ज़ोया अख़्तर निर्देशित और रणवीर सिंह/आलिया भट्ट स्टारर गली बॉय को ऑडियंस की भरपूर तारीफ़ मिल रही है. इस फ़िल्म को देसी हिप-हॉप सीन को कमर्शियल सिनेमा के ज़रिये आम लोगों तक पहुंचाने के लिए भी सराहा जा रहा है. जिस रैप को हिंदुस्तान में गाड़ी, दारू और लड़की के ज़रिये इंट्रोड्यूस करवाया गया था, उसे इस फ़िल्म ने तोड़ने की कोशिश की है. 

इसकी कहानी से लेकर किरदार तक सभी दर्शकों को पसंद आए हैं. कमाई भी अच्छी ख़ासी हो रही है. यहां हम फ़िल्म के उस एक और हीरो की बात करेंगे, जिसने इसकी स्क्रिप्ट को मुंबइया भाषा में रूपांतरित किया है. साथ ही इसके डायलॉग भी लिखे हैं, जिनसे एक आम भारतीय भी कनेक्ट हुआ. 

ये रीमा कागती नहीं, फ़िल्म में मुराद यानी रणवीर सिंह के मामा का किरदार निभाने वाला एक्टर विजय मौर्य हैं. विजय मौर्य एक फ़ेमस बॉलीवुड एक्टर, डायरेक्ट और राइटर हैं. इन्होंने चिल्लर पार्टी, फ़ोटोकॉपी, ब्लैक फ़्राइडे, भूतनाथ रिटर्न्स जैसी फ़िल्मों में काम किया है. मौर्य ने 150 से भी ज़्यादा विज्ञापनों को भी डायरेक्ट किया है. वो कई सालों तक एक थिएटर आर्टिस्ट भी रहे हैं. 

द क्विंट को दिए इंरव्यू में इन्होंने गली बॉय और अपने बारे में खुल कर बात की है. मौर्य एक उत्तर भारतीय हैं और उनकी मातृभाषा हिंदी है, चूकीं उनका जन्म बॉम्बे में हुआ था, इसलिए मराठी और गुजराती भाषा पर भी उनकी अच्छी पकड़ है. एक मिडल क्लास फ़ैमली में जन्में विजय मौर्य ने एक आम नागरिक की ज़िंदगी को करीब से देखा है.

उनकी एक्टिंग और राइंटिंग में वो सारी बातें झलकती भी हैं. ज़ोया अख़्तर की फ़िल्म गली बॉय की स्क्रिप्ट जो इंग्लिश में थी, उसे इन्होंने ही हिंदी या फिर यूं कहें कि मुंबइया भाषा में Transcreate किया है. 

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इस फ़िल्म के किरदारों की भाषाओं में जो विविधता नज़र आती है, वो इन्हीं की देन है. इस फ़िल्म के कई डायलॉग भी विजय मौर्य ने ही लिखे हैं. ख़ास बात ये है कि इसमें वो मुंबइया बोली है, जो आजकल के बच्चे बोलते हैं. 

पहले जैसे बिड़ू, अपुन-तपुन जैसे शब्द फ़िल्म के किरदार बोलते दिखाई नहीं देते हैं, जो सही भी है. विजय मौर्य ने एक मुंबईकर के साथ पले-बढ़े हैं, उसकी झलक उनकी राइटिंग में भी दिखाई देती है. 

फ़िल्म की स्क्रिप्ट के कुछ पार्ट, जो ज़ोया अख़्तर ने विजय को ट्रांसलेट करने के लिए दिए थे, उसे जावेद अख़्तर ने भी देखा था. उन्होंने विजय की राइटिंग की तारीफ़ की और उन्हें ये फ़िल्म मिल गई.

इतना ही नहीं, इस फ़िल्म की वर्कशॉप में एक्टर्स से लेकर रैपर्स तक ने उनकी राइटिंग की सराहना की थी. उनका लिखा हुआ सुन कर रैपर्स ने कहा, अरे सही है विजय भाई, आपने तो फाड़ दिया.

विजय सीन लिखते थे और ज़ोया उसे रिकॉर्ड करती थीं. इस तरह गली बॉय बनकर तैयार हुई.    

विजय मौर्य ने स्ट्राइकर, चिल्लर पार्टी और हंटर जैसी फ़िल्मों के भी डायलॉग लिखे हैं. विद्या बालन की फ़िल्म तुम्हारी सुलू में भी मौर्य नज़र आए थे. इस फ़िल्म में विद्या को मुंबई की एक आम महिला के एक्सेंस्ट को पकड़ना मौर्य ने ही सिखाया था. 

इन दिनों विजय कबीर खान की आने वाली फ़िल्म 83 के डायलॉग भी लिख रहे हैं. इसके अलावा वो रईस फ़िल्म के डायरेक्टर राहुल ढोलकिया की आने वाली फ़िल्म के लिए स्क्रीन प्ले और डायलॉग लिख रहे हैं. 

नए राइटर्स को उन्होंने एक ही सलाह दी है: ‘अंदर का लावा फट के बाहर आने दें. लिखते रहें और उम्मीद का दामन कभी न छोड़ें.’