दोस्तों अगर मैं आपसे पूछूं कि सुबह उठते ही आप सबसे पहले क्या काम करते हैं, तो शायद अधिकतर लोगों का जवाब होगा टूथब्रश… हैं न, यही जवाब होगा आपका. जी ये सच है की सुबह उठते ही हम सबसे पहले बाथरूम में जाकर टूथब्रश ही उठाते हैं और अपने दांतों की सफ़ाई करते हैं. और ये आदत हमको बचपन से ही डलवाई जाती है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि रोज़ सुबह उठकर हम जिस ब्रश को हाथ में उठाते हैं, वो किसके दिमाग़ की उपज है? कौन था वो शख़्स जिसने टूथब्रश का आविष्कार किया था? चलिए कोई बात नहीं अगर आपने अभी तक इस बारे में नहीं सोचा है, तो हम आपको बता देते हैं उस व्यक्ति का नाम.

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लेकिन उससे पहले हम आपको एक बात और बता दें कि दांतों की सफ़ाई का इतिहास भी किसी अन्य चीजों के इतिहास के जितना ही रोचक है. प्राचीन काल से ही लोग खाना खाने के बाद अपने दांतों की साफ़ करने के लिए किसी ऐसी चीज़ का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, जिससे उनके दांतों में फंसा खाना निकल जाए, फिर चाहे वो दातून हो, कोई लकड़ी का नुकीला सा टुकड़ा हो, या फिर इलेक्ट्रॉनिक ब्रश, या च्युइंगगम.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले इंसान ने अपनी इंडेक्स फ़िंगर का इस्तेमाल करते थे अपने दांत साफ़ करने के लिए. आज भी कई बार हम लोग जब ट्रिप पर पाना टूथब्रश ले जाना भूल जाते हैं, तो अपनी उंगली से ही दांत साफ़ करते हैं.

अब आप ये जान लीजिये कि पहले टूथब्रश का आविष्कार 26 जून, 1498 को चीनी सम्राट द्वारा किया गया था. उस समय जो ब्रश बनाया गया था उसके बाल बहुत सख़्त होते थे, और दांतों में चुभते थे, ऐसा इसलिए था क्योंकि उस समय जो ब्रश बनाये जाते थे, उनको सूअरों की गर्दन के बालों को बांस या और हड्डी की छड़ी में बारीक छेद करके टूथब्रश तैयार किये जाते थे. पहला ब्रश बनाने के लिए सूअर के बालों का इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि चीन के मौसम के कारण उनके बाल बहुत कड़े होते थे. फिर उसके बाद यह टूथब्रश चाइना से यूरोप में ले जाया गया और क्योंकि उस समय दांत को साफ़ करने के लिए सिर्फ़ यही एक नमूना था इसी कारण इंग्लैंड ने चाइना से 20वीं शताब्दी तक इन टूथब्रश को खरीदा.

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आइये अब जानते हैं कि कैसे-कैसे हम तक आज इस रूप में पहुंचा टूथब्रश:

1. आधुनिक युग के टूथब्रश का आविष्कार इंग्लैंड के एक कैदी, जिसका नाम William Addis था ने 1780 में किया था. William के मन में टूथब्रश बनाने का ख़याल तब आया, जब जेल में वो अपने दाँतों को साफ़ करने के लिए राख या नमक का इस्तेमाल करते थे, पर उससे दांत साफ़ नहीं होते थे. फिर एक दिन खाने में निकली हड्डी में छेद करके उन्होंने उसमें सूअर के बाल चिपका दिए. जब वो जेल से रिहा हुए तब उन्होंने अपने इस आविष्कार को टूथब्रश के रूप में बेचना शुरू किया. बाद में उन्होंने एक कम्पनी भी शुरू की जिसका नाम ‘विस्डम टूथब्रश’ है और आज भी उनकी कम्पनी प्रति वर्ष 70 मिलियन टूथब्रश बनाती है.

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2. 1857 में यूनाइटेड स्टेट्स ने इस अविष्कार का पहला पेटेंट नंबर, 18,653, H.N Wordsworth को दिया लेकिन उस समय यूनाइटेड स्टेट में ब्रश करने वालों की संख्या बहुत कम थी लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब सैनिक वापस घर लौटे, तो उन्होंने ब्रश करने की आदत सभी लोगों में डाल दी.

3. साल 1885 तक टूथब्रश का बड़े पैमाने पर उत्पादन अमेरिका में शुरू हो गया था.

4. जब नायलॉन का अविष्कार हुआ तो उस समय में टूथब्रश में जानवरों के बालों की जगह नायलॉन का इस्तेमाल किया जाने लगा. और 1938 में बिना जानवरों के बालों का एक टूथब्रश तैयार किया गया था.

5. 1950 में नायलॉन की रस्सी बनाई गई थी. क्योंकि लोग इन्हें बहुत पसंद करते थे पहला इलेक्ट्रिक टूथब्रश 1939 में बनाया गया था.

6. 1960 में अमेरिका में पहला इलेक्ट्रिक टूथब्रश Broxodent था, जिसे Squibb firm ने बनाया था.

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वर्तमान में, इलेक्ट्रिक और मैनुअल दोनों तरह के टूथब्रश कई साइज़ेज़ और शेप में आते हैं और आमतौर पर इन्हें नायलॉन ब्रिस्टल और प्लास्टिक मोल्ड किए गए हैंडल के साथ डिज़ाइन किया जाता है.

Source: indiatimes