‘बाजरे दा सिट्टा…’ गाने ने पूरे इंटरनेट(Internet) को हाईजैक करके रखा हुआ है. हर Instagram Reel पर यही गाना बजता रहता है दिन-भर. आप कितना भी इस गाने को सुन आंखें घुमा लें मगर एक बात तो है कि गाना एक बार ज़ुबान पर चढ़ जाए तो उतरेगा नहीं.   

हमारी और आपकी तो छोड़िए, एक्टर विक्की कौशल  भी लगता है अब ‘बाजरे दा सिट्टा’ से परेशान हो गए हैं. उनके चेहरे के हाव-भाव से तो ऐसे ही लग रहा है!

हमारा तो छोड़िए, सेलेब्स(Celebrity) के सिर चढ़कर भी ये गाना बोल रहा है. विक्की कौशल भी आजकल दिन-रात बस ‘बाजरे दे सिट्टे’ के बारे में ही सोच रहे हैं.  

ख़ैर, मेरी तरह जिनको पंजाबी का बस ‘अस्सी-पस्सी’ आता है उनके लिए मैं इस गाने का मतलब लेकर आई हूं.  

यह एक पुराना क्लासिक पंजाबी लोक गीत है. इसका न्या वर्ज़न रश्मीत कौर और दीप कलसी ने गाया है. इसमें रैप Ikka ने किया है. इसका ओरिजिनल गाना सुरिंदर और प्रकाश कौर ने गाया था. इतना ही नहीं, सुरिंदर और प्रकाश पहली महिलाएं थी जिन्होंने पंजाबी लोक गीत गाया था. उन्हें First Ladies Of Punjabi Folk के नाम से भी जाना जाता है.

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अब ज़रा गाने के उस हिस्से की बात करते हैं जो सोशल मीडिया पर दिन-रात बजता रहता है.  

बाजरे दा सिट्टा 


बाजरे दा सिट्टा 

वे अस्सां तल्ली ते मरोड़िया 

रूठड़ा जाँदा माहिया 

रूठड़ा जाँदा माहिया 

वे अस्सां गली विच्चों मोड़िया 

बाजरे दा सिट्टा….

खेत में काम करने के दौरान महिला अपने प्रेमी से कहती हैं कि तुम्हारे लिए मैंने बाजरे का सिट्टा अपनी हथेलियों से मरोड़ा है. मेरे माही तुम फिर भी रूठे हुए हो. (बाजरे के कच्चे सिट्टे को आग में भूनकर हाथों से मरोड़ कर उसके दाने अलग करके खाये जाते हैं.) 

अब सीधी सी बात है दोस्तों अच्छा कहो या बुरा गाना तो ज़ुबान पर चढ़ गया है. थोड़ी देर में आती हूं, जा रही Instagram Reels देखने.