री और पद्म भूषण गायक उदित नारायण के सिंगिंग रियलिटी शो के दौरान अपने नाम और काम दोनों के बारे में बताया, मैंने फ़िल्मों में सिंगर बनने के लिए अपना नाम उदित नारायण रखा है, लेकिन मेरा पूरा नाम उदित नारायण झा है.

news18

इन दो प्रतिष्ठित और सम्मानित अवॉर्ड के अलावा उदित नारायाण 4 फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड भी जीत चुके हैं. मगर इन अवॉर्ड्स तक पहुंचना इनके लिए आसान नहीं था. कड़े संघर्ष और मेहनत के दम पर उदित नारायण ने इस मक़ाम को हासिल किया है. यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने शुरुआती दिनों में अपना खर्चा पूरा करने के लिए होटल में गाना गाया है. उदित नारायण ने अपने सिंगिंग करयिर की शुरुआत किसी बॉलीवुड फ़िल्म से नहीं, बल्कि 1970 में नेपाल के एक रेडियो में लोक गायक के रूप में की थी. फिर उन्होंने नेपाल की फ़िल्म ‘सिंदूर’ में गाना गाया, लेकिन उन्हें इससे कोई ख़ास पहचान नहीं मिली.

estontorise

ये भी पढ़ें: Actors के साथ ठुमके लगाने वाले बैकग्राउंड डांसर्स की ज़िन्दगी में सिर्फ़ स्ट्रगल है, ग्लैमर नहीं

नेपाल की फ़िल्म में गाना गाने के बावजूद उन्हें कोई बड़ा काम नहीं मिला, क़रीब 10 साल तक वो छोटे-मोटे फ़ंक्शन और होटलों में गाते रहे. संघर्ष करते हुए ही उनकी मुलाकात म्यूज़िक डायरेक्टर चित्रगुप्त से हुई, जिन्होंने उदित नारायण को एक भोजपुरी गाने का ऑफ़र दिया. इस ऑफ़र के बाद ही उन्होंने अपने दोनों बेटों मिलिंद चित्रगुप्त और आनंद चित्रगुप्त से उदित नारायण को मिलवाया भी. 

pinimg

आनंद और मिलिंद से हुई मुलाकात ने उदित नारायण की ज़िंदगी को बदल दिया. दरअसल, मुलाकात के दौरान दोनों को उदित नारायण की आवाज़ बहुत पसंद आी और उन्होंने उदित नारायण को फिल्म ‘क़यामत से क़यामत तक’ का गाना ‘पापा कहते हैं’ दे दिया. इस गाने को लोगों ने ख़ूब पसंद किया और उदित नारायण की आवाज़ लोगों के दिलों में घर कर गई. बस फिर क्या था वो रातोंरात स्टार बन गए और ऐसा सितारा बने जो आज तक उसी चमक के साथ जगमगा रहा है.  

adgully

अगर बात की जाए उनकी पर्सनल लाइफ़ की तो वो भी उनकी प्रोफ़ेशनल लाइफ़ तरह काफ़ी सुर्खियों में रही थी क्योंकि उदित नारायण ने दो शादियां की हैं. पहली शादी रंजना नारायण झा से की और बाद में दूसरी शादी दीपा नारायण से की. दरअसल, सुर्खियों की वजह उदित नारायण ही थे, क्योंकि वो अपनी पहली पत्नी को पत्नी मानने से इंकार कर रहे थे, जिसकी वजह से वो कोर्ट गईं और सारे सुबूत सामने आने के बाद उदित नारायण ने उन्हें अपनी पत्नी मान लिया और खर्चा उठाने के लिए भी कहा. इनकी दूसरी पत्नी दीपा और उनका बेटा आदित्य नारयण है, जो प्ले बैक सिंगर होने के साथ-साथ कई होस्ट भी करते हैं.

/wikibio

आपको बता दें, चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाज़े जा चुके उदित नारायण अब तक 34 भाषाओं में 25 हज़ार गाने गा चुके हैं.