‘एक प्यार का नगमा है…’ 1972 में रिलीज़ हुई थी फ़िल्म ‘शोर’ आज भी लोग इसके गाने सुनते दिखाई दे जाते हैं. फ़िल्म भले ही बॉक्स ऑफ़िस पर कुछ ख़ास कमाल न दिखा पाई हो लेकिन इसके संगीत ने लोगों का दिल छू लिया था. इस फ़िल्म को मनोज कुमार ने डायरेक्ट किया था. उनके साथ इसमें जया बच्चन और नंदा जैसे कलाकार भी थे. 

इस फ़िल्म से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.

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बात 70 के दशक की है जब मनोज कुमार इस फ़िल्म की कहानी लिख चुके थे. फ़िल्म के लिए कास्टिंग की जा रही थी. फ़िल्म के लिए सभी कलाकार तो मिल गए लेकिन ‘शोर’ में मनोज कुमार की पत्नी का रोल करने को कोई तैयार नहीं हो रहा था.

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चूंकि ये छोटा-सा रोल था इसलिए इस रोल को करने को कोई एक्ट्रेस तैयार नहीं थी. लेकिन रोल बहुत ज़रूरी भी था. इस बात से परेशान मनोज कुमार को उनके किसी दोस्त ने उस ज़माने की मशहूर अभिनेत्री नंदा से बात करने की सलाह दी.

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लेकिन मनोज कुमार इस बात से झिझक रहे थे कि रोल छोटा है और नंदा जी बड़ी स्टार वो भी शायद इसके लिए ना कह दें. ख़ैर, मनोज कुमार जी अपने मन के ख़ातिर नंदा जी से मिलने चले गए. उनके घर पहुंच कर मनोज कुमार ने रोल ऑफ़र किया और साथ में ये भी बताया कि इससे पहले कई अभिनेत्री इस रोल को करने से इंकार कर चुकी हैं. 

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नंदा जी को रोल पसंद आ गया और वो एक शर्त पर इसे करने को राज़ी हो गईं. वो ये कि इस फ़िल्म को वो बिना किसी फ़ीस लिए करेंगी. ये शर्त सुन मनोज कुमार साहब हैरान भी रह गए और ख़ुश भी हुए. तब उन्होंने नंदा जी से वादा किया था कि वो किसी न किसी रूप में उनका ये एहसान ज़रूर चुकाएंगे.

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फ़िल्म रिलीज़ हुई और जया बच्चन के साथ ही नंदा जी के किरदार को भी लोगों ने ख़ूब सराहा. बाद में मनोज कुमार साहब अपने दूसरे काम में व्यस्त हो गए और नंदा जी भी बिज़ी हो गईं. इस तरह मनोज कुमार उनका ये एहसान कभी नहीं चुका पाए. इस बात का उन्हें आज भी मलाल है. मनोज कुमार से जुड़ा ये क़िस्सा आप यहां सुन सकते हैं.

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