हाल ही में न्यूज़ एंकर और जर्नलिस्ट रवीश कुमार ने बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख़्तर का इंटरव्यू किया. इंटरव्यू का विषय था, लोकसभा इलेक्शन में धर्म को लेकर कैसे कैंपेन चलाया जा रहा है.
38 मिनट तक चले इस इंटरव्यू में 2 टॉपिक्स पर मेन चर्चा हुई. पहली, देश में जो रहा है उस पर. दूसरी कि कैसे इन सबका प्रभाव फ़िल्म इंडस्ट्री पर पड़ता है.
जावेद अख़्तर ने इंडिया और अमेरिका की भी तुलना की. जावेद साहब ने कहा कि अगर यहां कोई सवाल पूछ ले, तो उसकी फ़िल्म रोक दी जाती है. अमेरिका में ऐसा कुछ भी नहीं है. इसलिए वहां के सेलेब्रिटीज़ अपनी बात रखते हैं.
रवीश का कहना था कि ऐसे लोग भी हैं जो सुरक्षा के ख़तरे के बावजूद नेताओं पर सवाल उठाते हैं. इस पर जावेद अख्तर ने जवाब दिया कि ये सराहनीय हो सकता है लेकिन हर कोई ये करे, ये ज़रूरी नही है.
दोनों ने कई मुद्दों पर बात की. पूरे 38 मिनट के इंटरव्यू में तर्कसंगत बातें हुईं.
लोकतंत्र की ख़ूबसूरती यही है कि यहां कोई किसी की बात से सहमत और असहमत हो सकता है. आजकल के समाज में इस तरह के इंटरव्यू होने ज़रूरी हो जाते हैं.