भारतीय गायकों के पितामह कहे जाने वाले कुंदन लाल सहगल को हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार भी कहा जाता है. अपने 2 दशक के करियर में उन्होंने 36 फ़िल्मों में काम किया और लगभग 185 गीत गाए थे. उनके गाने आज भी लोग सुनते हैं. मोहम्मद रफ़ी, किशोर कुमार और भी कई बड़े गायक उन्हें अपना आदर्श मानते थे.

‘एक बंगला बने न्यारा रहे कुनबा जिसमे सारा’,

‘जब दिल ही टूट गया’, 
‘बाबुल मोरा नैहर छूटल जाये’. 
जैसे कुंदन लाल सहगल द्वारा गाए गए कुछ तराने आज भी लोग सुनते दिखाई दे जाते हैं.

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अभिनय में भी के.एल. सहगल का कोई सानी नहीं था. उस दौर में वैसा ही रुतबा रखते थे जैसे आज के बड़े-बड़े सुपरस्टार्स. वेटरन एक्टर दिलीप साहब भी उन्हें अपना आइडल मानते थे. स्वर कोकिला लता मंगेशकर भी उन्हें अपना गुरू मानती थीं. यही नहीं एक ज़माने में वो उनसे शादी करने के सपने भी देखा करती थीं. 

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बात उन दिनों की है जब लता जी छोटी थीं और वो अपने पिता के साथ गाने का रियाज़ किया करती थीं. यूं तो उनके घर में फ़िल्मी गाने गाना मना था लेकिन के.एल. सहगल के गाने सुनने पर कोई मनाही नहीं थी, ख़ासकर लता जी को. लता जी कई बार अपने पिताजी के साथ के.एल. सहगल के गानों पर घंटों रियाज़ किया करती थीं.

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के.एल. सहगल जी की आवाज़ उन्हें इतनी पसंद थी कि वो उनसे शादी करने के सपने देखा करती थीं. इस बात का ज़िक्र ख़ुद उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में किया है. लता जी उन्हें याद करते हुए कहती हैं- ‘जितना मुझे याद आता है, मैं हमेशा से के. एल. सहगल से मिलना चाहती थी. बच्चे के तौर पर मैं कहती थी कि जब मैं बड़ी हो जाऊंगी तो उनसे शादी करूंगी. तब मेरे बाबा मुझे समझाते थे कि जब तुम शादी करने जितनी बड़ी हो जाओगी तो सहगल साहब शादी की उम्र पार कर चुके होंगे.’

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के.एल. सहगल को बॉलीवुड का पहला दर्दभरा गायक भी कहा जाता है. ‘सो जा राजकुमारी’ गाने में उन्होंने अपने प्रेमिका को खो देने वाले प्रेमी का दर्द ऐसे उतारा कि आज भी लोग उन्हें याद करते हैं. यही नहीं उनकी बंगाली फ़िल्म ‘दीदी’ में उनके गीतों को सुनकर खु़द गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कह दिया था कि ‘तुम्हारा गला कितना सुंदर है’.

इतने बड़े कलाकार होने के बावजूद उनके अंदर स्टार होने का घमंड बिल्कुल न था. वो एक नेकदिल और अज़ीम इंसान थे. जैसे अंदर वैसे बाहर. कुछ ऐसे थे हमारे प्यारे के.एल. सहगल.