मेरी बहन एक Strong लड़की है, Physically भी और Mentally भी. उस पर जल्दी से किसी बात का असर नहीं पड़ता. लेकिन कुछ दिनों पहले मैंने उसकी आंखों में वो भाव देखा, जो मैंने आजतक नहीं देखा था. उसकी लाल आंखों में आंसू जम गए थे, उनमें गुस्सा था. ऐसा गुस्सा तब आता है, जब आपके सामने कुछ बहुत ग़लत हुआ हो और आपका उस पर बस न चले. आपके मन में एक अजीब सी छटपटाहट हो, बेचैनी हो, कहीं न कहीं बेबसी हो.
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उस दिन जो मेरी बहन की आंखों में था, उसके लिए ज़िम्मेदार एक लड़का था.
कानूनी भाषा में बोलूं, तो Juvenile था. उसने मेरी बहन को ग़लत तरीके से छुआ था, सबके सामने, मौके का फ़ायदा उठा कर और वो हंस रहा था. हमने उसे यूं नहीं जाने दिया, पहले थप्पड़ मारा, पुलिस के पास ले गए… लेकिन उस लड़के की हरकत के निशां मैं आज भी अपनी बहन की आंखों में पढ़ सकती हूं, उसके चेहरे पर देख सकती हूं.
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कितनी नॉर्मल बात है किसी लड़की को छेड़ना या छूना? ख़ास कर जब कोई छोटा बच्चा ये कर रहा हो? वो भी नेशनल टेलीविज़न पर?
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सोनी टेलीविज़न पर आजकल एक ड्रामा सीरीज़ शुरू हुई है, नाम है ‘पहरेदार पिया की’. बहुत से लोगों को इस शो के बारे में पता चला होगा. जो Regularly टीवी नहीं देखते, उन्होंने भी इस शो के बारे में अब तक सुन लिया होगा. इसमें दिखाया जा रहा है कि कैसे एक लड़का अपनी उम्र से कई साल बड़ी लड़की का पति है. मुझे इस शो के कॉन्सेप्ट से उतनी आपत्ति नहीं हुई, जितनी इसके पहले एपिसोड से हुई.
एक 23-24 साल की लड़की का पीछा कर रहा है एक बच्चा, उसे अपनी बांहों में भरता है और ये सब Normal समझा जा रहा है?
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इस शो के पहले एपिसोड को देखने के बाद कई लोगों ने इस पर ऊंगली उठायी, तो शो से जुड़े एक्टर्स और बाक़ी लोगों के Statement आये कि शो को उसके पहले एपिसोड से जज करना सही नहीं है.
मैं आजकल के Shows से इस तरह की कोई Expectation नहीं रखती कि वो मेरे लिए प्रेरणा का काम करे, किसी की Life चेंज करे. यहां तक कि मैंने टीवी सीरियल से Entertain होने तक की Expectation भी नहीं रखी. लेकिन मैं ये कभी बर्दाश्त नहीं करूंगी कि किसी शो में Creative Liberty के नाम वो परोसा जाए, जो इस समाज में लड़कियों के साथ होने वाले Crime में बदल सकता है.
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क्या इस शो से जुड़े लोगों को ये नहीं लगता कि एक छोटे बच्चे को एक बड़ी लड़की के साथ ‘Romance’ करता दिखा कर वो ग़लत Example सेट कर रहे हैं? क्या इस शो के निर्माता-निर्देशक ये भूल गए कि ये वही देश है, जहां एक ‘बच्चे’ ने दुनिया के सबसे जघन्य और निर्मम Gangrape की शुरुआत की थी. क्या वो भूल गए कि हर दिन ऐसा ही कोई ‘नाबालिग’ किसी लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद कर रहा होता है और वो सिर्फ़ इस बिना पर छोड़ दिया जाता है कि वो Juvenile है?
एक लड़की होने के नाते मैं ये नहीं भूल सकती और न मैं ये भूल सकती हूं कि जिस ‘हैवान’ ने मेरी बहन के साथ ग़लत किया, वो भी एक ‘बच्चा’ था.
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जिस देश में सिनेमा के नाम पर लड़कियों का पीछा करना, उन्हें छेड़ना, उनके साथ ज़बरदस्ती करना, उसकी ना को हां मां लेने को ‘Romance’ समझा जाता है, वहां कोई आश्चर्य नहीं कि कल को बच्चे ये सब करने पर उतारू हो जाएंगे.
इस शो का जो भी मकसद हो, इसकी Presentation बिलकुल ग़लत है और ये कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता. ये बात मैं उस बच्चे के मां-बाप से भी कहना चाहूंगी, जिन्होंने उसे इस तरह के शो का हिस्सा बनने दिया. वो बच्चा जानता भी नहीं कि वो क्या कर रहा है और वो किस तरह के Setup को Normalize कर रहा है.
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मुझे ये भी पता है कि ये शो बंद नहीं होगा क्योंकि टीवी की दुनिया लॉजिक से नहीं, TRP से चलती है. लेकिन जैसे लड़के का लड़की को छेड़ना, उसे सिर से पैर तक घूरना दुनिया के लिए आम सी बात है, वैसे ही कहीं किसी बच्चे का एक लड़की के साथ ग़लत करना, ‘चलता है’ न बन जाये.