‘बोरोलीन’ (Boroline) हर मर्ज़ की दवा. फटे होंठ, फटी एड़ियां और रूखी त्वचा इन सारी चीज़ों के लिये बोरीलीन ही काफ़ी है. हर रोज़ बाज़ार में नई-नई क्रीम आती और जाती हैं, लेकिन बोरोलीन का कोई तोड़ नहीं. आज भी सबकी पहली पसंद बोरोलीन है. ख़ासकर सर्दियों के मौसम में.

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Boroline की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि इसकी क्वॉलिटी आज भी वैसी ही है, जैसी कल थी. सालों बाद भी इस ब्रांड ने अपने प्रोडक्ट के साथ कोई समझौता नहीं किया और आज भी इसकी वही ख़ुशबू बरक़रार है. इसके साथ ही कीमत में कोई ख़ास फ़र्क नहीं आया, बल्कि अब हर किसी के लिये बोरोलीन खरीद पॉकेट में रखना और भी आसान हो गया. 

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1. अब 10 रुपये में बोरोलीन की छोटी डिब्बी. 

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2. कटी-जली त्वचा पर मरहम का काम करे Boroline. 

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3. फटी एड़ियों में जान लाये बोरोलीन. 

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4. रूखे होंठो को ख़ूबसूरत बनाये Boroline. 

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महंगी से मंहगी क्रीम खरीदने के बाद भी बोरोलीन (Boroline) जैसा सुकून किसी में नज़र नहीं आता. एंटीसेप्टिक सुगन्धित क्रीम का उत्पादन 1921 में गौरमोहन दत्त द्वारा शुरू किया गया था. देखते ही देखते इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि अंग्रज़ों के ज़माने में ये प्रोडक्ट ‘स्वदेशी’ एवं आर्थिक आज़ादी की पहचान बन गया. कई लोग इसका इस्तेमाल चोट या खंरोच लगने पर भी करते हैं. सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए, तो ये ऑल-इन-वन है. बस इसलिये ये हर भारतीय की नबंर वन चॉइस है.

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Feature Image Source : Boroline