फ़िल्म इंडस्ट्री में आज बहुत सारे कलाकार हैं. इसीलिये यहां किसी भी कलाकार के लिये ख़ुद की पहचान स्थापित करना बेहद मुश्किल है. कलाकारों की इस भीड़ में ख़ुद को साबित करने वाले एक्टर्स में पंकज त्रिपाठी का नाम भी आता है. साधारण सी कद-काठी और टैलेंट से भरपूर कालीन भैया उर्फ़ गुरूजी सभी के फ़ेवरेट हैं, जिनके लिये जनता के दिल में प्यार ही प्यार है.  

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पंकज त्रिपाठी के बारे में जितना पढ़ा और लिखा उतना कम ही लगता है. इसलिये हमने उनकी ज़िंदगी के बारे में कुछ बातें पता करनी चाही. दरअसल, कुछ समय पहले ही जाने-माने पत्रकार राजीव मसंद ने पंकज त्रिपाठी को अपने शो पर बुलाया. शो में उन्होंने कालीन भईया की ज़िंदगी से जुड़ी बातें पूछीं, जिनका बेझिझक जवाब भी मिला.  

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साधारण स्वभाव और उम्दा एक्टिंग से लोगों का दिल जीतने वाले पंकज त्रिपाठी में राजीव मसंद से दिल खोल कर बात की. इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि वो साल के 365 दिनों में से 350 दिन बिज़ी रहते हैं. इस वजह से वो, उन चीज़ों को समय नहीं दे पाते, जो उन्हें ख़ुशी देती हैं. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वो एक्टिंग में अपने पर्सनल एक्सपीरिंयस का इस्तेमाल भी करते हैं.  

यही नहीं, पंकज त्रिपाठी के बहुत कम फ़ैंस ये बात जानते हैं कि वो कॉलेज के दिनों में 7 दिन जेल में गुज़ार चुके हैं. इस दौरान उन्होंने ख़ूब सारी किताबें भी पढ़ीं. इस घटना को याद करते हुए कालीन भईया ने बताया कि वो स्टूडेंट पॉलिटिक्स में थे और एक मूवमेंट के तहत वो जेल में डाल दिये गये थे. आगे बात करते हुए वो कहते हैं कि जेल में उनके पास करने के लिये कुछ नहीं था, इसलिये वो किताबें पढ़ कर समय बिताते थे. इस इंटरव्यू में उन्होंने ये भी बताया कि वो चादर देख कर पैर परासते हैं. यानि उनके पास जितने पैसे होते हैं, उसमें ही गुज़र-बसर करना जानते हैं. 

कालीन भईया का पूरा इंटरव्यू आप यहां देख सकते हैं: