Jigna Vora Journalist : “या तो आप कहानी को ब्रेक करो, या कहानी आपको ब्रेक कर देगी.” हंसल मेहता की नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होने वाली अपकमिंग वेब सीरीज़ स्कूप (Scoop) का ये अंश डायरेक्टर के लेटेस्ट प्रोडक्शन की झलक देता है. मेहता की लेटेस्ट वेब सीरीज़ स्कूल सच्ची घटनाओं पर आधारित है, जो 2011 में क्राइम जर्नलिस्ट जिगना वोरा (Jigna Vora) के साथ हुई थीं. वोरा जो कि खूंखार गैंगस्टर छोटा राजन की कहानी पर काम कर रही थीं, उन्हें घटनाओं के एक व्याखात्मक मोड़ के बाद जेल में बंद होना पड़ा. अगर ये आपको एक्साइटमेंट से भरपूर कर रहा है, तो तब तक इंतज़ार करें जब तक आप वेब सीरीज़ ‘स्कूप’ की सच्ची कहानी नहीं सुन लेते.
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क्राइम रिपोर्टर और जर्नलिस्ट जिगना वोरा ने अपनी क़िताब ‘Behind Bars in Byculla: My Days in Prison’ में उस खौफ़नाक मंजर के बारे में याद किया है, जो आपको स्कूप के ट्रेलर में भी दिखा होगा और यही इस क्राइम ड्रामा का आधार है. ये कोई फ़िक्शन नहीं बल्कि एक रियल कहानी है, जिसने एक पत्रकार के जीवन को झकझोर कर रख दिया और कई सालों तक उनके बरी ना होने तक उनका पीछा किया. ये एक सच्ची कहानी, जिसने पत्रकार जिगना वोरा को तोड़ कर रख दिया.
आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.
स्कूप के पीछे की सच्ची कहानी
कल्पना करें कि आप एक संगठित अपराध के जाल में फंस गए हैं. वही झूठों का जाल जिसे आपने दुनिया के सामने उजागर किया था. वेब सीरीज़ ‘स्कूप’ की कहानी इसी बारे में है. इसमें एक क्राइम रिपोर्टर जाग्रुति पाठक (करिश्मा तन्ना) की कहानी बताई गई है, जिन पर बाद में अपने साथी जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे की हत्या का इल्ज़ाम लगाया जाता है. जाग्रुति का कैरेक्टर जिगना वोरा की कठिन परीक्षा का एक स्पष्ट चित्रण है, जिनका सामना उन्होंने इतने सालों में किया जब उन पर एक अन्य पत्रकार जे. डे की जान लेने की साज़िश में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
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किताब में क्या है जानकारी?
जिगना वोरा पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ़ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत कई अन्य आपराधिक आरोपों में आरोपित होने के अलावा इसकी कठोर आवश्यकताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. वोरा की किताब उन आरोपों पर प्रकाश डालती है, जो उनके खिलाफ़ लगाए गए थे और कैसे जांचकर्ताओं को गैंगस्टर छोटा राजन के साथ उनके संबंधों के सबूत मिले थे. जबकि वोरा ने आरोपों का जोरदार खंडन किया और बताया कि कैसे उन्होंने सिर्फ़ एक इंटरव्यू के लिए गैंगस्टर से संपर्क किया था, लेकिन ये स्टेटमेंट उनके ही विपरीत चला गया. 2019 में सामने आई उनकी किताब के अनुसार, उन्हें 2012 में ज़मानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन सात साल बाद ही उन्हें सभी आरोपों से मुक्त किया गया.
कब रिलीज़ होगी ये वेब सीरीज़?
ये सीरीज़ 2 जून को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी. इसमें मोहम्मद ज़ीशान अयूब, हरमन बावेजा और प्रोसेनजीत चटर्जी भी सपोर्टिंग रोल्स में हैं. ये सच्ची कहानी मृण्मयी लागू वैकुल और मीरत त्रिवेदी ने लिखी है.