When Manoj Kumar recalled trauma of Partition: भारत-पाक विभाजन के दौरान हुए दंगों में हिंदुस्तानियों ने बहुत कुछ खोया. लाखों मासूमों की जान गई, घर-ज़मीन छूटी और शरणार्थी बन गए. दशकों तक बॉलीवुड में देशभक्ति का चेहरा रहे मनोज कुमार भी उनमें से एक हैं. 1947 में भारत के विभाजन के दौरान वो भारत आ गए थे.

Manoj Kumar
wikimedia

अभिनेता का जन्म पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत के एबटाबाद में हुआ था, लेकिन उन्हें अपनी फ़ैमली के साथ भारत आना पड़ा. यहां उन्हें एक शरणार्थी शिविर में रहना पड़ा था.

दंगों की वजह से खोया छोटा भाई

विभाजन के दौरान, मनोज कुमार की मां ने एक बच्चे को जन्म दिया था और उस समय उन दोनों की तबियत खराब हो गई. उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मगर बच्चे को नहीं बचाया जा सका.

Actor Manoj Kumar
amazon

एक इंंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था, “मैं सबसे बड़ा बेटा था, मेरी एक छोटी बहन थी, जिसका नाम ललिता था. जब बंटवारा हुआ तो मेरी मां ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम हमने कुकू रखा. वो और मेरी मां अस्वस्थ थे, हम उस समय एक शरणार्थी शिविर में थे. मां अस्पताल में भर्ती थीं और दंगे हो रहे थे. जब सायरन बजता तो डॉक्टर और नर्स भूमिगत हो जाते थे.’

उन्होंने आगे कहा, “मेरी मां और भाई की हालत खराब थी. मां डॉक्टरों को बुला रही थी लेकिन वे सभी भूमिगत थे. मां की एक चीख सुनाई दी और बोलीं, मेरा कुकू चला गया. मेरा भाई मर गया था. मैं बेहद गुस्से में था, मैंने एक लाठी ली और कुछ डॉक्टरों और नर्सों की पिटाई कर दी. मेरे पिता ने मुझे किसी तरह संभाला.’

face of patriotism in Bollywood
indiatimes

पिता ने दिलाई हिंसा ना करने की कमस

अगले दिन मनोज और उनके परिवार ने दो महीने के बच्चे का अंतिम संस्कार किया. ‘उस दो महीने के बच्चे को जमुना जी में बहा दिया और जैसे जैसे वो नीचे जा रहा था, वैसे वैसे मुझे लग रहा था के मैं डूब रहा हूं.’

उस दिन मनोज के पिता ने उनसे कसम ली कि वो कभी भी हिंसा में शामिल नहीं होंगे.

Manoj Kumar Partition of India
dnaindia

“मेरे पिता ने मुझे शपथ दिलाई कि मैं जीवन में कभी हिंसा का सहारा नहीं लूंगा. कई बार मैं किसी को थप्पड़ मारना चाहता था लेकिन मेरी कसम मुझे रोक देती थी.”

बाद में मनोज कुमार मुंबई चले गये और एक लोकप्रिय बॉलीवुड स्टार बन गये. उन्होंने गुमनाम, वो कौन थी?, दस नंबरी, शहीद, पूरब और पश्चिम और क्रांति जैसी हिट फ़िल्में दीं. इन फिल्मों से मनोज बॉलीवुड में देशभक्ति का पर्याय बन गए.

ये भी पढ़ें: बिकने जा रहा है देव आनंद का 73 साल पुराना आइकॉनिक बंगला, 400 करोड़ रुपये में पक्की हुई डील