बचपन की यादें बेहद ख़ूबसूरत होती हैं. इसीलिये जब भी बचपन की कोई चीज़ याद आती है, तो चेहरे पर ख़ुद ब ख़ुद मुस्कान आ जाती है. बचपन की इन्हीं सुनहरी यादों में ‘धारा’ का एक विज्ञापन भी है. कई सालों पहले बने धारा तेल के इस विज्ञापन में एक छोटा बच्चा भी नज़र आता है. ये बच्चा घरवालों से नाराज़ होकर रेलवे स्टेशन आ जाता है, तभी वहां रामूकाका आते हैं और उसे जलेबी का लालच देकर घर वापस ले जाते हैं.  

अब सालों पुराना क्यूट सा ये विज्ञापन देखिये: 

विज्ञापन में दिख रहे इस बच्चे का नाम परज़ान दस्तूर है, जिसे हम ‘कुछ कुछ होता है’ में भी देख चुके हैं. हांलाकि, बचपन में क्यूट सा दिखने वाला परज़ान अब बड़ा हो चुका है, जिसे आपने Ubereats के विज्ञापन में भी देखा होगा. अगर ये विज्ञापन भी मिस कर दिया है, तो अब देख लीजिये.  

टीवी विज्ञापन से निकल कर परज़ान ने बड़े पर्दे की ओर रुख़ किया. इसके बाद वो ‘कुछ-कुछ होता है’, ‘कल हो न प्यार है’, ‘मोहब्बतें’, ‘कभी ख़ुशी कभी ग़म’, ‘हाथी का अंडा’, ‘हम तुम’, ‘सिकंदर’, और ‘ब्रेक के बाद’ जैसी फ़िल्मों में दिखाई दिये. इसके साथ ही परज़ान ने बेहद कम उम्र में ‘पॉकेट मम्मी’ नामक शॉर्ट फ़िल्म रिलीज़ और प्रोड्यूस भी की थी.  

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वहीं अगर परज़ान की निज़ी ज़िंदगी की बात की जाये, तो वो मुंबई स्थित अपने घर में माता-पिता और भाई के साथ रहते हैं. परज़ान पारसी समुदाय से हैं और इंस्टाग्राम पर काफ़ी एक्टिव रहते हैं. इंस्टाग्राम पर वो अपनी ज़िंदगी के कई छोटे-बड़े पल शेयर करते रहते हैं.  

फिलहाल परज़ान के अपकमिंग प्रोजेक्ट के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है, पर उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें कुछ नया और बड़ा करते हुए देखेंगे.  

वैसे एक बात बताओ परज़ान को देख कर यक़ीन नहीं होता न कि ये वही बच्चा है, जिसे टीवी पर देख कर गाल नोचने का मन करता था. अब आप कमेंट में बताओ आपको कौन सा परज़ान ज़्यादा अच्छा लगता है अभी वाला या बचपन वाला?