‘कोई फरियाद’, ‘होशवलों को ख़बर’, ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’, ‘तुमको देखा तो…’ ये कुछ गज़लें हैं जिन्हें सुनकर आज भी दिल को सुकून मिलता है. और जब भी बात गज़ल की होती है तो गज़ल सम्राट जगजीत सिंह (Jagjit Singh)का नाम अपने आप ज़ुबां पर आ जाता है. उनकी आवाज़ में ऐसा जादू, ऐसा दर्द था कि सुनने वाला उसमें खो जाए. 

Jagjit Singh
amazon

गज़ल की दुनिया के बेताज बादशाह जगजीत सिंह वो सिंगर थे जिन्होंने इसे नौजवानों के बीच फ़ेमस किया. उनके गीतों और गज़लों के बारे में हम सभी जानते हैं, आज बात होगी उनकी पर्सनल लाइफ़ की. जगजीत सिंह के जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा हम आपके लिए लाए हैं, ये क़िस्सा जुड़ा है उनके पिता से. 

ये भी पढ़ें: क़िस्सा: जब मिथुन के ख़ौफ़ से फूट-फूट कर रोने लगे शक्ति कपूर, छोड़ना चाहते थे एक्टिंग

पिता ने पहचाना था उनका टैलेंट

Jagjit Singh
bollywoodlife

दरअसल, जगजीत सिंह के पिता अमर सिंह ने उनके टैलेंट को देख उन्हें गाना गाने के लिए प्रेरित किया. वो जगजीत सिंह को गुरुद्वारों में ले जाया करते थे ताकी वो वहां पर भजन गाकर अपनी प्रैक्टिस जारी रख सकें. यही नहीं उन्होंने जगजीत सिंह को क्लासिकल सिंगिंग सीखने लिए पंडित छगनलाल शर्मा (Pandit Chaganlal Sharma) के पास भी भेजा. 

ये भी पढ़ें: ’एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ की राइटर गज़ल की कहानी समाज का वो किस्सा, जिसे कोई सुनना नहीं चाहता

मुंबई में किया संघर्ष

jagjit singh beard
bollywoodlife

इसके बाद उन्होंने उस्ताद जमाल ख़ान से 6 साल तक संगीत सीखा. संगीत की शिक्षा हासिल करने के बाद वो मुंबई आ गए. यहां जगजीत सिंह अपने आप को बतौर सिंगर स्थापित करना चाहते थे. अपने सपने को पूरा करने के लिए यहां उन्होंने बहुत संघर्ष किया. वो फ़िल्मी पार्टियों में गाते, कई विज्ञापनों में भी काम किया. शादी में गाने जाते.

Jagjit Singh

इस कंपनी ने दिया पहला ब्रेक

Jagjit Singh
thequint

कई दिनों तक एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो तक धक्के खाने के बाद उन्हें फ़ाइनली HMV ने दो गानों के लिए साइन किया. उन्हें एक कैसेट के लिए दो गीत गाने थे एक दूसरे सिंगर के साथ. म्यूज़िक डायरेक्टर थे सीके चौहान. जगजीत सिंह ने इसमें ‘साकिया होश कहां था’, और ‘अपना ग़म भूल गए’ गाने की रिकॉर्डिंग की. HMV ने इनसे कैसेट के कवर पर फ़ोटो लगाने के लिए उनकी तस्वीर मांगी.

hmv
spiralclassics

चूंकि जगजीत सिंह सिख थे तो उन्होंने दाढ़ी और बाल बढ़ा रखे थे और वो पगड़ी भी बांधते थे. मगर जगजीत जी ने तय किया कि वो अपनी दाढ़ी और बाल कटवाएंगे, ताकी कोई उन्हें टिपिकल पंजाबी सिंगर न समझ ले. वो चाहते थे कि दुनिया उन्हें एक वर्सटाइल सिंगर के रूप में जाने. 

पिता हुए थे बहुत नाराज

Jagjit Singh
indiatvnews

ऐसा ही हुआ उन्होंने अपने दाढ़ी और बाल कटवा दिए. प्रोफ़ेशनली तो उनका ये कदम भले ही सही रहा हो, लेकिन पर्सनली नहीं. उनके पिता को जब इस बात का पता चला तो वो बहुत नाराज हुए. वो सिख धर्म को मानते थे और ये नामधारी सिख सिद्धांतों के ख़िलाफ़ कदम था. इसलिए जगजीत सिंह के पिता ने उनसे लगभग अपना नाता तोड़ ही लिया था. उन्होंने जगजीत सिंह से बात करना छोड़ दिया था.

Jagjit Singh
indianexpress

यही नहीं इसके बाद जब वो एक फ़ंक्शन में जहां उन्हें गाना गाने के लिए बुलाया गया था, वहां एंट्री करने से भी रोक दिया गया था. इस क़िस्से का ज़िक्र उन्होंने अपने जीवन पर लिखी गई किताब ‘बात निकलेगी तो फिर’ में किया था. जगजीत सिंह भले ही आज हमारे बीच न रहे हों, लेकिन वो अपनी गज़ल और गीतों के ज़रिये आज भी हमारे बीच मौजूद हैं और रहेंगे.