संजय दत्त(Sanjay Dutt) बॉलीवुड के ऐसे स्टार हैं जिनकी ज़िंदगी में कई उतार चढ़ाव आए हैं. बचपन में नशे की लत, मां की मृत्यु, जेल जाना, टूटी शादियां और कैंसर तक उन्होंने अपनी लाइफ़ में बहुत सी कठिनाइयों का सामना किया है, मगर वो कभी हारे नहीं, वो हर बार एक योद्धा की तरह हालातों से लड़ते रहे और सर्वाइव किया. 

ये कहना ग़लत न होगा संजय दत्त दिल के बड़े मजबूत हैं. उनकी इसी ख़ूबी के बारे में बताने वाला एक क़िस्सा हम आज आपके लिए लेकर आए हैं. ये क़िस्सा उनकी गिरफ़्तारी और पिता सुनील दत्त से जुड़ा है. 

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दरअसल, 1993 में जब संजय दत्त को Terrorist And Disruptive Activities (Prevention) Act के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया था. जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे उन्होंने सबके सामने अपने पिता सुनील दत्त को टूटने(रोने) से बचाया था.

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जब अदालत ने उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी तब उन्हें वहीं से जेल ले जाना था. उस वक़्त उनके पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. संजय दत्त को जब पुलिस वाले हथकड़ी पहनाने लगे तो सुनील दत्त साहब की आंखें भर आई थीं. वो भावुक हो गए थे और ये बात संजय दत्त ने नोटिस कर ली थी.

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तब संजय दत्त ने स्थिति को संभालते हुए पुलिस वाले के साथ मज़ाक किया था ताकि उनके पिता का मन थोड़ा हल्का हो सके. उन्होंने कहा- ‘पापा ये तो रूटीन वर्क है, इंस्पेक्टर आओ मुझे हथकड़ी लगाओ.’

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संजय दत्त ने बताया कि उन्हें ऐसा करना ही था क्योंकि उनके पिता बहुत से लोगों के आदर्श थे और वो नहीं चाहते थे कि उनके पिता सबके सामने यूं तड़पते हुए रोएं. संजय दत्त अक्टूबर 1995 में जेल से रिहा हुए थे. साल 2014 में उन्हें इस केस में फिर से गिरफ़्तार किया गया और उन्होंने लगभग दो साल जेल में गुज़ारे थे और फरवरी 2016 में उनको रिहा कर दिया गया था.