बॉलीवुड (Bpllywood) एक्टर नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) एक बेहतरीन कलाकार और बेबाक इंसान हैं. उनके नाम और काम से दुनिया वाकिफ़ है. मगर उनकी ज़िंदगी की ऐसी कुछ बातें हैं, जिनसे आप शायद अनजान हों. आपको जानकर हैरानी होगी कि नसीरुद्दीन शाह पर कभी उनके ही एक क़रीबी दोस्त ने चाकू से जानलेवा हमला किया था. अगर उस वक़्त इंडस्ट्री का एक दिग्गज एक्टर उनकी जान न बचाता, तो शायद देश नसीरुद्दीन जैसा बड़ा एक्टर खो बैठता.

bbc

ये भी पढ़ें: किस्सा: जब तनूजा ने ग़ुस्से में धर्मेंद्र को मारा था थप्पड़, बोलीं- ‘बेशर्म, तुम्हारी इतनी हिम्मत…’

ढाबे पर बैठकर खा रहे थे खाना, अचानक हुआ चाकू का वार

ये क़िस्सा साल 1977 का है. नसीरुद्दीन शाह ने अपनी आत्मकथा ‘एंड देन वन डेः अ मेमोयर’ में अपने साथ हुए एक हादसे का ज़िक्र किया था. उन्होंने बताया कि श्याम बेनेगल की फ़िल्म ‘भूमिका’ की शूटिंग चल रही थी. फ़िल्म के सेट के पास एक ढाबे पर बैठ कर नसीरुद्दीन अपने एक दोस्त के साथ खाना खा रहे थे.

amarujala

तब ही नसीरुद्दीन के साथ बैठे दोस्त ने देखा कि एनएसडी और एफटीआईआई में उनके साथ पढ़ने वाला जसपाल सामने से आ रहा है. जसपाल भी नसीरुद्दीन का अच्छा दोस्त था. मगर जसपाल वहां आकर पीछे की तरफ़ बैठ गया. शाह ने बताया कि जसपाल को वो अपना दोस्त समझते थे, लेकिन वो उनकी सफ़लता से जलने लगा था. 

ऐसे में जैसे ही शाह का ध्यान हटा, जसपाल ने उन पर हमला कर दिया. जसपाल के वार से शाह वहीं पर गिर गए. उन्होंने देखा कि जसपाल के हाथ में चाकू है. वो उठने की कोशिश कर ही रहे थे कि जसपाल ने दोबारा हमला करने की कोशिश की. मगर इस बार जो दोस्त नसीरुद्दीन के साथ बैठा था, वो जसपाल पर झपट पड़ा. 

कौन था वो दूसरा दोस्त?

वो दोस्त कोई और नहीं, बल्कि नसीरुद्दीन के सबसे क़रीब माने जाने वाले ओम पुरी (Om Puri) थे. जी हां, ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह की दोस्ती एनएसडी के समय से थी. यहां उन्होंने चार साल एक्टिंग की पढ़ाई की थी. इसके बाद एफटीआईआई पुणे में दोनो साथ पढ़े थे. हमले वाले दिन भी ओम पुरी ढाबे पर शाह के साथ ही थे. 

pinimg

ख़ैर, ओम पुरी ने जसपाल को क़ाबू करने की कोशिश की. दोनों के बीच काफ़ी झगड़ा हुआ. जसपाल को पकड़े रहना ओम पुरी के लिए आसान नहीं था, लेकिन दोस्त की जान बचाने के लिए उन्होंने जसपाल को जाने नहीं दिया.

ढाबे वाले ने पुलिस के आने तक नहीं जाने दिया हॉस्पिटल

नसीरुद्दीन शाह दर्द से जूझ रहे थे. वहीं, ओम पुरी एक तरफ़ जसपाल से जूझ रहे थे, तो दूसरी ओर ढाबे वाले से शाह को अस्पताल ले जाने के लिए बहस कर रहे थे. ओम पुरी ने नसीर को बताया कि जसपाल को किचन में ले जाकर इलाज किया जा रहा है. मगर ढाबे वाले ने पुलिस के आने तक यहां से जाने से मना कर दिया है. 

twimg

शाह ने अपनी किताब में लिखा है कि उनकी पीठ पर दर्द बढ़ता ही जा रहा था. ख़ून से उनकी पूरी शर्ट लथपथ थी. अब ख़ून बहकर उनकी पैंट तक पहंच गया था. हालांकि, कुछ ही देर में वहां पुलिस आ गई. मगर वो भी सवाल-जवाब में बिज़ी हो गई. शाह ने बताया कि ओम से उनका दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ. ऐसे में उन्होंने बिना किसी की अनुमति लिए पुलिस की गाड़ी में उन्हें अस्पताल पहुंचाया था.

इस तरह ओम पुरी ने अपने सबसे क़रीबी दोस्त नसीरुद्दीन शाह की जान बचाई थी. बता दें, अभिनेता ओम पुरी का साल 2017 में निधन हो गया था.