‘सांवला रंग’, ये हमारे समाज़ का वो कड़वा सच है, जिसे नकारा नहीं जा सकता. दिल और द़िमाग हो न हो, इंसान का रंग गोरा होना चाहिए. यहां तक कि सांवला रंग होने के कारण कई शादियां भी टूट जाती हैं.
मानों इस समाज़ में सांवला रंग लेकर पैदा होना एक घोर अपराध है. इस रंगभेद को और बढ़ावा मिला, जब कुछ कंपनी ने गोरा करने के दावे शुरू किए.
और फिर सिलसिला चल पड़ा Fairness Cream ke प्रचार का. भारत जैसा देश, जहां 70 प्रतिशत आबादी सांवली hai, गोरे होने की झूठी रेस का हिस्सा बन गया.
अभय देओल ने बहुत दिनों बाद सोशल मीडिया पर वापसी की है. वापसी भी ऐसी कि उन्होंने पूरे बॉलीवुड के कई कलाकारों को आइना दिखा दिया हो. अभय ने गोरापन बढ़ाने वाली क्रीमों के खिलाफ़ एक मुहिम छेड़ दी है. अभय ने अपने फेसबुक पेज पर कई हीरो-हीरोइनों के उन विज्ञापनों की फोटो डाली हैं, जो भारतीय रंग को नीचा दिखाते हुए गोरापन बढ़ाने का दावा करते हैं.
इस पोस्ट के जरिए अभय ने शाहरुख खान, जॉन अब्राहम, इलियाना डिक्रूज, विद्या बालन, शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण, सोनम कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा आदि पर निशाना साधा है.
बॉलीवुड अभिनेत्री नंदिता दास काफी समय से गोरेपन के पीछे पागल समाज के खिलाफ़ लड़ रही हैं. उनका मूवमेंट है ‘Unfair and Lovely’. इसके हवाले से अभय ने हाल ही में रंगभेदी टिपण्णी करने वाले सांसद तरुण विजय पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि, ‘नंदिता कितनी भोली हैं, जो हमें ये सिखा रही हैं कि काले लोग भी सुंदर होते हैं. क्या उन्हें नहीं पता कि हम ये पहले से जानते हैं? अगर ऐसा नहीं होता, तो हम साउथ के लोगों को अपना कैसे कर रहे हैं? क्या? वो ओडिशा से हैं? क्या हम उसे भी दक्षिणी पट्टी में शामिल कर सकते हैं? क्योंकि मैं अपनी इस बकवास पर यकीन करना चाहता हूं.’
वहीं अभय ने कंगना और रणवीर हुड्डा जैसे कलाकारों की तारीफ़ भी कि, जिन्होंने रंगभेद को बढ़ावा न देने की वज़ह से ऐसे विज्ञापनों का प्रचार नहीं किया.
Fair & Lovely का झूठ
सालों पहले, सांवली त्वचा को गोरा करने का दावा लेकर जब ये क्रीम बाज़ार में लॉन्च हुई, तो लोगों पर इसका खुमार इस कदर चढ़ा, कि आज भी लोग दुकान पर जाकर सबसे पहले ये पूछते हैं कि Fair & Lovely है क्या? इतना ही नहीं, इस क्रीम की ब्रांड अंबेसडर, यामी गौतम टीवी पर ये दावा भी करती नज़र आती हैं, कि अगर इस क्रीम को लगाने से आप गोरे नहीं हुए, तो कंपनी आपको करोड़ों रूपए ईनाम में देगी.
लेकिन ‘Fair and Lovely’ को लेकर महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने एक चौंका देने वाला खुलासा किया है. ये क्रीम Microbial Limit Test में फ़ेल हो गई.
भारत में सबसे लोकप्रिय ब्रांड में शुमार, इस क्रीम की वार्षिक बिक्री 2000 करोड़ रुपए से भी अधिक है. ये ब्रांड FMCG कंपनी हिंदुस्तान लीवर के अंतर्गत आता है. हिंदुस्तान लीवर रोज़ाना इस्तेमाल किए जाने वाले कई घरेलू उत्पादों का उत्पादन करती है.
Microbial Limit Test के लिए इसका नमूना मुंबई की एक दुकान से लिया गया और ये टेस्ट मानकों पर खरी नहीं उतरी.
मामले में महाराष्ट्र FDA के आयुक्त, हर्षदीप कांबले का कहना है कि, कंपनी में रखे हुए क्रीम के सैंपल अगर हमारे नमूने से मैच नहीं हुए, तो कंपनी के खिलाफ़ कार्यवाही की जाएगी.’
ये तो आप सभी जानते होंगे कि, चमकने वाली हर चीज़ हीरा नहीं होती. क्या आपको लगता है, कि जिन स्टार्स के एड देखकर आप प्रोडक्ट खरीदते हैं, वो वाकई में उसे इस्तेमाल करते होंगे? अगर आपके अंदर Self Confidence है, तो आप किसी भी रंग के हों, अच्छे ही लगेंगे. दिखावे पर मत जाइए. Fairness क्रीम का इस्तेमाल करने से आगे चलकर आपकी त्वचा ख़राब हो सकती है.