Rajnikanth Spiritual Leader: सुपरस्टार रजनीकांत (Rajnikanth) इस समय अपनी फ़िल्म ‘जेलर’ को लेकर चर्चा में हैं. फ़िल्म 10 अगस्त को रिलीज़ हुई थी. फ़िल्म ने शुरुआती दो दिनों में ही 75 करोड़ रुपये का बिज़नेस कर लिया था इसके बाद ये कमाई ताबड़तोड़ चले ही जा रही हैं. फ़िल्म का चौथे दिन का कलेक्शन 300 करोड़ रुपये है. इनके फ़ैन्स रजनीकांत की हर फ़िल्म को त्योहार की तरह मानते हैं लेकिन रजनीकांत को इन सबसे मतलब नहीं है वो अपनी फ़िल्म की सफलता को पार्टी मनाकर नहीं बल्कि उस जगह पर वापस जाकर मना रहे हैं जहां उन्हें सुकून मिलता है, वो जगह है हिमालय की शरण में.

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तरण आदर्श ने हाल ही में लिखा- “RAJINIKANTH – ‘JAILER’: HOUSE FULL BOARDS ARE BACK… FANTASTIC NUMBERS ALL OVER.” रजनीकांत और नेल्शन की साथ वाली इस फ़िल्म को वर्ल्डवाइड पसंद किया जा रहा है. इसे ट्रेड एनालिस्ट भी ज़बरदस्त हिट बता रहे हैं. रजनीकांत के पावर-पैक परफ़ॉर्मेंस के साथ जेलर आपके वीकेंड का मज़ा दोगुना कर देगी. इस फ़िल्म से रजनीकांत ने दो साल बाद वापसी की है और वो इंस्पेक्टर बने हैं.

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फ़िलहाल रजनीकांत चार साल के बाद एक बार फिर हिमालय जा चुके हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो रजनीकांत पिछले 24 साल से अध्यात्म की राह पर हैं और उनका मानना है कि उन्होंने इस प्रक्रिया में ख़ुद को फिर से ढूंढा है. हालांकि, रजनीकांत ने कभी भी हिमालय की अपनी यात्रा के कारणों का ख़ुलासा नहीं किया है, मगर ये तथ्य सही है कि रजनीकांत महावतार बाबाजी ( Rajnikanth Spiritual Leader Sri Sri Mahavatar Babaji) के भक्त हैं.

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रजनीकांत साल 1999 में अपनी फ़िल्म Padiyappa की सफलता के बाद पहली बार हिमालय की यात्रा करने गए थे. महावतार बाबाजी जी के बारे में रजनीकांत को सबसे पहले 1978 में पता चला उन्होंने एक प्रख्यात किताब पढ़ी थी ऑटोबायोग्राफ़ी ऑफ़ अ योगी (Autobiography of a Yogi).

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आइए महावतार बाबा जी के बारे में जानते हैं.

भारतीय योगी योगिराज लाहिड़ी महाशय और कई अन्य शिष्यों ने अपने गुरु को महावतार बाबाजी नाम दिया, जो कथित तौर पर 1861 और 1985 के बीच उनके सामने प्रकट हुए थे. योगानंद की आत्मकथा के अनुसार,

महावतार बाबाजी भारत के सुदूर हिमालयी क्षेत्रों में कम से कम सैकड़ों वर्षों से निवास कर रहे हैं. केवल कुछ ही शिष्यों और अन्य लोगों द्वारा व्यक्तिगत रूप से वो एक विशेष प्रकार का योग करते हैं जिसे ‘क्रिया योग’ के नाम से जाना जाता है और हिमालय में घूमते हैं. ऐसा माना जाता है कि महावतार बाबाजी मृत्यु से परे हैं और उन्हें ‘मृत्युहीन गुरु’ कहा जाता है.

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बाबाजी के अनुयायी ही उनके बारे में बताते हैं, उनके बारे में ज़्यादा जानकारी उन्हीं से मिलती है जो उनसे मिल चुके हैं. किताब की माने तो वो आज की पीढ़ी की तरह ही युवा हैं और अजर-अमर हैं. कहा जाता है कि वो आज भी हिमालय की गुफ़ाओं में रहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, बाबाजी दूसरी शताब्दी में तमिलनाडु के कडलोर में जन्में थे इसके बाद वो ऋषिकेश चले गए.

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ऐसा बताया जाता है कि बाबाजी की गुफ़ा उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के दूनागिरि से एक घंटे दूर स्थित है. ये जगह रजनीकांत के लिए बहुत महत्व रखती है. वो पिछले 10 साल से ज़्यादा से समय से इस जगह पर जा रहे हैं. “Autobiography of a Yogi” में भी बाबाजी की गुफ़ा दिखाई गई है. रजनीकांत ने एक बार कहा कि,

मैं एक बार ये किताब (Autobiography of a Yogi) पढ़ रहा था और मुझे ऐसा लगा कि उनकी किसी एक तस्वीर से एक रौशनी सी निकली और मेरे शरीर के अंदर चली गई.

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जहां तक रही बात ​​रजनीकांत की जेलर की तो ये फ़िल्म पहले दिन से ही वर्ल्डलाइड धमाल मचा रही है. जेलर के बाद, रजनीकांत निर्देशक ऐश्वर्या की लाल सलाम में एक विस्तारित कैमियो में दिखाई देंगे. फ]fल्म जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होगी. रजनीकांत ने जय भीम फेम निर्देशक टीजे ज्ञानवेल के साथ एक फ़िल्म की भी घोषणा की है.