70 और 80 के दशक में ग्लैमर और ज़ीनत अमान एक-दूसरे के पर्यायवाची बन गए थे. ये वो दौर था जब डायरेक्टर और प्रोड्यूसर उन्हें अपनी फ़िल्म में साइन करने के लिए लाइन लगाए खड़े रहते थे. ज़ीनत अमान ने इंडस्ट्री में शुरुआत मॉडलिंग से की थी. शुरुआत में कुछ फ़िल्में भी कीं लेकिन वो चल न सकीं.

फिर देवानंद साहब ने उन्हें अपनी फ़िल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ के लिए साइन किया. ये फ़िल्म सुपरहिट रही और ज़ीनत की क़िस्मत का सितारा भी चमक उठा. इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फ़िल्मों में काम किया. देवानंद के साथ ये उनकी पहली फ़िल्म थी. इस फ़िल्म से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा आज हम आपको बताएंगे.

हुआ यूं के नवकेतन फ़िल्म के बैनर तले बनी इस फ़िल्म की शूटिंग के दौरान देवानंद साहब को महसूस होने लगा कि वो ज़ीनत अमान को पसंद करने लगे हैं. फ़िल्म के रिलीज़ होने के बाद उनके ही चर्चे होते थे. जब भी वो ज़ीनत का नाम सुनते उनका मन ख़ुश हो जाता. उन्हें लगने लगा था कि वो ज़ीनत को प्रेम करने लगे हैं.

इस बात का ज़िक्र देवानंद साहब ने अपनी ऑटोबायोग्राफ़ी Romancing With Life में किया है. उन्होंने इसमें बताया है कि वो तो ज़ीनत को सबकुछ बताने वाले थे लेकिन राज कपूर की वजह से कह नहीं पाए. दरअसल, राजकपूर ने ज़ीनत अमान को अपनी फ़िल्म सत्यम शिवम सुंदरम के लिए साइन कर लिया था. इसके बाद वो राजकपूर से ज़्यादा मिलने-जुलने लगी थीं. उनकी इसी दोस्ती से देवानंद साहब को ग़लतफहमी हो गई कि दोनों के बीच कुछ है.

इसलिए उन्होंने अपने पैर पीछे खींच लिए थे. नहीं तो वो तो 48 साल की उम्र में 20 की ज़ीनत अमान को उसी ताज होटल में प्रपोज़ करने वाले थे जहां दोनों पहली बार मिले थे. ख़ैर, ये तो हो गई देवानंद साहब की बात. अब आपको बताते हैं कि ज़ीनत अमान का इस संदर्भ में क्या कहना. असल में जिस वक़्त देवानंद साहब उन्हें प्रपोज़ करने की प्लानिंग कर रहे थे उस समय ज़ीनत अमान को उनकी फ़ीलिंग के बारे में पता ही नहीं था. उन्हें इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि देव साहब उनको प्यार करते हैं.

मैं देवानंद जी की बहुत इज्ज़त करती हूं. उनके नवकेतन बैनर के चलते ही मैं एक बड़ी स्टार बनी थी. उनका मेरे प्रति अलग ही दृष्टीकोण था, मैं जिससे अंजान थी. जिस दिन मैं राज कपूर साहब से मिलने पहुंची उसी दिन शायद वो मुझे प्रपोज़ करने वाले थे. लेकिन मुझे इसका कतई अंदाज़ा नहीं था कि देवानंद जी मुझसे प्रेम करते हैं. रत्ती भर भी नहीं. मैं तो राजकपूर जी से वैसे ही मिली थी जैसे दूसरे को-स्टार अपनी एक्ट्रेस से मिलते हैं.
-ज़ीनत अमान
इसके बाद देवानंद ने ज़ीनत अमान से हमेशा-हमेशा के लिए दूरी बना ली थी.