बॉलीवुड स्टार अजय देवगन (Ajay Devgn) के पिता वीरू देवगन (Veeru Devgan) बॉलीवुड के मशहूर फ़ाइट मास्टर (एक्शन डायरेक्टर) रह चुके हैं. बतौर एक्शन डायरेक्टर उन्होंने 150 से अधिक फ़िल्मों में काम किया था. फ़िल्मों के स्टंट और एक्शन सीक्वेंस डायरेक्ट करने के अलावा वीरू देवगन ने ‘हिंदुस्तान की क़सम’ जैसी बेहतरीन फ़िल्म का निर्देशन भी किया था. इसके अलावा वो राइटर, प्रोड्यूसर और एक्टर भी थे.

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अजय देवगन पिता को अपनी प्रेरणा मानते हैं. अपने पिता की तरह ही अजय भी एक्शन से बेहद प्यार करते हैं. अजय अपनी पहली ही फ़िल्म फूल और कांटे में एक्शन करते नज़र आए थे. ये एक ड्रामा एक्शन फ़िल्म थी जो बॉक्स ऑफ़िस पर सुपरहिट साबित हुई थी.

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जानिए आख़िर अजय देवगन को बचाने के लिए उनके पिता वीरू देवगन 250 फ़ाइटर्स क्यों ले आए थे? 

अजय देवगन को बचपन से ही गाड़ियों के बेहद शौक़ है. ख़ासकर तेज़ स्पीड में कार चलाना उन्हें बेहद पसंद है. आज हम उनका एक ऐसा ही वाक़या बताने जा रहे हैं जब ‘तेज़ स्पीड कार’ चलाने की वजह से अजय देवगन मुसीबत में पड़ गए थे. सैकड़ों की भीड़ ने उन्हें मारने के लिए घेर लिया था. इसके बाद अजय के पिता ने हीरो की तरह एंट्री मारकर अपने बेटे की जान बचाई थी.

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ये वाक़या तब का है जब अजय ने फ़िल्मों में एंट्री भी नहीं की थी. इस दौरान अजय देवगन के पास एक व्हाइट कलर की ‘जीप’ हुआ करती थी. वो एक रोज अपने दोस्त साजिद ख़ान के साथ मुंबई की सड़कों पर तेज़ रफ़्तार कार चला रहे थे. इसी दौरान जब उनकी कार मुंबई के मशहूर ‘हॉलिडे होटल’ के पास एक पतली सी गली से गुज़र रही थी, तभी अचानक पतंग के पीछे भागते हुए एक बच्चा उनकी कार के सामने आ गया. 

पब्लिक से पिटते-पिटते बचे अजय  

इस दौरान जीप फ़ुल स्पीड में थी. बच्चे को देखते ही अजय ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए और बच्चा कार से टकराने से बच गया, लेकिन डर की वजह से वो रोने लगा. इसी बीच वहां हज़ारों लोग इक्ट्ठा हो गए जो बेहद ग़ुस्से में नज़र आ रहे थे. अजय और साजिद कुछ समझ पाते इतने में लोग बोलने लगे, ‘बाहर निकलो…बाहर निकलो…तुम सब अमीर लोग बहुत तेज़ गाड़ी चलाते हो’

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इतने में ये ख़बर अजय देवगन के पिता वीरू देवगन तक पहुंच गई. बिना देर किये अजय के पिता अपने साथ 150 से 250 फ़ाइटर्स लेकर वहां पहुंच गए. ये सब बिल्कुल हिंदी फ़िल्मों के सीन की तरह था. इस दौरान 6-6 फ़ुट लंबे फ़ाइटर्स के हाथों में हॉकी स्टिक देख वहां मौजूद लोग शांत हो गए. इस तरह से वीरू देवगन ने हीरो की तरह एंट्री मारकर अपने बेटे की जान बचायी.