विक्की कौशल की फ़िल्म उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. बॉक्स ऑफ़िस पर इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसके डायरेक्टर आदित्य धर ने हाल ही में इस फ़िल्म से जुड़े अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है. इसमें उन्होंने बताया कि कैसे एक पाकिस्तान की वजह से हुई एक कॉन्ट्रोवर्सी के कारण उनकी एक फ़िल्म बंद हुई और उन्हें ‘उरी’ बनाने का मौका मिला.

विक्की कौशल को कास्ट करने का रिस्क

आदित्य ने बताया कि एक्टर विक्की कौशल को बतौर सोलो हीरो कास्ट करना बहुत ही बड़ा रिस्क था. इसलिए नहीं कि उन्हें उनके टैलेंट पर शक़ था, बल्कि इसलिए कि फ़िल्म का बजट बहुत ही कम था. फिर उन्होंने बताया कि कैसे ये फ़िल्म उनकी लाइफ़ का ईश्वर द्वारा दिया गया सबसे बड़ा गिफ़्ट बन गई.

High Sir!!! … by @sushantkambl3

A post shared by Vicky Kaushal (@vickykaushal09) on

‘ये हमारी टीम के हर सदस्य के लिए एक मिशन की तरह बन गया था और सभी ने इसमें 100% देने की कोशिश की. जैसे एक्टर धैर्य जिन्होंने एक सिक्ख सोल्जर का किरदार निभाया था, लेकिन वो सिक्ख नहीं हैं. एक सिक्ख की लाइफ़ को समझने के लिए उन्होंने 2 सप्ताह गुरुद्वारे में बिताए. साथ ही फ़िल्म के प्रोड्यूसर रॉनी स्क्रूवाला ने भी हमारी टीम को पूरी तरह स्पोर्ट किया और वो भी पूरी आज़ादी के साथ.’

इस फ़िल्म को बनाने के लिए धर ने अपने जीवन के क़ीमती दो साल लगा दिए. साथ ही धर ने कहा कि वो अब काफ़ी थक चुके हैं.

धर ने कहा- ‘लेकिन इन दो सालों में मैंने बहुत कुछ सीखा. न सिर्फ़ कैमरे के सामने, बल्कि ऑफ़ कैमरा भी. सैनिक और उनके परिवार देश के लिए कितना बड़ा बलिदान देते हैं ये भी जानने को मिला. साथ ही वो कुछ बेतुके सवाल जिनके बारे में सोच कर हंसी आती है, जैसे किसी पाकिस्तानी कलाकार को देश में बुलाकर, उन्हें काम न करने देना, चाहे वो कितने ही टैलेंटेड क्यों न हो. ‘

कैसे मिली ये फ़िल्म

उन्होंने कहा- ‘एक दिन डायरेक्टर विशाल भारद्वाज ने मुझे बुलाया और फ़िल्म बनाने को कहा. लेकिन कुछ बात नहीं बनी. फिर मुझे करण जौहर ने कटरीना और पाक कलाकार फ़वाद खान को लेकर एक फ़िल्म बनाने का ऑफ़र दिया. लेकिन तभी पाक कलाकारों को लेकर देश में कॉन्ट्रोवर्सी हो गई. फिर जब मेरे पास कुछ नहीं था तब ‘उरी’ का ऑफ़र मुझे मिला.’

इस फ़िल्म को तय बजट में बनाना भी एक चुनौती थी. इसे कैसे धर ने साधा इस बारे में भी बताया.

आदित्य ने कहा- ‘हमने सारे ऑउटडोर सीन सर्बिया में शूट किए और वो भी एक ही टेक में. हर सीन को एक ही टेक में फ़िल्माने के लिए हमारी टीम ने काफ़ी मेहनत की. सीन को फ़िल्माने से पहले काफ़ी रिहर्सल की जाती थी, ताकि हमारा ये लक्ष्य आसान हो जाए. आपको जानकर ख़ुशी होगी कि हम इसमें कामयाब भी रहे और सारे सीन हमने सिंगल टेक में ही फ़िल्माए हैं.’

क्यों इसे सर्बिया में शूट किया गया

‘कश्मीर में इसे शूट करना संभव नहीं था. चूंकि मैं कश्मीर में ही पला-बढ़ा हूं और दिल्ली आने के बाद भी कश्मीर जाता रहा हूं. इसलिए वहां के वातावरण की हर तस्वीर मेरे ज़ेहन में कैद है. सर्बिया में भी कुछ ऐसा ही है, इसलिए हमने उरी को वहां शूट किया. इसके अलावा वहां युद्ध से संबंधित आर्टिलरी भी आसानी से मिल गई, जो इसे बनाने के लिए बहुत ही ज़रूरी थी. ‘

धर ने अपनी बात ये कहते हुए ख़त्म की कैसे उन्होंने इस मिशन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने से ख़ुद को बचाया.

‘मैं ये दिखाना चाहता था कि क्यों देश के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करना ज़रूरी था. साथ ही युद्ध के दौरान एक सैनिक के अंदर कितना गुस्सा होता है. उनके साथी कैसे उनकी फ़ैमिली की तरह ही होते हैं. जब वो उन्हें खो देते हैं, तब उन्हें खोने का आक्रोश इतना बढ़ जाता है कि इसके बारे में कोई सिविलियन सोच भी नहीं सकता. मैं इसे पर्दे पर ऐसे ही उतारना चाहता था. अब जब लोग मेरे पास आकर ये कहते हैं कि कैसे वो फ़िल्म में दिखाई गई भावनाओं से आसानी से कनेक्ट होते हैं, इसके बारे में जानकर मुझे ये सुकून मिलता है कि मेरी साधना सफ़ल हुई. मैंने अपने लक्ष्य को पा लिया.’

उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े इन फ़ैक्ट्स को जानकर हम ये यकीन से कह सकते हैं कि आप भी इस फ़िल्म को देखने के लिए एक्साइटेड हो गए होंगे. तो कब जा रहे हैं इसे देखने?