Lavender Marriage: स्टार्स राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की मोस्ट अवेटेड फ़िल्म ‘बधाई दो‘ (Badhaai Do) का ट्रेलर 25 जनवरी को रिलीज़ किया गया. ट्रेलर के रिलीज़ होते ही चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया. ये तो होना ही था. ऐसा इसलिए क्योंकि प्यार, इश्क, मोहब्बत से हटकर जब-जब किसी डायरेक्टर ने एक सेंसिटिव टॉपिक पर फ़िल्म बनाई है. तब-तब लोगों के बीच उस फ़िल्म को लेकर बज़ पैदा हुआ है. ज़ाहिर है ‘बधाई दो’ के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही बर्ताव किया जा रहा है. 

फ़िल्म की कहानी लैवेंडर मैरिज (Lavender Marriage) पर आधारित है. इस टर्म को पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि ये आख़िर है क्या, जिसके बारे में न आज तक पढ़ा, न सुना. जब दकियानूसी सोच वाले समाज में संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा दबा दी जाए, तो ऐसा होना आम बात है. 

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लेकिन अब जब फ़िल्म के ज़रिए बात उठी है, तो दूर तक जाएगी. तो आइए जान लेते हैं कि लैवेंडर मैरिज (Lavender Marriage) क्या होती है और इस बात पर ख़ुलकर चर्चा क्यों नहीं की जाती है.

फ़िल्म के ट्रेलर में क्या दिखाया गया है?

ट्रेलर में भूमि पेडनेकर एक 31 वर्षीय फ़िज़िकल एजुकेशन की टीचर सुमन सिंह का किरदार निभा रही हैं, जिसकी औरतों में दिलचस्पी है. वो अपनी फ़ैमिली के प्रेशर से बचने के लिए एक शार्दुल ठाकुर (राजकुमार राव) नाम के पुलिस वाले से शादी कर लेती है. शार्दुल भी समलैंगिक है, इसलिए वो ट्रेलर में सुमन को उससे शादी करने के लिए मनाता हुआ भी देखा गया है. दोनों ‘रूममेट‘ की तरह एक साथ रहने को राज़ी हो जाते हैं. कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब सुमन की गर्लफ्रेंड उनके साथ स्टे करने के लिए उनके घर में आती है. चीज़ें और उलझती चली जाती हैं, जब उनकी फ़ैमिलीज़ कपल से बेबी प्लान करने के लिए कहती हैं. जब घरवालों को दोनों की सेक्शुअल प्रेफ़रेंस के बारे में पता चलेगा, तो उनका क्या रिएक्शन होगा. ये कहानी उसी के बारे में है.

क्या है लैवेंडर मैरिज?

जैसा कि ट्रेलर में दर्शाया गया है, Lavender Marriage एक महिला और पुरुष की द्वारा की गई शादी होती है, जिसमें या तो एक या दोनों ही लोगों की सेक्शुअल ओरिएंटेशन अलग होती है. शादी करने वाले दोनों लोग ऐसा समाज की प्रताड़ना से बचने के लिए करते हैं. यह शब्द ही 1920 के दशक के दौरान बोलचाल की भाषा में यूज़ किया गया था. लैवेंडर मैरिज द्वितीय विश्व युद्ध से पहले काफ़ी कॉमन थीं. पब्लिक फिगर या सेलेब्रिटीज़ अपनी सेक्सुअल प्रेफ़रेंस को छुपाने के लिए ऐसा किया करते थे, ताकि उनका फ़िल्म इंडस्ट्री में करियर बना रहे. क्योंकि उस दौरान लोगों के लिए ये एक ऐसा टैबू था, जिसको सुनकर ही लोग़ उस विशेष व्यक्ति से किनारा कर लेते थे. 

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लैवेंडर मैरिज के उदाहरण

अतीत में हॉलीवुड के कुछ लोगों ने Lavender Marriage की हैं. ‘History.com‘ के अनुसार, ‘इन शादियों को सामान्य इसलिए कर दिया गया था, क्योंकि बड़े-बड़े हॉलीवुड स्टूडियोज़ में हर एक्टर के लिए एक ‘नैतिक खंड‘ होता था. इसमें हर एक्टर या एक्ट्रेस को अपनी सेक्शुअल प्रेफ़रेंस को छुपा कर रख़ना पड़ता था. 

सबसे प्रमुख़ उदाहरणों में से एक रॉक हडसन का था. साल 1955 में हॉलीवुड के हैंडसम एक्टर के करियर को ख़तरा था, जब गोपनीय पत्रिका के पत्रकारों ने हडसन के व्यवहार को उजागर करने के लिए एक आर्टिकल प्रकाशित कर दिया था. उनके एजेंट ने इस कहानी को ख़ारिज करने के लिए एक्टर की यंग सेक्रेटरी Phyllis Gates से उनकी जल्दबाज़ी में शादी कराने की व्यवस्था की. Gates हमेशा कहती रहीं कि ये आपसी सहमति से की गई शादी है और लैवेंडर नहीं है. लेकिन कई लोगों को यकीन था कि Rock Hudson गे हैं.  

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ये भारत में समाज की सोच को कैसे प्रभावित कर सकता है?   

इतिहास इस बात का गवाह है कि सालों से LGBTQ को एक अपराधी की नज़र से देखा जाता रहा है, जिसकी वजह से दुनिया की नज़रों में उन पर अपनी सेक्सुअल ओरिएंटेशन छुपाने का प्रेशर इतना ज़्यादा है जितना हम सोच भी नहीं सकते. भारतीय फ़िल्में समाज की मानसिकता और सोच को उजागर करने में एक बड़ी भूमिका निभाती हैं. आज के समय में जब इस सेंसिटिव टॉपिक के बारे में लोग खुलकर बात करना शुरू कर रहे हैं और गे सेक्स मैरिज से जुड़ा फ़ैसला 3 फ़रवरी को आने वाला है. ऐसे टाइम पर भारत में एक लैवेंडर शादी दिखाना पुरानी संस्कृति को लोकप्रियता देने के समान है. 

जानें LGBTQ का सही मतलब

LGBTQ का मतलब सिर्फ़ समलैंगिकता से नहीं है. इस समुदाय में अलग-अलग जेंडर और सेक्सुअल ओरिएंटेशन के लोग शामिल होते हैं. L का मतलब होता है ‘लेस्बियन‘, यानि कि वो महिलाएं, जो अन्य महिलाओं की ओर आकर्षण महसूस करती हैं. G का मतलब होता है ‘गे‘, यानि कि वो आदमी जो दूसरे आदमी की ओर आकर्षित होता है. B का मतलब है ‘बाइसेक्सुअल‘. इस ओरिएंटेशन के व्यक्ति दो या उससे अधिक जेंडर की ओर आकर्षण महसूस करते हैं. T का मीनिंग ‘ट्रांसजेंडर’ है, यानि वो व्यक्ति जिसके सेक्स की पहचान उनके जन्म के समय दिए गए सेक्स से मेल नहीं खाती. अगर किसी व्यक्ति की पहचान जन्म के समय मेल के रूप में की गई है, लेकिन वो फ़ीमेल है, तो उसे ‘ट्रांसवुमन’ कहा जाता है. वहीं, इसकी विपरीत डेफ़िनेशन को ‘ट्रांसमैन’ कहा जाता है. Q का मतलब होता है ‘क्वीर‘ यानि कि वो व्यक्ति जिसकी सेक्सुअल और जेंडर आइडेंटिटी सामाजिक मानदंडों के बाहर है. इसके इतर ‘क्वीर’ एक अम्ब्रैला टर्म है, जिसे कुछ LGBTQIA+ लोगों द्वारा यौन और लिंग पहचान का वर्णन करने के लिए किया जाता है. 

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फिल्म की पूरी कहानी को क्या एंगल दिया गया है, ये इसके रिलीज़ होने के बाद ही पता चल पाएगा.