‘होठों से छू लो तुम’, ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’, ‘तुमको देखा तो…’, ये कुछ ग़ज़लें हैं जिन्हें सुनकर आज भी दिल को सुकून मिलता है. बात जब भी गज़ल की होती है तो गज़ल सम्राट जगजीत सिंह का नाम अपने आप ज़ुबां पर आ जाता है. उनकी आवाज़ में ऐसा जादू, ऐसा दर्द था कि सुनने वाला उसमें खो जाए.
ग़ज़ल की दुनिया के बेताज बादशाह जगजीत सिंह की गायकी कि जितनी तारीफ़ की जाए कम है. उनके गाने और गज़लों के बारे में सभी जानते हैं. इसलिए आज बात उनकी पर्सनल लाइफ़ से जुड़े एक दिलचस्प क़िस्से की होगी. ये क़िस्सा जगजीत सिंह की शादी से जुड़ा है.
बात उन दिनों की है जब जगजीत सिंह म्यूज़िक इंडस्ट्री में छाए हुए थे. यहीं एक गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान 1967 में उनकी मुलाकात पत्नी चित्रा से हुई थी. ये दोनों का पहला प्रोजेक्ट था, लेकिन चित्रा उनके साथ काम नहीं करना चाहती थीं. चित्रा का मानना था कि उनकी आवाज़ भारी है लेकिन थोड़ा समझाए जाने के बाद वो उनके साथ काम करने के लिए राज़ी हो गईं. उसके बाद उन्होंने एक साथ कई डुएट सॉन्ग और पंजाबी टप्पे गाए.
उनके द्वारा गाए गए गानों में दोनों की जुगलबंदी देखते ही बनती थी. इसी बीच जगजीत सिंह मन ही मन उन्हें चाहने लगे. एक दिन मौक़ा देखकर उन्होंने चित्रा को शादी के लिए प्रपोज़ कर दिया. लेकिन चित्रा ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया. बात दरअसल ये थी कि, वो उस समय शादीशुदा थीं और एक बच्ची की मां भी. उनके पति का नाम था देब प्रसाद दत्त और दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा था और 1968 से ही वो अपने पति से अलग रह रही थीं.
जब जगजीत सिंह को समझ आया कि चित्रा की इंकार की वजह क्या है, तो वो सीधे उनके पति देब प्रसाद के पास चले गए. यहां उन्होंने देव से कहा कि वो उनकी पत्नी से शादी करना चाहते हैं. कहते हैं देब को इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि वो भी किसी और से प्यार करते थे. इसलिए उन्होंने इसके लिए हामी भर दी. उसके बाद 1969 में जगजीत सिंह और चित्रा ने शादी कर ली.
जगजीत भले ही आज इस दुनिया में न हो, लेकिन उनके द्वारा गाए गए गानों और ग़ज़लों के रूप में सदा वो हमारे दिलो में ज़िंदा रहेंगे.
Entertainment के और आर्टिकल पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.