समाज में ऐसी कई चीज़ें हैं, जिन्हें हम अनदेखा कर सकते हैं, पर इससे उनका अस्तित्व नहीं मिट जाता. ‘ऐसा कुछ नहीं है’ कहना आसान है पर ऐसा होता है, इसे मान लेना ज़रा मुश्किल और उस समस्या का हल ढूंढना तो सबसे मुश्किल है.

कुछ महीनों पहले हमने बाल यौन शोषण पर बात की थी. इस आर्टिकल पर लोगों के कमेंट पढ़कर ये अंदाज़ा लग गया कि इस सच्चाई से न जाने कितने लोग अनजान हैं. लोगों ने तो कह दिया कि नौकरों के भरोसे बच्चों को क्यों छोड़ा? पर ये समझने में चूक गए कि नौकर तो उस आर्टिकल में सिर्फ़ एक ज़रिया है. ख़तरा तो आपके ख़ुद के घर में ही मौजूद है.

बाल यौन शोषण के गंभीर समस्या है और ज़रा सी असावधानी के कारण, न जाने कितने मासूम इसका शिकार हो जाते हैं. अब जाकर इस पर खुलकर बात भी होने लगी है. आज से 10 साल पहले हालात ऐसे नहीं थे.

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जब भी किसी बच्चे का यौन शोषण होता है, इसमें उसकी कोई ग़लती नहीं होती. उसे चुप रहने को कहने वाले माता-पिता दोषी होते हैं. अपनी झूठी शान को बरक़रार रखने के लिए बहुत से माता-पिता ऐसा करते हैं. इससे बच्चे और ज़्यादा अकेले और असुरक्षित हो जाते हैं.

बाल यौन शोषण की शुरुआत होती है Grooming से. Grooming शब्द का अब तक आपने सकारात्मक अर्थ ही देखा होगा. Grooming का अर्थ है किसी भी बच्चे का यौन शोषण करने के लिए या उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए उसे तैयार करना. बच्चों की Grooming बहुत आसान है. बच्चे भोले होते हैं, एक टॉफ़ी से ही मान जाते हैं. उनको खेलने का साथी मिल जाए तो, वो उस साथी की हर बात मान लेते हैं.

बच्चों से दो मीठी बातें करके देखिये, वो सब कुछ भूलकर सिर्फ़ आपके हो जाएंगे. बच्चों की इसी मासूमियत का लोग ग़लत फायदा उठाते हैं. Grooming से बच्चों का न सिर्फ़ यौन शोषण किया जाता है, बल्कि उन्हें Child Pornography, Child Trafficking आदि में भी धकेल दिया जाता है. किसी भी बच्चे की Grooming करने में दिन, हफ़्ते और साल लग जाते जाते हैं.

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Grooming के बाद कोई भी बच्चा ये सोचने लगता है कि उसके साथ जो कुछ भी हो रहा है वो सामान्य है और ज़िन्दगी ऐसी ही चलती है. शारीरिक संबंध बनाने वाला व्यक्ति एक तरह से बच्चे को पूरी तरह से अपने वश में कर लेता है. बच्चे के साथ एक भावनात्मक संबंध बनाने के बाद बच्चे को अपनी हवस का शिकार बनाया जाता है. कई बार लोग बच्चे से ये तक कहते हैं कि उन दोनों के बीच प्यार है और प्यार की ख़ातिर ये सब उसे करना चाहिए.

स्कॉलर्स और Psychiatrists ने Grooming की 6 Stages बताई हैं-

1. बच्चे को टार्गेट करना

अपराधी सबसे पहले ऐसे बच्चे को ढूंढता है, जो बहुत संवेदनशील और अकेला होता है. जो बच्चे माता-पिता की नज़र से दूर रहते हैं, वो ज़्यादा असुरक्षित होते हैं. अपराधी ऐसे ही बच्चों की तलाश करता है.

2. बच्चे का विश्वास जीतना

अपराधी बच्चे पर नज़र रखता है और उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करता है. बच्चे का खालीपन जानकर अपराधी उसे भरने की कोशिश करता है. ऐसा करने के लिए अपराधी बच्चे के आस-पास के लोगों से भी दोस्ती करता है. अपराधी बहुत शातिर दिमाग़ी होता है और चौकन्ना रहता है क्योंकि ज़रा सी चूक और भेद खुल जाने का डर हमेशा बना रहता है.

3. बच्चों की ज़िन्दगी के खालीपन को भरने की कोशिश

बच्चे और उसके आस-पास के लोगों का विश्वास पाकर अब अपराधी बच्चे की ज़िन्दगी के खालीपन को भरने की कोशिश करता है. अब अगर माता-पिता की नज़र पड़ती भी है तो बच्चे की खुशी पर पड़ती है, खुशी की वजह पर नहीं.

लेकिन यहीं पर माता-पिता को चौकन्ना होने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है. जैसे ही माता-पिता को लगे कि उनका बच्चा किसी व्यस्क की तरफ़ ज़्यादा आकर्षित हो रहा है, वहीं पर बात संभाल लेनी चाहिए.

4. बच्चे को Isolate करना

अपराधी बच्चे का विश्वासपात्र बनने के बाद उसे बाकी लोगों से अलग करने लगता है. इसके बाद अपराधी ऐसी Situations बनाता है, जहां वो और बच्चा अकेले हों. बच्चा भी उस अपराधी को अपना सबकुछ मानने लगता है. अपराधी बच्चे के दिमाग़ में ये बात भर देता है कि उस अपराधी के अलावा कोई उससे प्यार नहीं करता, उसके मम्मी-पापा भी नहीं.

5. Sexual Relations बनाना

जब बच्चा अपनेआप को पूरी तरह से उस इंसान को सौंप देता है, ऐसे ही वक़्त पर वो इंसान इस दोस्ती और विश्वास के रिश्ते में सेक्स और शारीरिक संबंधों को लेकर आता है. बच्चे को ये पता नहीं होता कि जो उसके साथ हो रहा है, वो ग़लत हो रहा है या सही. वो उस इंसान से प्रेम के कारण राज़ी हो जाता है और इस पूरे वाकये को छुपा कर रखता है. अपने मम्मी-पापा से भी नहीं कहता.

6. बच्चे पर पूर्ण नियंत्रण

एक बार Sexual Relation स्थापित हो जाने के बाद आरोपी बच्चे पर पूरी तरह नियंत्रण कर लेता है. आरोपी ऐसी Situations तैयार करता है, जहां वो आसानी से बच्चे के साथ शारीरिक संबंध बना सके. जैसे कि Swimming, जहां आमतौर पर लोग कम कपड़ों में ही होते हैं. आरोपी बच्चे को वीडियो, फ़ोटोज़ आदि दिखाकर भी सेक्स से परिचित कराता है.

Grooming के दौरान आरोपी अपनी Sexual Preference के हिसाब से बच्चे का इस्तेमाल करता है.

Grooming बच्चे या बच्ची के साथ पुरुष, स्त्री कोई भी कर सकता है. कोई भी, किसी भी उम्र में Grooming का शिकार हो सकता है. कई बार ऐसे Teenagers जो ख़ुद को Openly Gay घोषित कर देते हैं इसका शिकार हो जाते हैं. कुछ दिनों पहले एक वीडियो आया था, जिसमें एक कॉलेज छात्र ने स्वीकारा था कि 13 साल की उम्र से ही वो Grooming के कारण Sexual Abuse का शिकार हुए थे. कई सालों तक उनका यौन शोषण किया गया. उनसे ये कहा गया था कि Gay बनने के लिए ये ज़रूरी है.

कई बार Grooming और Romance में Differentiate करना मुश्किल होता है. अगर किसी भी मोड़ पर ऐसा लगे, तो उस रिश्ते को वहीं छोड़ देना चाहिए. सबसे ज़रूरी है अपने माता-पिता से खुलकर बातें करना. हमारे समाज में ये चलन बहुत कम घरों में है. कई बार माता-पिता भी समझना नहीं चाहते. आज तक ना जाने कितने ही लोग इसके शिकार हुए होंगे और हो रहे होंगे.  

Realistic Illustrations by- Mir Suhail