इरफ़ान हैं… आज भी हम सब के बीच. अपनी फ़िल्मों के ज़रिए, अपने सबसे अलग अंदाज़ और अपनी बातों के ज़रिए. 

बीमारी से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद इरफ़ान ने इस दुनिया को छोड़ उस दुनिया में जाने का फ़ैसला किया, अप्रैल 29 को. उनके जाने से न सिर्फ़ फ़िल्मी दुनिया का एक सितारा अमर हो गया बल्कि अपने पीछे छोड़ गया एक से एक बेहतरीन फ़िल्मों का पिटारा. 

The National

बहुत से लोगों ने उनके जाने पर शोक़ जताया, पोस्ट लिखे, कहानियां सुनी-सुनाईं.

लेखक, कॉमेडियन, गीतकार वरुण ग्रोवर ने अब इरफ़ान से हुई अपनी कुछ मुलाक़ातों को एक साथ पिरोया है. इरफ़ान से चार मुलाक़ातें नाम से इस लंबे और और किसी रीडर में अंदर तक समा जाने वाले लेख को ग्रोवर ने बच्चों की मैगज़ीन Cycle के लिए लिखा था. इसी लेख को Medium ने भी प्रकाशित किया है, अंग्रेज़ी और हिन्दी दोनों भाषाओं में.  

Times of India

2005 की मुलाक़ात का ज़िक्र सबसे पहले आया. ग्रोवर अपने दोस्त, राहुल पटेल के साथ फ़िल्म देखकर निकले थे और उन्हें सामने इरफ़ान टहलते मिल गए. तब तक इरफ़ान की 2 ही कमर्शियल फ़िल्में आई थीं, मक़बूल और हासिल. ग्रोवर उस समय एक स्ट्रगलिंग राइटर थे और किसी टीवी सीरियल में लिख रहे थे. अंग्रेज़ी फ़िल्मों के चस्के के चलते ग्रोवर के दोस्त पटेल ने पूछ दिया, Can I Buy You A Coffee. जिसके जवाब में इरफ़ान ने कहा कि वो कॉफ़ी पिलाएंगे. इरफ़ान ने ग्रोवर और पटेल को अपना नंबर दिया और कहा कि जब भी वो दोनों तैयार हों वो इरफ़ान को कॉल करके अपनी कहानियां सुनाएं.


इसके बाद ग्रोवर ने 2012 की मुलाक़ात या यूं कहें फ़ोन पर बात-चीत का ज़िक्र किया. उस साल इरफ़ान की ‘पान सिंह तोमर’ आई थी और ग्रोवर ने Peddlers नाम की फ़िल्म के गाने लिखे थे, जो कान्स में गई थी पर ये फ़िल्म कभी रिलीज़ नहीं हुई. ग्रोवर के पास इरफ़ान का फ़ोन आया, इरफ़ान ने Peddlers देखी थी और उसका एक गाना उन्हें पसंद आया था. इरफ़ान ग्रोवर से उनके लेखक बनने की कहानी जानना चाहते थे. इरफ़ान ने ग्रोवर की कविता सुनकर, ग्रोवर को जानने के लिए फ़ोन किया था. 

Magzter

लेख में इसके बाद ग्रोवर ने 2013 की मुलाक़ात का ज़िक्र किया है. कैनेडा के टोरंटो फ़िल्म फ़ेस्टिवल में इरफ़ान की फ़िल्में, ‘क़िस्सा’ और ‘लंचबॉक्स’ प्रदर्शित हो रही थीं. ‘लंचबॉक्स’ को दुनियाभर में पसंद किया गया. ग्रोवर की इरफ़ान से ये मुलाक़ात एक पार्टी में हुई, जिसमें मुश्किल से 25 लोग थे और इरफ़ान एक कोने में बैठे हुए थे. ग्रोवर और इरफ़ान ने फ़िल्म की स्क्रीप्ट पर बातें की.


आख़िर में 2019 की मुलाक़ात का ज़िक्र है. इरफ़ान की बीमारी की ख़बर दुनियाभर में फैल चुकी थी. ‘क़रीब क़रीब सिंगल’ में इरफ़ान पर फ़िल्माया एक गीत ग्रोवर ने लिखा था. इरफ़ान लंदन से वापस लौटे थे और ग्रोवर ने उन्हें संदेश भेजा, ‘पता लगा आप शहर वापस आ गए है. कहिए क्या खाएँगे? हम बना के लाते हैं.’ इरफ़ान ने जवाब भेजा कि शूटिंग को निकल गए हैं.  

Al Jazeera

ग्रोवर को ये ख़बर नहीं मिली की कब इरफ़ान शूटिंग से वापस आए और कब वापस बीमारी के कारण लंदन गये.


इरफ़ान थे ही ऐसे. हर कोई उनसे ख़ुद को जोड़कर देख सकता है, चाहे उनका कोई दोस्त हो, पार्टनर हो, बच्चे हैं, को-वर्कर्स हों या उन्हें सिल्वर स्क्रीन पर देखने वाले हम आम लोग. 

पूरा लेख यहां पढ़ सकते हैं.