बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) की नयी वेब सीरीज़ ‘इंस्पेक्टर अविनाश‘ (Web Series Inspector Avinash) OTT प्लेटफॉर्म Jio Cinema पर रिलीज़ हुई है. सीरीज़ में रणदीप उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी अविनाश मिश्रा (Encounter Specialist Avinash Mishra) की भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने 90 के दशक में दुर्दांत गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला जैसे कई बदमाशों का एनकाउंटर किया था. अविनाश मिश्रा STF (स्पेशल टास्क फ़ोर्स) के फ़ाउंडर मेंबर भी थे.

ऐसे में आइए जानते हैं इस रियल लाइफ़ कॉप की असली कहानी, जिनकी ज़िंदगी पर आधारित है वेब सीरीज़ ‘इंस्पेक्टर अविनाश‘.

कौन हैं इंस्पेक्टर अविनाश मिश्रा

अविनाश मिश्रा का जन्म यूपी के ही हमीरपुर जिले में हुआ था. उन्होंने फ़िज़िकल एजुकेशन से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. साल 1982 में वो बतौर सब-इंस्पेक्टर पुलिस फ़ोर्स में भर्ती हुआ. ट्रेनिंग के बाद सबसे पहली तैनाती मेरठ में हुई थी. उसके बाद STF के गठन के बाद 2009 तक टास्क फ़ोर्स में ही रहे. फिर उन्होंने ATS (एंटी टेररिस्ट स्कवॉड) ज्वॉइन की और 2018-19 तक एटीएस में अपनी सेवाएं दीं. साल 2019 में ही वो डिप्टी एसपी रैंक से रिटायर हुए.

Encounter Specialist Avinash Mishra

नौकरी के पहले ही साल कर दिए 3 एनकाउंटर

अविनाश मिश्रा के इरादे पुलिस फ़ोर्स ज्वॉइन करने से पहले ही साफ़ थे. उन्हें यूपी से अपराध और अपराधियों का सफ़ाया करना था. उन्होंने अपनी पहली तैनाती के बाद से ही एनकाउंटर शुरू कर दिए थे. मेरठ में एक साल भी पूरा नहीं हुआ था और उन्होंने एक साथ तीन लोगों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपने पूरे करियर में 150 के क़रीब एनकाउंटर किए. इनमें कुख़्यात गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला, सत्तू पांडेय, सचिन पहाड़ी, अवधेश शुक्ला, अशोक सिंह, महेंद्र फौजी, निर्भय गुर्जर, हसन पुड़िया जैसे दुर्दांत अपराधी शामिल हैं.

Web Series Inspector Avinash Randeep Hooda

श्रीप्रकाश शुक्ला और मुन्ना बजरंगी भी हुए गोलियों का शिकार

स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानि STF का गठन 1998 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुख़्यात अपराधी श्री प्रकाश शुक्ला को दबोचने के लिए किया था. अविनाश मिश्रा भी इस फ़ोर्स के फ़ाउंंडिंग मेंबर थे. शुक्ला को साथ उनका कई बार आमना-सामना भी हुआ. नेपाल में वो उसके एकदम क़रीब पहुंच गए थे, मगर मुठभेड़ से पहली नेपाल पुलिस आ गई और वो निकल भागा.

हालांकि, श्रीप्रकाश का पीछा छोड़ा नहीं गया और 22 सितंबर 1998 को उसे ढेर कर दिया गया. श्री प्रकाश शुक्ला के एनकाउंटर में राजेश पांडेय, अविनाश मिश्र समेत 5 लोग एसटीएफ से थे. इस एनकाउंटर के लिए एसटीएफ टीम को प्रेसिडेंट मेडल भी मिला था. जिसमें अविनाश मिश्रा भी सम्मानित किए गए थे.

पूर्वी उत्तर प्रदेश के माफ़िया डॉन मुन्ना बजरंगी (Gangster Munna Bajrangi) उर्फ़ प्रेम प्रकाश का एनकाउंटर भी अविनाश मिश्रा ने किया था. 11 दिसंबर 1998 को दिल्ली का समयपुर बादली इलाक़े में स्पेशल टास्क फ़ोर्स और दिल्ली पुलिस ने मुन्ना बजरंगी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. उस वक़्त ख़बर भी आ गई थी कि मुन्ना बजरंगी ढेर हो गया है. मगर जब बॉडी अस्पताल पहुंची तो मुन्ना बजरंगी ने आंखें खोल दीं. 11 गोलियां खाने के बाद भी वो ज़िंदा बच गया था. इस कांड के चलते एसटीएफ़ को काफ़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी.

अविनाश मिश्रा ने जिस तरीके से यूपी से अपराधियों का सफ़ाया करना शुरू किया था, उसे बड़े-बड़े बाहुबलियों में भी उनके नाम का ख़ौफ़ पैदा हो गया था. अपनी पूरी सर्विस में वो अपराध के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले रहे. अब उनकी लाइफ़ पर बेस्ड सीरीज़ इंस्पेक्टर अविनाश के बाद एक बार फिर वो सुर्खियों में आ गए हैं.

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