नेपाल ऐसा देश है जो मानव तस्करी की समस्या से काफ़ी सालों से जूझ रहा है. इसका शिकार अधिकतर 15-30 साल की महिलाएं होती हैं, जिन्हें अलग-अलग देशों में ले जाकर जिश्मफ़रोशी के बाज़ार में बेच दिया जाता है. कई संस्थाएं और लोग ऐसी महिलाओं को इस दलदल से निकालने और उन्हें घर वापस पहुंचाने में लगी हुई हैं. आज हम आपको एक बॉलीवुड स्टार से जुड़ा ऐसा ही क़िस्सा बताएंगे, जिन्होंने बिना किसी मीडिया कवरेज के ही कई सालों पहले नेपाल की ऐसी कुछ महिलाओं को उनके घर सुरक्षित पहुंचाया था.

बात 1996 की है. मुंबई के एक मशहूर रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में रेड पड़ी थी. यहां पर पुलिस ने 456 सेक्स वर्कर्स को पकड़ा था. इनमें से 128 नेपाल की थीं. इन महिलाओं में अधिकतर 15-30 साल की थीं. उन्हें जब नेपाल वापस भेजने के लिए भारत सरकार ने संपर्क किया तो वहां की सरकार ने कागज़ात न होने के चलते उन्हें वापस लाने से इंकार कर दिया.

अब ये महिलाएं न तो भारत में रह सकती थीं और न ही नेपाल उन्हें वापस लेने को तैयार था. तब इन महिलाओं की मदद के लिए बॉलीवुड स्टार सुनील शेट्टी आगे आए. उन्होंने इन 128 महिलाओं की फ़्लाइट्स की टिकट ख़रीदी और उन्हें उनके घर तक पहुंचाने का इंतज़ाम किया. भारत से नेपाल तक का जो भी ख़र्च था वो सुनील शेट्टी ने ख़ुद ही उठाया.

उन्होंने क़रीब 24 साल तक इस बारे में कोई बात नहीं की. क्योंकि वो जानते थे कि अगर वो ऐसा करते तो शायद उन महिलाओं का जीवन दूभर हो जाता. उनके इस साहसिक कदम का जानकारी हमें यूट्यूब पर मिली एक डॉक्यूमेंट्री Sex Trafficking: Women Pushed Into the Sex Trade in Nepal में मिली है. हाल ही में सोशल मीडिया इसका एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में एक महिला जो उन्हीं 128 नेपाली महिलाओं में से एक थी, उसने ये बात लोगों से शेयर की है.

इस महिला का नाम चरिमाया तमांग हैं. वो इन दिनों नेपाल में मानव तस्करी की शिकार हुई महिलाओं की हेल्प के लिए एक एनजीओ चलाती हैं. बिना किसी हो-हल्ले के इन 128 महिलाओं का जीवन सुधारने वाले सुनील शेट्टी को हमारा सैल्यूट.