When Nawazuddin Siddiqui Rejected From TV Show : आज नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी की गिनती बॉलीवुड के बड़े और शानदार अभिनेताओं में होती है. आज हर एक बड़ा एक्टर उनके साथ काम करना चाहता है. लेकिन, ये मुक़ाम यूं ही हासिल नहीं हुआ, इसके पीछे संघर्ष की लंबी कहानी है. उनके जीवन में एक लंबा दौर ऐसा रह चुका है जब फ़िल्मों में छोटे-मोटे रोल के लिए भी उन्हें काफ़ी जद्दोजहद से गुज़रना पड़ता था. नवाज़ कई बार बड़े मंचों पर अपने स्ट्रगलिंग के क़िस्से सुना चुके हैं.  

स्ट्रगलिंग के दौरान उन्हें वॉचमेन तक की नौकरी करनी पड़ी, लेकिन ज़िंदगी से कभी हार नहीं मानी. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने स्ट्रगलिंग के दिनों को याद करते हुए कुछ हैरान कर देने वाली साझा की है. आइये, जानते हैं क्या-क्या कहा नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने. 

आइये, अब विस्तार से डालते हैं आर्टिकल (When Nawazuddin Siddiqui Rejected From TV Show) पर नज़र. 

‘एक्टर के लिए बहुत की हम अवसर मौजूद थे’ 

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When Nawazuddin Siddiqui Rejected From TV Show: मीडिया संगठन न्यूज़ 18 को दिए गए इंटरव्यू में बॉलीवुड एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने बताया कि, “साल 2000 के दौरान एक एक्टर के लिए बहुत ही कम अवसर मौजूद थे. लेकिन, आज ओटीटी व रियेलिटी शोज़ की वजह से लोगों के लिए अवसरों के द्वार खुल चुके हैं”. नवाज़ुद्दीन आगे बताते हैं कि जब साल 2000 में एक एक्टर बना, तब बहुत की कम सीरियल्स मौजूद थे, लेकिन आज हर एक्टर व्यस्त है, क्योंकि उन्हें पास करने के लिए वेब सीरीज़, टीवी शोज़ और रियेलिटी शोज़ मौजूद हैं”.  

‘तुम एक्टर नहीं बन सकते’ 

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इंटरव्यू के दौरान नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने बताया कि उन्हें लोगों से ये सुनने को मिला कि तुम एक्टर नहीं बन सकते हो. उन्होंने आगे कहा कि, “रियलिस्टिक मूवीज़ की बढ़ी संख्या की वजह से ही हम जैसे कलाकरों को स्वीकार किया गया”. नवाज़ आगे बताते हैं कि, “जब भी मैं काम के लिए किसी के पास जाता था, तो मुझे ये सुनने को मिलता था कि तुम एक्टर की तरह नहीं दिखते हो, इसलिए तुम्हें किसी दूसरे काम की तलाश करनी चाहिए. एक्टर ऐसे नहीं होते और तुम एक एक्टर नहीं हो”. 

वहीं, नवाज़ आगे कहते हैं कि हर ऑफ़िस में यही सुनने को मिलता था कि तुम अपना समय क्यों बर्बाद कर रहे हो. आख़िरकर 9-10 लगे, कुछ डायरेक्टर्स निकले, जो रियलिस्टिक मूवीज़ बना रहे थे और हम जैसे कलाकार उन्हीं फ़िल्मों के ज़रिए उठ पाए. हालांकि, ऐसी फ़िल्में यहां नहीं चली, लेकिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में इनकी काफ़ी सराहना की गईं”.  

‘तुम्हारे लिए एक्स्ट्रा लाइट्स लगेंगी’ 

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When Nawazuddin Siddiqui Rejected From TV Show : नवाज़ में स्ट्रलिंग के शुरुआती दिनों की बात करते हुए ये भी बताया कि कैसे उन्हें उनके गहरे रंग की वजह से टीवी शोज़ के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था. नवाज़ ने बताया कि, “शुरुआती दिनों में मैं टीवी शोज़ में काम मांगता था, लेकिन मेकर्स मुझसे कहते थे कि हम आपको कास्ट नहीं कर सकते, क्योंकि इसमें ज्यादा वक्त लगेगा और आप लोग दिखते नहीं हो. हमें एक्स्ट्रा लाइट्स डालनी होगी. हमें हर दिन एक एपिसोड भेजना होता है, अगर हमने आपको कास्ट किया, तो 1.5 दिन लगेंगे और हमें नुकसान होगा. बेहतर है कि आप कुछ और ढूंढ लें”.

नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने आगे बताया कि, “इसके बाद ही मैंने फ़िल्मों में काम करने का सोचा. लेकिन, मुझे शुरुआत में 40 सेकंड से लेकर 1 मिनट के ही रोल मिला करते थे. हालांकि, इसके बाद मुझे दो रोल मिलने लगे. ऐसा क़रीब पांच सालों तक चलता रहा”. 

जब काम के पैसे तक नहीं मिले  

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इंडियन एक्सप्रेस ने अनुसार, नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी ने 1999 में आई राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म ‘शूल’ में काम किया था. इस फ़िल्म में उनका रोल एक वेटर का था. फ़िल्म के हीरो थे मनोज बाजपेयी. लेकिन, उन्हें फ़िल्म में काम करने जो 2500 रुपए बनते थे, वो तक नहीं दिए गए. नवाज़ कई महीनों तक प्रोड्यूसर के दफ़्तर के चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें उनके पैसे देने से मना कर दिया गया. तब नवाज़ ने पैसे वसूलने का एक चतूर तरीक़ा निकाला. वो लंच टाइम में प्रोड्यूसर के दफ़्तर जाने लगे, जहां उनसे पूछा जाता कि खाना खाएगा और वो हां कह देते. ऐसा मैंने कई महीनों तक किया और अपने वैसे वसूल लिए.