आमिर ख़ान स्टारर फ़िल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के छोटे कलाकार अहमद इब्न उमर (Ahmad Ibn Umar) आजकल काफ़ी चर्चा में हैं. ‘लाल सिंह चड्ढा’ फ़िल्म 11 अगस्त को बड़े पर्दे पर रिलीज़ हो गई है. हॉलीवुड फ़िल्म फ़ॉरेस्ट गंप (1994) की रीमेक ये फ़िल्म, अपनी स्क्रिप्ट, कास्ट और एक्टिंग को लेकर काफ़ी चर्चा में हैं. इस फ़िल्म में आमिर खान, करीना कपूर और साउथ-इंडियन एक्टर नागा चैतन्य बॉलीवुड में पहली बार अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. लेकिन इस बीच फ़िल्म में आमिर का बचपन का क़िरदार निभाने वाले अहमद इब्न उमर भी पॉपुलर हो रहे हैं. चलिए इसी क्रम में आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अहमद इब्न उमर के बारे में कुछ ख़ास बातें बातएंगे.
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चलिए विस्तार से जानते हैं अहमद इब्न उमर के बारे में (Who Is Ahmad Ibn Umar)-
10 वर्षीय अहमद श्रीनगर में स्थित Zaldagar जगह के रहने वाले हैं. फ़िल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ भले ही ट्रेलर रिलीज़ के बाद कॉन्ट्रोवर्सी में आ गई हो, लेकिन अहमद का कैरेक्टर लोग काफ़ी पसदं कर रहे हैं. अगर हम अहमद के परिवार के बारे में बात करें, तो उनके पिता एक बिज़नेसमैन और मां ग्रहणी हैं. एक इंटरव्यू में अहमद ने बताया कि, “सारा श्रेय मेरे माता को जाता है, जो मेरे पीछे एक विशाल पहाड़ की तरह खड़े रहे. जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया”.
स्कूल के साथ-साथ एक्टिंग
10 साल के अहमद इब्न उमर श्रीनगर के Tyndale Biscoe School में चौथी कक्षा में पढ़ते हैं. उन्हें बचपन से ही एक्टिंग करने का शौक़ था. उन्होंने फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ से पहले भी कई फ़िल्मों और टीवी कमर्शियल में भी काम किया है. उन्होंने 2019 में फ़िल्म ‘नोटबुक’ में कप्तान कबीर कॉल का क़िरदार निभाया था.
Who Is Ahmad Ibn Umar?
मुझे बचपन से ही चाइल्ड एक्टर के लिए बहुत से ऑडिशंस देने पड़े थे. ऐसा बहुत बार हुआ कि, मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ. लेकिन मैंने कभी भी हार नहीं मानी. जब फ़िल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के ऑडिशंस चल रहे थे. तो मैंने 2 Casting Coordinator से मुलाक़ात हुई थी. उन्होंने मुझे बहुत हिम्मत दी. उसी दौरान मेरी कास्टिंग फ़िल्म ‘Notebook’ और ‘Yumerzal’ में भी हो गयी थी.
श्रीनगर के लोकल Casting Coordinator ने मुझे बताया कि, “आमिर खान अपनी फ़िल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ के लिए चाइल्ड एक्टर ढूंढ रहे हैं. तो मैंने सोचा एक बार कोशिश करके देखता हूं. तो मैंने ऑनलाइन ऑडिशन दिया. जिसके बाद मैं सेलेक्ट हो गया.” वो दिन मेरी ज़िन्दगी का सबसे अच्छा दिन था.
इस फ़िल्म के लिए मैंने बहुत मेहनत की थी. खाने से लेकर बोलने के लहज़े तक बदलना पड़ा. मैं रोज़ सुबह 3 बजे उठता था और अपने क़िरदार की तैयारी शुरू कर देता था और सेट से देर से लौटता था. मेहनत और लगन का कोई विकल्प नहीं है. मुझे उम्मीद है कि ऑडियंस फ़िल्म में मेरे एक्टिंग की सराहना करेगी.
इस फ़िल्म के लिए मैंने बहुत मेहनत की थी. खाने से लेकर बोलने के लहज़े तक बदलना पड़ा. मैं रोज़ सुबह 3 बजे उठता था और अपने क़िरदार की तैयारी शुरू कर देता था और सेट से देर से लौटता था. मेहनत और लगन का कोई विकल्प नहीं है. मुझे उम्मीद है कि ऑडियंस फ़िल्म में मेरे एक्टिंग की सराहना करेगी.
Who Is Ahmad Ibn Umar The Child Artist of Film ‘Laal Singh Chaddha’s’?